राची,झारखण्ड | मार्च | 16, 2023 :: गौ माता को समर्पित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का पांचवां दिन था।
पूरा परिसर नंद के आनद भयो जय कन्हैयालाल की आदि सुमधुर भजनों की प्रस्तुति गूंज उठा। वहीं, भजनों की गंगा में श्रोतागण डूबकी लगाते रहे। वृंदावन से आये पंडित नीरज कृष्ण शास्त्री ने कहा कि मानव जीवन का परम कल्याण समर्पण में है। भागवत के हर चरित्र में, प्रत्येक प्रसंग से हमें निष्कपट प्रेम, निश्छल भाव और भक्ति की शिक्षा प्राप्त होती है। ज्ञान और वैराग्य से समन्वित भक्ति भागवत प्राप्ति करवा देती है। पंडित नीरज कृष्ण ने कहा कि हर किसी की कामनाएं अनंत है और इस कामनाओं का निपटारा करना चाहते हैं, तो तीव्र भक्ति से श्रीनारायण रूपी भगवान श्री कृष्ण का ध्यान करें। उनकी भक्ति करेंगे, तो सभी कामनाओं की पूर्ति होगी। उन्होंने कहा कि भगवान के रूप से अलग अलग है, लेकिन ये सभी रूप एक है।
पंडित नीरज कृष्ण शास्त्री ने ब्रह्मा की उत्पति की चर्चा करते हुए,
कंस वध की भविष्यवाणी
कृष्ण का जन्म
कृष्ण की बाल लीलाएं
आदि पर चर्चा की और सभी भक्तजन को को ओतप्रोत किया।
श्री गोपीकृष्ण सेवा संस्थान रांची के तत्वावधान में आयोजित यह कथा 18 मार्च तक प्रतिदिन दोपहर तीन बजे से शाम छह बजे तक चलेगा। संस्था की ज्योति कुमारी ने बताया कि कथा का श्रवण करने के लिए प्रतिदिन भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्थान के अध्यक्ष सज्जन सिंघानिया, मीरा अग्रवाल, ज्योति कुमार, जेपी शर्मा, ज्योति कुमारी, सुरेश कुमार, सुरेश अग्रवाल, रतन कुमार शर्मा, राजेश चौधरी समेत अन्य लोग सहयोग कर रहे हैं। यह जानकारी ज्योति कुमारी ने दी।