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हिंदी देश को एकसूत्र में पिरोए रखती है : महुआ माझी ( राज्यसभा सांसद )

 

राची, झारखण्ड  | सितंबर  | 15, 2022 :: हिंदी दिवस के अवसर पर बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान, मेसरा के राजभाषा प्रकोष्ठ एवं लिटररी सोसाइटी द्वारा संयुक्त रूप से हिंदी पखवाड़ा का आयोजन किया गया । पाँच दिवसीय कार्यक्रम का समापन 14 सितंबर को हुआ ‘हिंदी भाषा: दशा और दिशा’ विषय पर चर्चा हुई, जिसमें हिंदी के भाग्य और स्थिति और इसके प्रचार के तरीकों पर अतिथियों के विचार शामिल थे।
अतिथियों के रूप में राज्यसभा संसद डॉ महुआ माजी, रांची विश्वविद्यालय के पूर्व प्राध्यापक डॉ अशोक प्रियदर्शी, संत जेवियर्स कॉलेज रांची के हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ कमल कुमार बोस एवं कवि व स्तंभकार डॉ सुनील सिंह बादल को आमंत्रित किया गया था।

कुलसचिव कर्नल सुखपाल सिंह खेत्रपाल ने कहा भाषा ने समय के साथ चलते चलते बहुत योगदान दिया है। हमारी राजभाषा हमारी धरोहर है।
कुलसचिव ने कहा भाषा ने समय के साथ चलते चलते बहुत योगदान दिया है। हमारी राजभाषा हमारी धरोहर है।
महुआ माझी , राज्यसभा सांसद ने कहा कि हिंदी देश को एकसूत्र में पिरोए रखती है विदेशो में रहने वाले हिंदी भाषा पर काफी ध्यान दे रहे है।
सुनील सिंह बादल ने कहा कि हिंदी को विश्व भाषा बनाने के लिए क्षेत्रीय राजनीति से ऊपर उठकर इसे राष्ट्र भाषा का दर्जा देना चाहिए।
कार्यक्रम के पहले दिन पांच गणमान्य अतिथि व हिंदी कवियत्रियों श्रीमती रजनी मिश्रा जी, श्रीमती अनीता अनुश्री जी, श्रीमती रेणु त्रिवेदी मिश्र जी, श्रीमती सुरिंदर कौर नीलम जी एवं आकाशवाणी की उद्घोषिका श्रीमती सीमा चंद्रिका तिवारी जी का स्वागत किया गया।किया।
के20 बैच के स्पर्श आनंद व के21 बैच की सृष्टि चौधरी कार्यक्रम के एंकर के रूप मे उपस्थित थे।
कार्यक्रम की पहली संध्या की शुरुआत दीप प्रज्वलन समारोह के साथ हुई, जिसके बाद डॉ ए के तिवारी ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।
छात्र मामलों के डीन डॉ भास्कर कर्ण ने अपने संबोधन में हिंदी के महत्व और राजभाषा प्रकोष्ठ की भूमिका पर प्रकाश डाला।
सुरिंदर कौर नीलम की अध्यक्षता में आयोजित कविता सत्र में अतिथियों ने बारी-बारी से श्रोताओं को अपनी कविताएँ, गजलें व नज़्म सुनाए।
दिन के अंत के साथ अतिथियों को सम्मान स्वरूप स्मृति-चिन्ह भेट किए गए।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग की डॉ ऋचा पांडे ने कार्यक्रम के पहले दिन का समापन विशिष्ट अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया।
कार्यक्रम के दूसरे दिन कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न छात्रों और संकाय सदस्यों ने अपनी साहित्यिक कृतियां प्रस्तुत कीं।
आयोजन के होस्ट के रूप में केमिकल इंजीनियरिंग के20 के स्पर्श आनंद थे। डॉ प्रवीण श्रीवास्तव, डॉ पीयूष तिवारी, डॉ अमित कुमार तिवारी, डॉ नीरज कुमार सिंह, डॉ ऋचा पांडे, नीता शर्मा, अपर्णा शांभवी, भानु प्रताप सिंह और पीयूष कुमार समेत अनेक साहित्य प्रेमियों ने प्रस्तुति दी।
हिंदी पखवाड़ा आयोजन के तीसरे दिन, एक ऑनलाइन प्रतियोगिता, अधूरे अश’आर का आयोजन किया गया।
प्रतिभागियों को एक वाक्य दिया गया था और इसके आधार पर उन्हें एक कविता लिखनी थी। आयोजन के अंतिम दिन प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा की गई और उन्हें पुरस्कृत किया गया।
आयोजन के चौथे दिन किस्सागोई कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
संध्या की पहली प्रस्तुति के रूप में के 21 बैच के शशांक राज और सुमीत कुमार ने श्री रामधारी सिंह दिनकर जी की रश्मिरथी के सप्तम सर्ग का पाठ किया।
शाम का दूसरा प्रदर्शन के18 की अपर्णा शाम्भवी और के20 और हर्ष राज द्वारा प्रस्तुत “सिद्धार्थ और यशोधरा” था। कार्यक्रम के एंकर 21 बैच के आयुष दत्त मेहता थे।
समकालीन दुनिया में हिंदी भाषा की स्थिति पर गणमान्य अतिथियों ने बारी-बारी से अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने भाषा को बढ़ावा देने व उसके प्रचार की आवश्यकता पर बल दिया।

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