Jagdish Singh
आलेख़ लाइफस्टाइल

अपने सपनों को दें ऊँची उड़ान :: गुड़िया झा

रांची, झारखण्ड | अप्रैल | 23, 2020 :: आमतौर पर देखा जाता है कि हम अपने जीवन में बहुत कुछ करना चाहते हैं। अपने सपनों को मन में संजोये रखते हैं।
कई परिस्थितियों के कारण जब ये सपने पूरे नहीं हो पाते हैं, तो हमारे मन में एक अजीब सी निराशा उत्पन्न होती है।
क्यों न इस निराशा को आशा में बदलकर फिर से जुट जायें अपने सपने पूरे करने को।
बस जरूरत है हमें जागरूक होने की।

1, जब जागो, तभी सबेरा।
ये बात हमेशा ही सही साबित होती है कि जब भी देर, सबेर कभी भी हमें मौका मिले पूरी हिम्मत से अपने कदम आगे बढ़ाने चाहिए। कभी भी अपने मन में ये भ्रम ना पालें कि इतने दिनों तक तो मैंने कुछ नहीं किया, अब करके क्या करूंगी।

सपनों को पूरा करने में उम्र कभी बाधक नहीं बनती। बस हमारे हौसले बुलंद होने चाहिए।
मेहनत से किया गया कोई भी काम छोटा नहीं होता। घर की छत तक पहुंचने के लिए हमें छोटी छोटी सीढ़ियों पर ही पहले चढ़ना होता है। ठीक उसी प्रकार बड़ी सफलता प्राप्त करने के लिए छोटी छोटी सफलताओं के पुल तो हमें तैयार करने ही होंगे।

2, अपनी योग्यता और क्षमता को पहचाने।
जब भी हम अपने सपनों को नया आयाम देने की सोचें, तो सबसे पहले अपनी योग्यता और क्षमता का आकलन जरूर करें। जैसे ही हम अपनी योग्यता और क्षमता को पहचान लेंगे, फिर आगे बढ़ने के रास्ते भी अपने आप ही मिल जाएंगे।

जिस विषय पर हमारी मजबूत पकड़ हो, हमें उसी में आगे बढ़ना चाहिए। जिस प्रकार से हाथों की सभी उंगलियां एक जैसी नहीं होती हैं।
ठीक उसी प्रकार सभी व्यक्ति की योग्यता और क्षमता अलग अलग होती है।
इसलिए कभी अपने मन में ये सोच ना लायें कि सामने वाले के जैसी हमारी काबिलियत नहीं है।
बल्कि अपनी सामर्थ्य के अनुसार कदम बढ़ाते जायें। मंजिल अपने आप ही करीब आती दिखाई देगी। हमारी मेहनत कभी बेकार नहीं जायेगी। बस लगन और ईमानदारी से अपने कर्म करते जायें।

3, आलोचनाओं से भी सीखें।
कभी भी लोगों द्वारा की गई आलोचनाओं को अपने मन में गांठ बांध कर ना पालें।
बल्कि उससे कुछ सीख लेकर अपने काम में लगें रहें। आलोचनाओं पर बहुत ज्यादा ध्यान देने से हमारी सोचने, समझने की क्षमता कम होती जाएगी और अपने लक्ष्य से हमारा ध्यान भी भटकता रहेगा।
याद रखें कि अपने लक्ष्य को पाने में हम जिस रास्ते पर चलेंगे, उस रास्ते में उतार चढ़ाव भी अवश्य आएंगे। उन उतार चढ़ाव को पार करते हुए जब हम अपने लक्ष्य तक पहुँचेंगे तब हमें ये बाधाएं भी छोटी दिखाई देंगी।

विषम परिस्थितियों पर हमारा नियंत्रण नहीं होता। जबकि परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढाल कर ही आगे बढ़ा जा सकता है।
जो साधन हमारे पास मौजूद नहीं हैं, उसके बारे में ज्यादा सोच कर समय बर्बाद करने से अच्छा है कि वर्तमान समय में जो साधन हमारे पास मौजूद हैं, उसका सही उपयोग कर जीवन पथ पर निरन्तर आगे बढ़ते रहें।

 

फोटो  : जगदीश सिंह

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