रांची, झारखण्ड । फरवरी | 18, 2018 :: ज्योतिष शास्त्री स्वामी दिव्यानंद ( डॉ सुनील बर्मन ) के अनुसार इस वर्ष होलाष्टक दिनांक 23 फरवरी 2018 से प्रारंभ हो रहे हैं जो कि 1 मार्च 2018 को समाप्त होंगे. इस बीच किसी भी प्रकार के शुभ कार्य वर्जित माना गया है, यह 8 दिनों का होता है
होली के आठ दिन पूर्व हिरण्यकशिपु ने अपने हरीभक्त पुत्र को यातना देते-देते अष्टमी के दिन ही बंदी बना दिया था, और इसीके आठवें दिन होलिका दहन हुआ,
एक दूसरी कथा के अनुसार, भगवान शिव ने कामदेव को तपस्या में विघ्न डालने के कारण भस्म किया था, फिर कामदेव की पत्नी रति के विलाप से शांत होकर पुनः जीवित होने का वरदान दिया……
मान्यता है कि भक्त प्रह्लाद की अनन्य नारायण भक्ति से क्रुद्ध होकर हिरण्यकश्यप ने होली से पहले के आठ दिनों में प्रह्लाद को अनेकों प्रकार के जघन्य कष्ट दिए थे. तभी से भक्ति पर प्रहार के इन आठ दिनों को हिंदू धर्म में अशुभ माना गया है.
होलाष्टक शब्द होली और अष्टक दो शब्दों से मिलकर बना है. जिसका भावार्थ होता है होली के आठ दिन. होलाष्टक फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी से शुरू होकर फाल्गुन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तक रहता है. अष्टमी तिथि से शुरू होने कारण भी इसे होलाष्टक कहा जाता है. दूसरे शब्दों में हम भी कह सकते हैं कि हमें होली आने की पूर्व सूचना होलाष्टक से प्राप्त होती है. इसी दिन से होली उत्सव के साथ-साथ होलिका दहन की तैयारियां भी शुरू हो जाती है.
कब कौन-सा ग्रह रहेगा उग्र
23 फरवरी अष्टमी को चंद्र
24 फरवरी नवमी को सूर्य
25 फरवरी दशमी को शनि
पूर्णिमा को मंगल और राहु
26 फरवरी एकादशी को शुक्र
27 फरवरी द्वादशी को बृहस्पति
28 फरवरी त्रयोदशी को बुध
1 मार्च चतुर्दशी, पूर्णिमा को मंगल और राहु