* योजनाओं के क्रियान्वयन एवं कार्यों के सुचारू संचालन हेतु वित्तीय अनुशासन जरूरी
* एक सप्ताह में सभी उपायुक्त योजनावार समीक्षा करें और गैर जरूरी राशि को ट्रेजरी में जमा करायें
* गरीबोन्मुखी योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी
* दिसंबर से प्रमंडलवार प्री बजट मीटिंग शुरू होगी। इसी दिन दूसरी पाली में प्रमंडल के उपायुक्तों के साथ बैठक की जायेगी
* मीडिया के माध्यम से किसानों को धान खरीद की प्रक्रिया और बोनस के साथ दी जा रही 1700 रुपये प्रति क्विंटल दर की जानकारी दें
……………. रघुवर दास,मुख्यमंत्री
राँची, झारखण्ड । नवम्बर | 24, 2017 :: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य में कार्यों के सुचारू संचालन के लिए वित्तीय अनुशासन जरूरी है। बैंकों में बिना मतलब के पैसे पड़े न रह जायें। विकास योजनाओं के लिए जितनी जरूरत है, उतनी राशि रख कर शेष राषि सरेंडर करें। इस राशि का उपयोग दूसरी योजनाओं में किया जायेगा। वित्तीय अनुशासन के गड़बड़ाने से विकास कार्यों पर सीधा असर पड़ता है। उन्होंने निदेष दिया कि एक सप्ताह में सभी उपायुक्त योजनावार समीक्षा करें और गैर जरूरी राशि को ट्रेजरी में जमा करायें। वे आज झारखंड मंत्रालय में राज्य के वरीय अधिकारियों के साथ विकास योजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि हैप्पी झारखंड – हैप्पनिंग झारखंड बनाना है। गरीब उन्मुखी योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास हेतु मुख्यालय, जिला व प्रखंड स्तर पर टीम बनाकर काम करें। योजना की सफलता के लिए जनभागीदारी जरूरी है। हम जितना लोगों की भागीदारी करेंगे, उतनी तेजी से सफलता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिसंबर से प्रमंडलवार प्री बजट मीटिंग शुरू होगी। इसी दिन दूसरी पाली में प्रमंडल के उपायुक्तों के साथ बैठक की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के छह अति पिछड़े जिलों (पाकुड़, साहेबगंज, चाईबासा, गुमला, सिमडेगा व खूंटी) पर सरकार का विशेष फोकस है। इनमें से भी पाकुड़ और साहेबगंज ज्यादा पिछड़े हैं। इन्हें अग्रणी जिले में लाना है। इसके लिए इस बजट में विशेष प्रावधान किया जायेगा। सभी डीसी व वरीय अधिकारी एक-एक गांव को गोद लें और वहां जनभागीदारी से विकास योजनाओं को लागू करायें। हर रविवार को डीसी इस गांव में जाकर लोगों से मिलें। थोडे़ से प्रयास से रांची के आरा-केरम गांव की तरह ही राज्य के अन्य गांवों में भी सुधार आ जायेगा। आरा-केरम की तर्ज पर राज्य के 1000 गांवों को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। दीनदयाल ग्राम उत्थान योजना के तहत इन गांवों का विकास किया जायेगा। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत जल्द ही पूरे राज्य में एक साथ पंचायत स्तर पर तीन दिन का कैंप लगाकर बीमा कार्ड का वितरण किया जायेगा। आपातकालीन मेडिकल सेवा 108 के लिए सभी उपायुक्त अपने-अपने जिले में एंबुलेंस के लिए सबसे उचित स्थान का निर्धारण करें। एंबुलेंस में आपात स्थिति में प्रसव की भी सुविधा हो। जोहार व तेजस्विनी योजना का लाभ जल्द से जल्द लोगों तक पहुंचे इसे सुनिश्चित करें।
2022 तक झारखंड के बीपीएल परिवारों को गरीबी रेखा से ऊपर लाना है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बन गये मकानों में बिजली, पानी और निशुल्क गैस कनेक्शन पहुंचाने की प्रक्रिया में तेजी लायें।
उन्होंने कहा कि दिसंबर से धान की खरीद शुरू होगी। इसके लिए पूरी तैयारी रखें। गोदाम के अभाव में किसानों को लौटना न पड़े, इसे सुनिश्चित करें। उपायुक्त मीडिया के माध्यम से किसानों को धान खरीद की प्रक्रिया और बोनस के साथ दी जा रही 1700 रुपये प्रति क्विंटल दर की जानकारी दें। इसके अलावा हर माह जिले में चल रही विकास योजनाओं की प्रगति की जानकारी मीडिया के माध्यम से लोगों को दें। बालू घाट के लिए दो कैटेगरी तय की गयी है। कैटेगरी एक में निजी उपयोग के लिए बालू मैनुअल तरीके से निकाली जानी है। कैटेगरी दो में बड़े घाटों को चिह्नित किया जाना है। डीसी 10 दिनों में घाटों की कैटेगरी कर रिपोर्ट दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विभाग से जुड़े सभी सरकारी चिकित्सकों तथा जिला में शिक्षा पदाधिकारियों के लिए टूर डायरी अनिवार्य करें। इसमें लाभुक के हस्ताक्षर और मोबाइल नंबर रहे। हर 15 दिन में रिपोर्ट मंगायें। एक प्रति जनसंवाद को भेजें। सरकार फोन करके क्रास चेक करायेगी। डिस्ट्रीक माइनिंग फंड के तहत चल रही जलापूर्ति योजनाओं में तेजी लाने का निदेश दिया। शहरी क्षेत्र में सीसीटीवी के काम में तेजी लाने का निदेश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि रांची में काम शुरू हो गया है। जमशेदपुर, बोकारो, धनबाद, देवघर, दुमका, रामगढ़ जैसे शहरों के लिए जल्द सर्वे कर सीसीटीवी लगाने की प्रक्रिया शुरू करें। सीसीटीवी लगने से न केवल ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार आयेगा, बल्कि छिनतई समेत छोटे-मोटे अपराध पर नियंत्रण लगेगा। जेल में बंद अपराधियों पर कड़ी नजर रखते हुए उनके आर्थिक स्रोत को तोड़ें। अपराधियों के प्रति जेल में किसी प्रकार की ढिलाई का पता चले, तो जेलर को तत्काल बर्खास्त किया जायेगा। प्रखंड स्तर पर बीडीओ कार्यालय और उनके रहने के आवास का काम जल्द पूर्ण करें। सभी ब्लॉक को इंटरनेट कनेक्टिविटी से जोड़ें, ताकि बैठकों के लिए बार-बार बीडीओ को जिला मुख्यालय न जाना पड़े। प्रमंडलीय आयुक्त हर माह संबंधित जिला के उपायुक्तों के साथ बैठक कर विकास कार्यों की समीक्षा करें।
श्री दास ने कहा कि प्राकृतिक व मानव संसाधन से समृद्ध झारखंड से गरीबी समाप्त करने के लिए विजन, मिशन और समर्पण के साथ काम करने की जरूरत है। अधिकारी-कर्मचारी केवल नौकरी करने की न सोचें। यह राज्य सभी का है। इसके विकास के लिए सभी अपनी सोच लगायें। जो जहां है, अपना काम ईमानदारी से करें। यही सच्ची देश सेवा होगी। छोटे-छोटे काम से हम जनता का विश्वास जीत सकते हैं। गरीब का काम करने से जो संतोष और आनंद मिलेगा, वह करोड़ों रुपये कमा कर भी नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि जिला स्तर के अधिकारियों के अवकाश व छोटी सजा का पावर उपायुक्त को दिया जायेगा।
बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राजबाला वर्मा ने कहा कि वित्तीय अनुशासन रहने से विकास कार्यों में तेजी आयेगी। विकास कार्यों के लिए निर्धारित राशि से अविलंब विकास कार्यों में लगायें और पूरा करें। जो राशि अनुपयोगी राशि जमा है, उसे ट्रेजरी के रिसिट हेड में जमा करें। एक अनुमान के मुताबिक यह राशि लगभग 2000 करोड़ रुपये होगी। इसके उपयोग अन्य विकास कार्यों में किया जा सकेगा।
अपर मुख्य सचिव अमित खरे ने बैठक का संचालन करते हुए कहा कि विकास कार्यों के लिए राज्य में राशि की कमी नहीं है। लेकिन बिना जरूरत की राशि को बैंक में जमा न रखें। जिला स्तर पर हर माह राजस्व संग्रहण की बैठक भी करें। बैठक में कई जिलों के उपायुक्तों, प्रखंड विकास अधिकारियों ने अपने अनुभव और अपने सुझाव दिये।
कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, सुखदेव सिंह, इंदूशेखर चतुर्वेदी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, सचिव सुनील कुमार बर्णवाल समेत राज्य के सभी प्रधान सचिव, सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त व आइजी, सभी जिलों के उपायुक्त, जोहार योजना के तहत आनेवाले 17 जिलों के 68 प्रखंडों के बीडीओ समेत अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।