राची, झारखण्ड | जून | 07, 2023 :: आज अपराह्न 3:00 बजे स्वामी गोरखनाथ सरस्वती काँके रोड स्थित सत्यानन्द योग मिशन केन्द्र,सरोवर एन्क्लेव में योगोत्सव कार्यक्रम में ध्यान का अभ्यास कराये और सत्संग दिये।
उन्होंने कहा ध्यान से पहले थोड़ा योगाभ्यास, प्राणायाम के कर लेने से मन को व्यवस्थित करना बहुत आसान हो जाता है।
यह वर्ष परमहँस स्वामी सत्यानन्द सरस्वती के जन्म का शताब्दि वर्ष है।
इस उपलक्ष्य में स्वामी सत्यानन्द सरस्वती के योग शिक्षा और उनके विचार का पूरे विश्व में जगह -जगह आयोजन हो रहा है।
1963 में स्थापित बिहार योग विद्यालय मुंगेर आज दुनियाँ के सत्तर राष्ट्र के हर शहर में, उद्योगों में, शिक्षा जगत में, मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में तथा हर क्षेत्र में फैल गया है। मुंगेर की योग कला को विश्व का सबसे उत्तम शैली माना गया है।यह पूर्णतः वैज्ञानिक पद्धति है।
सत्यानन्द योग केन्द्र के प्रमुख संन्यासी मुक्तरथ एवं यहाँ के प्रबंधक शान्ति देवी ने स्वामी गोरखनाथ जी का स्वागत किये। आचार्य मुक्तरथ ने सत्यानन्द योग परम्परा का संक्षिप्त वर्णन करते हुए कहा कि यहाँ का योग बहुत प्रायोगिक तथा साधनात्मक है।