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भोलानाथ सिंह हॉकी इंडिया के निर्विरोध महासचिव निर्वाचित

 

राची, झारखण्ड  | सितम्बर  | 23, 2022 ::  झारखंड के हॉकी को ऊंचाई में पहुंचाने वाले साथ ही झारखंड में कुश्ती के जन्मदाता भोलानाथ सिंह का हॉकी इंडिया के निर्विरोध महासचिव निर्वाचित साथ ही हॉकी झारखंड की कोषाध्यक्ष सह पूर्व अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी असरिता लाकड़ा हॉकी इंडिया की कार्यकारिणी सदस्य चुनी गई

*समस्त झारखंड के लिए गौरवपूर्ण का पल कि देश के राष्ट्रीय खेल हॉकी के महासचिव एवम कार्यकारिणी सदस्य हमारे झारखंड से*

हॉकी इंडिया के 12सदस्यो वाली कार्यकारिणी मे हमारे झारखंड से दो पदाधिकारी भोलानाथ सिंह और असरिता लकड़ा

भारत के राष्ट्रीय खेल हॉकी के संचालन के लिए अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ,भारत सरकार और भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा मान्यता प्राप्त संघ हॉकी इंडिया के पदाधिकारी एवम कार्यकारिणी समिति का चुनाव की प्रक्रिया संपन्न हुई है जिसमें एक अध्यक्ष, एक महासचिव, एक कोषाध्यक्ष दो उपाध्यक्ष, दो संयुक्त सचिव सहित 05 कार्यकारिणी सदस्य के लिए चुनाव होना है। हॉकी इंडिया के महासचिव पद के लिए हॉकी झारखंड के अध्यक्ष भोलानाथ सिंह जी ने भी अपना नामांकन किया था साथ ही साथ हॉकी महाराष्ट्र के मनोज भोरे एवं हॉकी दिल्ली के अध्यक्ष ने भी इस पद के लिए नामांकन भरा था।नामांकन पत्र की जांच के उपरांत झारखंड के हॉकी को नई ऊंचाई में पहुंचाने वाले भोलानाथ सिंह के समर्थन में श्री मनोज भोरे एवं दिल्ली के अध्यक्ष ने अपना नाम वापस ले लिया जिसके कारण हॉकी इंडिया के महासचिव पद के लिए भोलानाथ सिंह एकमात्र उम्मीदवार बचे और ये निर्विरोध महासचिव निर्वाचित हुए । वही हॉकी इंडिया के कार्यकारिणी समिति सदस्य के लिए हॉकी झारखंड की कोषाध्यक्ष सह 1989 में जूनियर एशिया कप में स्वर्ण पदक विजेता जूनियर भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान असरिता लकड़ा भी निर्विरोध निर्वाचित हुई।इस तरह हॉकी इंडिया के 12 सदस्य कार्यकारिणी समिति में झारखंड के दो पदाधिकारी महासचिव में भोला नाथ सिंह एवं सदस्य में अश्रिता लकरा निर्वाचित हुई है झारखंड के लिए बहुत ही गौरव पूर्ण पल है कि झारखंड जैसे छोटे से राज्य के 2=2 पदाधिकारी हॉकी इंडिया की कमान संभाल लेंगे हॉकी इंडिया के महासचिव बनने पर भोलानाथ सिंह एवं कार्यकारिणी समिति के सदस्य बनने पर आश्रिता लकड़ा को हॉकी झारखंड के रजनिस कुमार, विजय शंकर सिंह,शशिकांत प्रसाद,मनोज कोनबेगी, चंद्रयाणी मजूमदार,माइकल लाल, बिगन सोय, संजय कुमार सिंह,दसरथ महतो,तारिणी कुमारी,अशोक कुमार भगत,धर्मेद्र सिंह, अरविंद कुमार तूफानी,अरविंद कुमार सिंह, बीर सिंह मुंडा, विजय कुमार सनातन,सुरजीत झा,संतोष गुप्ता,सीडी सिंह,जयंत केरकेट्टा,संजीव झा,कमलेश मांझी,उपेंद्र सिंह,प्रकाश सिंह,अजीत भगत,महादेव उरांव,जयदीप महाराणा, सहित हॉकी झारखंड के सभी जिला के अध्यक्ष ,सचिव,प्रशिक्षक एवम खेल प्रेमियों ने बधाई दी है।

भोलानाथ सिंह का हॉकी झारखंड को ऊंचाई में पहुंचाने के बाद हॉकी इंडिया तक का सफर
सितंबर 2014 में भोला नाथ सिंह हॉकी झारखंड के अध्यक्ष के लिए निर्वाचित हुए और उन्होंने पद संभालते ही हॉकी के विकास के लिए अपनी व्यूह रचना शुरू कर दी और सबसे पहले उन्होंने जिस इलाके में हॉकी होती है उस इलाके में भ्रमण का कार्य शुरू किया और हॉकी के लिए समर्पित भाव से कार्य करने वाले लोगों को अपने साथ जोड़कर मान-सम्मान एवं उन्हे कार्य करने में स्वतंत्रता दी। सितंबर में पद संभालने के उपरान्त अक्टूबर माह में ही वे सिमडेगा के जिला के सुदूरवर्ती जंगलों और पहाड़ों के बीच आयोजित हॉकी प्रतियोगिता नव युवक संघ हॉकी चैंपियनशिप लठ्ठाखम्हन पहुंचकर आयोजन समिति एवं खिलाड़ियों से मिलकर हॉकी के जमीनी स्तर से रूबरू हुए इसके उपरांत वे दिसंबर माह तक झारखंड में हॉकी के गढ़ सिमडेगा और खूंटी जिला के सुदूरवर्ती इलाकों में लगातार तीन चार दौरा कर हॉकी के ग्रास रूट से जानकारी हासिल की एवम हॉकी इंडिया से बात कर द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित अंतरराष्ट्रीय हॉकी कोच एम के कौशिक जी का दौरा सिमडेगा खूंटी इलाके में कराकर इन इलाके के प्रशिक्षकों को मॉर्डन हॉकी के विषय में चर्चा परिचर्चा करवाई और सिमडेगा तथा रांची में हॉकी खिलाड़ियों का विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित करवाई ।जिसका लाभ झारखंड के हॉकी को मिला।
2014 में पद संभालने के बाद 2015 के सभी राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भागीदारी के लिए झारखंड टीम के चयन के लिए खुली चाय ट्रायल की शुरुआत की गई और टीम चयन समिति मे राजधानी में बैठे प्रशिक्षकों के साथ साथ जिस जिला से अत्यधिक हॉकी खिलाड़ी है उन जिला के प्रशिक्षकों एवं संघ के पदाधिकारियों को भी रखा गया जिसका जबरदस्त लाभ मिला और 2015 में झारखंड महिला टीम सब जूनियर, जूनियर और सीनियर तीनों वर्गों में फाइनल खेलकर उप विजेता बनी। झारखंड बनने के बाद यह पहला अवसर था जब सीनियर झारखंड महिला टीम किसी राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पहली बार फाइनल पहुंची और टीम के सभी के सभी 18 खिलाड़ी झारखंड के मूल निवासी थे । 2014 जब हॉकी झारखंड का पद संभाला उस वक्त भारतीय टीम में झारखंड के कोई भी खिलाड़ी नहीं थे परंतु उनके कुशल नेतृत्व में झारखंड लगातार आगे बढ़ते गया और 1 साल के अंतर्गत ही झारखंड के सोनल मिंज, अभय एक्का और पंकज रजक का चयन इंडिया टीम में हुआ जो लगातार जारी है तत्पश्चात 2016 में सीनियर एवं जूनियर भारतीय महिला टीम में एक साथ झारखंड के कई खिलाड़ी आए निक्की प्रधान, सलीमा टेटे, संगीता कुमारी , अलका डुंगडुंग, अल्फा केरकेट्टा ,उसके बाद के वर्षो के ब्यूटी डुंगडुंग,सुषमा कुमारी,दीपिका सोरेंग,महिमा टेटे इत्यादि। 1928 में भारतीय पुरुष हॉकी टीम पहली बार ओलंपिक में भाग ली थी और उस टीम में झारखंड के स्व. जयपाल सिंह मुंडा कैप्टन थे उसके बाद 1972 में माइकल किंडो ,1980 में सिलबानस डुंगडुंग, 1984 में मनोहर टोपनो और 1988 में अजीत लाकड़ा के ओलंपिक खेलने तत्पश्चात झारखंड के खिलाड़ी ओलंपिक से दूर हो गए । परंतु भोलानाथ सिंह के द्वारा हॉकी झारखंड का पद संभालने के बाद 2016 के ओलंपिक में झारखंड की प्रथम महिला हॉकी खिलाड़ी निक्की प्रधान को ओलंपिक खेलने का अवसर मिला। 2021 टोक्यो ओलंपिक में एक साथ झारखंड के दो दो खिलाड़ी निक्की प्रधान और सलीमा टेटे को ओलंपिक खेलने का मौका मिला। भोलानाथ सिंह के नेतृत्व में जहां अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में झारखंड के खिलाड़ी चयनित होने लगे, वहीं राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी लगातार पदक जित्तते रह रहे है साथ ही साथ झारखंड में हर वर्ष राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का आयोजन करा कर पूरे भारतवर्ष के खिलाड़ियों को आमंत्रित कर उन्हे झारखंड की संस्कृति और खेल से परिचित कराते रहे। सिमडेगा जैसे सुदूरवर्ती जहां आवागमन के लिए ट्रेन की सुविधा नहीं है जहां की महिलाओं को डायन के नाम पर मार या जिंदा जला दिया जाता है जहां की युवतियों को मानव तस्करों के द्वारा प्रलोभन देकर महानगरों में बेच दिया जाता है उस जैसे आकांक्षी जिला सिमडेगा में एक वर्ष में दो दो राष्ट्रीय प्रतियोगिता करा कर सिमडेगा के सकारात्मक पहलुओं को मैच के साथ लाइव प्रशासन कराकर के जरिए विश्व के अनेक देशों में पहुंचाने का कार्य किया। भोला नाथ जी के कार्यकाल में ही झारखंड के दो पूर्व अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी ओलंपियन श्री सिलबानुस डुंगडुंग को 2016 एवं भारतीय महिला हॉकी टीम के पूर्व कप्तान सुश्री सुमराय टेटे को 2017 में भारत सरकार के द्वारा मेजर ध्यानचंद अवार्ड से सम्मानित किया गया।भोलानाथ सिंह के कुशल नेतृत्व का प्रभाव रहा जिससे 2015से अभी तक भारतीय हॉकी टीम की चयनकर्ता के रूप में झारखंड की असुंता लकड़ा को बनाया गया है ।

झारखंड के बनने के बाद झारखंड में कुश्ती के सिर्फ दो तीन खिलाड़ी थे भोलानाथ सिंह के अगुवाई में झारखंड में कुश्ती की शुरुआत की गई और यह सभी 24 जिलों में पहुंचकर हजारों की संख्या में खिलाड़ी हो चुके हैं उसी तरह हॉकी भी दक्षिणी छोटानागपुर के सभी जिला के अलावे ,पलामू प्रमंडल में लातेहार, संथाल में पश्चिमी सिंहभूम तथा उतरी छोटानागपुर में आंशिक रूप से हजारीबाग जिला में थी परंतु अब यह झारखंड के सभी 24 जिला में हॉकी की टीम बन चुकी है। भोलानाथ सिंह मे जो लोगों को साथ लेकर चलने की कला और नेतृत्व क्षमता है वाह भारत हॉकी को और ऊंचाई को छू लेगा यह पूर्ण विश्वास है किसी भी खेल प्रशासक में खिलाड़ियों के आ वक्ताओं को जानने का अनुभव और ज्ञान साथ ही प्रशासनिक कार्यों समझने और कार्य करने की क्षमता होनी चाहिए भोला नाथ सिंह पूर्व खिलाड़ी के साथ प्रशिक्षक होने के चलते खिलाड़ियों को समझने का अनुभव के साथ ही साथ वर्षों से जिला से राज्य खेल संघ का नेतृत्व करने का अनुभव के कारण एक अच्छे खेल प्रशासक के गुण से भी परिपूर्ण है जिसका लाभ देश के राष्ट्रीय खेल हॉकी को निश्चित रूप से मिलेगा।

 

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