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1932 स्थानीय नीति लागू, सभी रहेंगे झारखंड में कोई चिन्ता और परेशान न हो : हेमन्त सोरेन

केन्द्र सरकार झारखंड को टार्गेट कर खुद वो अपने केन्द्रीय एजेन्सी के माध्यम से अस्थिर करने की कोशिश कर रही।

मै न घबराने वाला और न विचलित होने वाला नही हू

केन्द्र के इस असंवैधानिक कार्य से राज्य का विकास प्रभावित हो रहा

1932 स्थानीय नीति लागू,सभी रहेंगे झारखंड में कोई चिन्ता और परेशान न हो।

रिपोर्ट  :: देवेंद्र शर्मा

रांची, झारखण्ड  | अक्टूबर  | 16, 2022 ::

मुख्य मन्त्री हेमन्त सोरेन ने कहा है की केन्द्र सरकार झारखंड को टार्गेट कर खुद वो अपने एजेंसी की मदद से असंवैधानिक तरीके से परेशान कर रहा है ।मै इस तरह के कार्य से न विचलित हूऔर न घबराहट मे हू।मेरी चिन्ता झारखंड के साढे तीन करोड लोगो के सर्वांगीण विकास के लिए है।मै अपनी घोषणा के अनुरूप पुरा कर रहा हू।झारखंड का विकास और लोगो के हितो की रक्षा करना मेरी प्राथमिकता है।मुझे झुठे आरोप मे यदि केन्द्र जेल भेजना चाहती त देर किस बात की ।मै ईमानदारी से अपना काम कर रहा हू।मुख्य मन्त्री अपने आवास पर पत्रकारो से वार्तालाप के क्रम मे दिल खोलकर कही।

मुख्यमंत्री अपनी सरकार के 1021 दिन सफलतापूर्वक पूरा करने के उपलक्ष्य में आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार का पहले चरण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पंचायत स्तर के जन जन तक पहुंचाने और इसका लाभ हर एक को व्यक्ति को मिले।इसी उद्देश्य को लेकर पत्रकारों के साथ पहली बार अपने आवास पर सामूहिक बैठक किये। इस दौरान पत्रकारों द्वारा पूछे गए कई सवालों को मुख्यमंत्री ने सुना और एक एक पत्रकार के सवालों का ना सिर्फ जवाब दिये, बल्कि केंद्र सरकार ,केंद्र की एजेंसियो, ईडी, सीबीआई, एसीबी , विपक्ष राजनीतिक पार्टियां भाजपा, आजसू पर बिफरे और राज्यपाल पर भी सवाल उठाये। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्पष्ट कहा कि अगर खनन लीज मामले में मैं दोषी हूं ? तो ये पहला ऐसा देश में होगा कि जिस पर आरोप लगा है वो खुद गुहार लगा रहा है , राज्यपाल से, चुनाव आयोग से कि मेरा आरोप बताया जाये। इतना ही नहीं हमने तो अपना आरोप जानने के लिए महामहिम से आरटीआई के माध्यम से भी जवाब मांगा, लेकिन जवाब नहीं मिल रहा है । इससे स्पष्ट यह होता है कि जो केंद्र की संवैधानिक एजेंसियां है, इसके पीछे कोई और ताकत खड़ी है , जो झारखंड के आदिवासी सरकार को अस्थिर करना चाहती है। यह सिलसिला उस वक्त से शुरू हुआ है जब मैंने केंद्र सरकार से राज्य का करीब एक लाख 36 हजार करोड़ राशि मांगा था, तब से मेरे पीछे बेताल की तरह पड़ गए हैं, लेकिन मैं इसे डरने वाला नहीं हूं ,पीछे हटने वाला नहीं हूं । राज्य की जनता की पैसा है, और एक एक पैसे का हिसाब लूंगा।

इन मुद्दों पर पूछे गये सवाल:

ईडी, एसीबी, सीबीआई,लोकपाल, पत्थर खनन लीज मामले, लोक कलाकारों की समस्यायाएं, फिल्म नीति बोर्ड , अल्पसंख्यक के मुद्दे, कोयला, लोहा, गिट्टी, बालू, जमीन, विधि व्यवस्था, माबलिंचि़ग, शिक्षा, स्वास्थ्य,पलायन, रोजगार, मनरेगा , सरना धर्म कोड,निगम बोर्ड गठन, स्थानीय नीति, कुरमी की मांग, आरक्षण, कैबिनेट जैसे सभी सवालों पर उन्होंने मुखर होकर जवाब दिया।

लोकपाल के माध्यम से प्रहार किया गया:

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि लोकपाल मेरे परिवार के सदस्य पर आरोप लगाया है , जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया है । इसके अलावा खनीज लीज मामले पर भी मुझ पर आरोप लगे हैं , इसके लिए मैंने भी गुहार लगाया हूं आरटीआई के माध्यम से भी जवाब मांगा हूं , लेकिन अभी तक मुझे जवाब नहीं मिला है। जहां तक कोयला, लोहा, गिट्टी ,बालू की बात है इसको मेजर कर देना चाहिए । 88 डिसमिल जमीन की बातें हैं, यह बातें कहां से आ रही है, यह लिखने वाले को भी जानने की जरूरत है, कौन कह रहा है । झारखंड खनिज संपदा से भरा पड़ा है और पिछले कई सालों से से इसे लूटते आये हैं, इसकी आदत वैसे लोगों के लग गई है । झारखंड खनिज मामले में अग्रणी प्रदेश है, बावजूद इसके सबसे पिछड़ा राज्य है। जिस राज्य में खनिज है नहीं वह अग्रणी राज्यों में उसकी गिनती की जाती यह विडंबना है।

1932 के अब बाद कुरमी की मांग:

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हम लोगों ने आदिवासियों की सपना धर्मकोड को केंद्र में भेजने का काम किया । इसके बाद जो लंबे समय से झारखंडियों की मांग थी, स्थानीय नीति 1932 आधारित खतियान जिसको लेकर कई लोगों की जानें भी जा चुकी है ,विवादे और लड़ाईयां भी हुई। इस पर भी हमने सभी से राय लेते हुए खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू करने की कोशिश किया, कैबिनेट में प्रस्ताव पारित कराया गया। अब जब स्थानीय नीति बनने जा रही है, तो अब एक नई राजनीति की शुरुआत हुई है। जो कुरमी और कुड़मी को एसटी बनाने को लेकर मांग की जा रही है। इसके पीछे एक राजनीतिक बू आती है, लेकिन वे घबराए नहीं । कुरमी पर भी हमलोग बात करेंगे। लेकिन स्थानीय नीति को लेकर कोई दिग्भ्रमित करने की कोशिश न करें। मैं बता दूं कि मैं ऐसा करने जा रहा हूं , कि जो स्थानीय नीति है, इसमें आदिवासी मूलवासी हैं,गैर आदिवासी जो झारखंड में रहते चले आ रहे हैं वे सभी यही रहेंगे, किसी को कहीं जाने,भागने की जरूरत नहीं होगी, ऐसा प्रस्ताव बनेगा।

खेल नीति की तरह लोकनीति भी बनेगी:

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड के खनिज संपदा,खेल और कला के लिए देश दुनिया में प्रसिद्ध है। खेल नीति बनाकर खिलाड़ियों को सम्मान देने का काम किया गया है। इसी तरह से मुझे जो जानकारी आ रही है कि पूर्व में कलाकारों से काम कराया गया था, लेकिन उसे उसका मेहनताना भी नहीं दिया गया, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा । इस पर मैं विचार कर रहा हूं , खेल नीति के तरह ही कला नीति बनेगी । फिल्म नीति बोर्ड का जो गठन हुआ था , इसमें जो बंदरबांट हुआ है, जो लूट हुई ,इसकी भी समीक्षा होगी ,और इस पर भी हम लोग कुछ नया करेंगे।

सरकारी स्कूल सीबीएससी की तरह होगी:
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में शिक्षा को लेकर सरकार गंभीर है । निजी संस्थानों के स्कूल कॉलेज बहुत अच्छी तरह से चल रही है। यहां के बच्चे अच्छे कर रहे हैं । इसका मतलब यह नहीं कि हमारे सरकारी स्कूल , कॉलेज के बच्चे अच्छा नहीं कर रहा है । जरूरत है इसे और बेहतर बनाने की। इसके लिए सरकार गंभीर है और काम कर रही है । सीबीएसई पैटर्न में सरकारी स्कूल को शुरू किया जाएगा । इसके लिए तैयारी जारी है। शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है । मॉडल स्कूल भी बनाए जा रहे हैं। पूर्व की सरकार जिन स्कूलों को बंद करा दिया था , उन स्कूलों को भी खोलने की योजना है।

स्वास्थ्य पर होगा काम:

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आगे कहा कि पूर्व में जब मैं मुख्यमंत्री था तो अपोलो के साथ करार हुआ था, बाद में सरकार चली गई बातें नहीं बनी और उसकी स्थिति अभी क्या इसकी जानकारी नहीं है। स्वास्थ्य को लेकर अभी अजीम प्रेमजी के साथ एमओयू हुआ है। स्वास्थ्य को लेकर हम बहुत बेहतर काम करने जा रहें हैं। आप लोगों ने कोरोना काल में भी देखा होगा कि सरकार ने स्वास्थ्य को लेकर काफी अच्छा काम किया था।

रोजगार भत्ता नहीं रोजगार मिलेगा:

उन्होंने कहा कि हमारा चुनावी एजेंडा में था कि हर बेरोजगार पढ़े-लिखे युवाओं को रोजगार भत्ता दिया जाएगा जो 4 से 5000 तक था , लेकिन जब मैं सरकार में आया तो देखा कि 4 से 5000 में क्या होगा, इसलिए हम लोगों ने उस में कुछ बदलाव किया है। अब सीधे उसे रोजगार मिलेगा। अगर वह किसी चीज में महारत हासिल रखते हैं तो उसे सरकार लोन देगी, वे अपना छोटा-मोटा कारोबार शुरू कर सकते हैं।

मनरेगा से पलायन रुकेगा:

मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा एक सशक्त योजना है, जो पलायन को रोकने में सफल रहा है, लेकिन इसमें यह कि अगर मजदूर को समय पर ही मजदूरी मिलेगा, चाहे वह ढाई सौ रुपए ही क्यों ना मिले , तो वे पलायन नहीं करेंगे। अपने ही पंचायत में रहकर वह काम करेंगे और इसके लिए सरकार काम कर भी रही है, कुछ केंद्र सरकार के भी दायित्व बनता है कि वह भी इसमें सहयोग करें।

पंचायती राज को मजबूत बनायेंगे:

मुख्यमंत्री का ने कहा कि झारखंड का 70% से अधिक लोग गांव में बसते हैं। गांव को सशक्त बनाने के लिए उन तक पहुंचने के लिए आप की योजना आपकी सरकार आपके द्वार लेकर आयी है। इसके साथ हम लोग पंचायत जनप्रतिनिधियों के साथ भी सीधा संवाद करेंगे । पंचायत को मजबूत करने के लिए हर एक गांव को डेवलपमेंट करने के लिए पांच पांच योजनाओं का भी शिलान्यास करेंगे, ताकि हमारा गांव सशक्त हो सके। साथ ही नगर निकाय चुनाव की भी घोषणा बहुत जल्दी की जाएगी सारी प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी।

डीसी प्रखंड में रहेंगे:

गांव के जनता को हर सुख, सुविधा, योजना का लाभ मिले । इसके लिए नए सिरे से काम करने की जरूरत है। हमने यह तय किया है कि हर 3 महीने में जिला उपायुक्त प्रखंडों में रात्रि चौपाल लगायेंगे और ग्रामीणों की समस्याओं को सुनेंगे और उनका हल करेंगे।

अल्पसंख्यकों को मुझसे ज्यादा उम्मीद है:
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अल्पसंख्यकों को खासकर मुस्लिम समुदाय को हमसे ज्यादा उम्मीदें हैं। हम उनकी उम्मीदों के लिए काम भी कर रहे हैं। मेरे अधिकार क्षेत्र में जो है उसे मैं पूरा कर रहा हूं और करूंगा भी। जहां तक खाली पड़े बोर्ड निगम , अल्पसंख्यक आयोग आदि की बात है। हमारी महागठबंधन की सरकार है तो इस पर सभी लोगों को निर्णय लेना होगा। कुछ बोर्ड का गठन होने में अड़चनें हैं, क्योंकि प्रतिपक्ष नेता नहीं है। जहां तक मॉब लिंचिंग का सवाल है , तो हमने मॉबलिंचिंग पर कानून बना कर राजभवन भेजा गया था। इसके खिलाफ भी लोग राजभवन भी पहुंचे हैं । अब जिन लोगों की आदत हो गई थी मॉब लिंचिंग कराने की तो वे यही सोचेंगे। मेरी सरकार बनने के बाद मॉब लिंचिंग में कमी आई है, इसमें सुधार हुआ है । जहां तक गिरिडीह जिला उपायुक्त के द्वारा मुस्लिम क्रियाविद का मामला आया था। इस पर मैं भी हैरान हूं, कि यह बातें कहां से आई, यह कैसे सार्वजनिक हुई । इस पर मैं गंभीर हूं और आगे भी इस पर विचार करूंगा और बहुत जल्द इसका परिणाम आप लोगों को देखने को मिलेगा।

कैबिनेट में सब ठीक है:
महा गठबंधन की सरकार ठीक-ठाक चल रही है । जहां तक कैबिनेट के बात है,तो इसमें कोई फेरबदल नहीं होगा । यह बेहतर तरीके से चल रही है और राज्य विकास की ओर बढ़ रहा है।

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