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जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है गर्भ संस्कार :: डॉ. डी.के. सिंह

रांची, झारखण्ड | अप्रैल | 30, 2019 :: संतोष कॉलेज ऑफ टीचर्स ट्रेनिंग एन्ड एजुकेशन व आरोग्य भारती के संयुक्त तत्वाधान में आज वैन भवन के “पलाश” में गर्भ संस्कार पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज की निदेशक डॉ. रश्मि ने की जबकि रिम्स के निदेशक डॉ. डी.के. सिंह मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे।
आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव डॉ. अशोक वार्ष्णेय कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। वहीं गुजरात के जामनगर से आई प्रख्यात चिकित्सक डॉ. करिश्मा नरवाणी बतौर मुख्यवक्ता शामिल रहीं।

मुख्य अतिथि डॉ. डी.के. सिंह ने कहा कि मैं आयुर्वेद का समर्थन करता हूँ। आयुर्वेद ने इस देश को काफी कुछ दिया है। आयुर्वेद के माध्यम से इलाज करने वालों को हम वैद्य के नाम से पुकारते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आयुर्वेद के माध्यम से इलाज करने वालों को खुद को वैद्य कहने में शर्म आती है और वो भी डॉक्टर लिखने लगे हैं। यह उन्हें समझना होगा कि वैद्य का स्थान डॉक्टर से बहुत ऊँचा है। आरोग्य भारती जैसी संस्था आरोग्य के क्षेत्र में अग्रणी होकर काम कर रही है,यह अच्छी बात है।

वर्तमान में बढ़ती बीमारी और बीमारों की संख्या का मुख्य कारण हमारी दैनिक जीवनशैली व खानपान है। आज देश को मेडिकल साइंस से ज्यादा सोशल साइंस की जरूरत है।
गर्भ संस्कार मनुष्य के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। इस तरह के विषय पर सेमिनार का आयोजन आने वाली पीढ़ी के लिए काफी अच्छा व सुखमय होगा।
कार्यक्रम का विषय प्रवेश करवाते हुए डॉ. अशोक वार्ष्णेय ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा का मतलब सिर्फ चिकित्सक व दवा नहीं होते हैं। स्वास्थ्य सेवा का मतलब यह होता है कि व्यक्ति बीमार ही नहीं पड़े। सामान्य व्यक्ति खुद को स्वस्थ रखने के लिए नित्यप्रति कोई न कोई गतिविधि करे, यह बहुत जरूरी है। रोज होते नए आविष्कार, अस्पताल व चिकित्सकों की बढ़ती संख्या के साथ रोगियों की भी संख्या बढ़ती जा रही है, जबकि यह समय के साथ कम होना चाहिए। इस महत्वपूर्ण विषय पर भी हमें चिंतन करना चाहिए। गर्भ संस्कार भी स्वास्थ्य सेवा से जुड़ा एक बड़ा विषय है। जब देश मे माँ-बच्चे से जुड़ी समस्या बढ़ रही है तो निश्चित रूप से इस तरह के आयोजन समाज को नई दिशा देने का काम करेंगे।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. रश्मि ने कहा कि 2008 में अपने स्थापना काल से ही यह कॉलेज न सिर्फ शिक्षा बल्कि बल्कि सामाजिक दायित्वों का भी निर्वहन करता रहा है। हमारा मानना है कि हमारे यहाँ के विद्यार्थी सिर्फ शिक्षक बनकर नहीं निकले बल्कि एक अच्छे नागरिक बने और अपने सामाजिक दायित्व को भी समझें। इसी सोच के साथ इस कॉलेज का संचालन किया जा रहा है। हमारा मानना है कि मनुष्य वही है जो मनुष्य के लिए कुछ कर सके। इस लक्ष्य को लेकर महाविद्यालय मानवीय मूल्यों की शिक्षा भी देने का काम करता है।
धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती अनिता मिश्रा ने किया। कार्यक्रम में भावना झा, हेमन्त कुमार, नाजरा पाईकर, उरुस खान, श्रावणी पांडेय, रविकांत, रेखा मिंज, शिवानी बनर्जी सहित कई प्रतिनिधि शामिल हुए।

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