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केन्द्रीय सरना समिति ने मनाया 54 वां स्थापना दिवस

राची, झारखण्ड | मार्च | 12, 2024 ::

केंद्रीय सरना समिति ने अपना 54 वां स्थापना दिवस मनाया गया। इस मौके पर कचहरी रोड में आरआईटी बिल्डिंग स्थित कार्यालय में समारोह का आयोजन हुआ। बाबा कार्तिक उरांव के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित करने के साथ कार्यक्रम आरंभ हुआ। इस मौके पर सदस्यों ने मांदर की थाप पर सरहुल एवं फगुआ गीत की प्रस्तुति दी।

सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की कहा कि बाबा कार्तिक उरांव ने पूरे भारत में आदिवासियों को एकजुट करने के लिए अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद का गठन किया था। जो धार्मिक और राजनीतिक मामले में काम करती थी। धार्मिक एवं सांस्कृतिक मामलों को स्वतंत्र रूप से कार्य करने के लिए केन्द्रीय सरना समिति का गठन किया गया, तब से लेकर अभी तक समिति धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्य कर रही है।

उन्होंने कहा कि जिस तरह से कुछ सालो में आदिवासियों की जमीन, और जंगलों को छिना जा रहा है। आदिवासियो को लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है सरकार इस पर गम्भीरता से ले। उन्होंने कहा कि आदिवासी ना सनातनी है ना ही ईसाई हैं आदिवासी प्राकृतिक पूजक है। उन्होंने ने सरना धर्म कोड पर चर्चा करते हुए अपनी पहचान का हक अधिकार की बात कहते हुए कहा कि केंद्र सरकार सरना धर्म कोड नहीं देती हैं तो हमलोग गांव गांव जाकर वोट देने से मना करेगें।
संजय तिर्की ने कहा कि कुछ लोग केंद्रीय सरना समिति का राजनीतिकरण कर बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
स्थापना दिवस के मौके पर प्रमोद एक्का, नीरा टोप्पो, विनय उराँव, पंचम तिर्की, सत्यनारायण लकड़ा, अजय लिण्डा, संजय, लोहरदगा सरना समिति जिला अध्यक्ष चैतू उराँव, झारखंड सरना मशना विकास समिति के अध्यक्ष माधो उराँव, नंदा उराँव आदि लोग शामिल हुए।

 

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