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‘विश्व कला दिवस’ के अवसर पर छोटानागपुर आर्ट एंड रिसर्च डेवलपमेंट सोसाइटी रांची के कलाकारों द्वारा कला प्रदर्शनी का आयोजन

राची, झारखण्ड  | अप्रैल  | 15, 2023 ::

15 अप्रैल, 2023 को ‘विश्व कला दिवस’ के अवसर पर छोटानागपुर आर्ट एंड रिसर्च डेवलपमेंट सोसाइटी रांची के कलाकारों द्वारा कला प्रदर्शनी का आयोजन जमशेदपुर पूर्वी के विधायक, सरयू राय के सरकारी आवास, डोरंडा, ए जी मोड़, राँची में किया गया।

प्रदर्शनी का उद्घाटन सरयू राय ने किया।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि झारखण्ड में पहली बार आज से ही 15 अप्रैल, 2023 को विश्व कला दिवस के अवसर पर कला प्रदर्शनी का आयोजन CARDS एवं युगान्तर आर्ट एंड हृूमैनिटीज के माध्यम से किया जा रहा है।

इसके लिए इस कार्यक्रम के संयोजक डॉ. रामानुज शेखर बधाई के पात्र है।

सरयू राय ने बताया कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ कलाकारों में से एक इटली के ‘लियोनार्डो द विंची’ के जन्मदिन के उपलक्ष्य पर वर्ष 2012 से युनेस्को द्वारा प्रतिवर्ष विश्व कला दिवस का आयोजन किया जाता है।

युनेस्को ने इस साल का थीम ‘आर्ट इज गुड फॉर हेल्थ’ रखा है। कला का मानव स्वास्थ्य एवं उसके जीवन पर बहुत ही सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

हमने देखा है कि संगीत थैरेपी भी कई देशों में मरीजों को दी जाती है।

कला का विकास मानव सभ्यता के विकास से भी काफी पहले हुआ है।

आदिमानव काल के गुफाओं कंदराओं में विभिन्न आकृतियों में उकेरी गयी चित्रकारी आज भी विद्यमान है।

सदियों पूर्व प्रस्तर पर उकेरी गई अजंता-एलोरा की कलायें आज भी जीवन्त प्रतीत होती है, इसका प्राकृतिक रंग आज भी चटकदार है।

युनेस्को ने भारत सहित विश्व के ऐसे कई स्थानों को सांस्कृतिक धरोहर के रूप में सरंक्षित किया है।

यह लोगों के लिए रचनात्मकता के माध्यम से खुद को अभिव्यक्त करने का एक तरीका है।

सच्ची कला केवल भावनाओं की अभिव्यक्ति है।

यह दुनिया के बारे में कलाकार के दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है और उनकी परिकल्पना, अंर्तदृष्टि का प्रकटीकरण करता है।

भारत में प्रतिवर्ष 25 अक्टूबर को राष्ट्रीय कला दिवस मनाया जाता है।

हमने पिछले दिनों राँची में पर्यावरण मेला का आयोजन किया था।

मेले में दो दिवसीय आर्ट कैम्प का आयोजन किया गया थ, जिसमें राज्य के अनेक चित्रकारों ने भाग लिया और लाईव पेंटिंग के माध्यम से लोगों को पर्यावरण संरक्षण, जल संकट एवं जल संरक्षण के बारे में जागरूक करने में अहम भूमिका निभाई।

मैं आशा करता हूँ कि CARDS एवं युगान्तर आर्ट एंड हृूमैनिटीज राज्य के कलाकारों को आमंत्रित कर उन्हें एक मंच पर साथ लाने का कार्य करेगी।

इस वर्ष 25 अक्टूबर को एक राज्यस्तरीय कला प्रदर्शनी का आयोजन किया जाय, जिसमें सरकार, समाज के बुद्धिजीवी वर्ग को भी आमंत्रित किया जाय।

जिससे लोग कला की महता को समझे और लोगों के मन में कला के प्रति आदर का भाव आये।

अनुपम प्राकृतिक संरचना वाले स्थान पर राज्यस्तरीय कला प्रदर्शनी लगाना श्रेयस्कर होगा।

कला प्रदर्शनी के संयोजक डॉ. रामानुज शेखर ने कहा कि कला को जानने से पहले कला को समझना चाहिए।

एडॉप्शन, रिएक्शन एवं ट्रांसफर्रेशन शब्दों के पहले अक्षर से ‘ART’ यानी कला का जन्म हुआ है।

एक कलाकार पहले किसी चीज को ग्रहण करता है, उस पर प्रतिक्रिया करता है, फिर उस प्रतिक्रिया को अपनी कैनवास, नाटक, कविता आदि के माध्यम से समाज में फैलाने का कार्य करता है।

कला विभिन्न रूपों और श्रेणियों में आती है। कला वास्तुकला, संगीत, चित्रकला, मूर्तिकला, नृत्य या साहित्य हो सकती है।

सिनेमा को कला भी माना जाता है। कला हमें सिखाती है कि हम कितने समान हो सकते हैं और हम अभी कितने अलग हैं। उनकी धारणाएं आमतौर पर जीवन में उनके व्यक्तिगत अनुभवों पर आधारित होती हैं।

आयोजन स्थल पर कलाकारों द्वारा ग्राफिटी वॉल पेंटिंग बनाया गया। सभी कलाकारों को सरयू राय एवं अन्य अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन CARDS, युगान्तर आर्ट एंड हृूमैनिटीज, युगांतर भारती और नेचर फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

ग्राफिटी वॉल पेंटिंग में हरेन ठाकुर, दिनेश सिंह, शर्मिला ठाकुर, विनोद रंजन, मनोज सिंह, अमिताभ सिन्हा, विश्वनाथ चक्रवर्ती, हिमाद्रि रमानी, शिल्पी रमानी, सी.आर. हेम्ब्रम, विजय टोप्पो, अनिता कुमारी, धनंजय, दीपांकर कर्मकार, सपना दास, विवेक दास, परेश मोदक, देवराज सेनगुप्ता, संजीत मिंज आदि ने भाग लिया। धन्यवाद ज्ञापन दिनेश सिंह ने किया।

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