झारखण्ड राजनीति

सड़क पर सभी वाहन लाईट जलाकर चलें : रघुवर दास [ मुख्यमंत्री झारखण्ड  ]

 

  • एक वर्ष में सड़क दुर्घटना पर नियंत्रण पाएं।ऽ एक वर्ष में सड़क दुर्घटना पर नियंत्रण पाएं।ऽ काॅलेज छात्राओं के लिए जल्द ही बस सेवा शुरू होगी।
  • सड़क पर सभी वाहन लाईट जलाकर चलें-जनवरी से यह बाध्यकारी होगा।
  • ग्रामीण परिवहन व्यवस्था पर विषेष फोकस रहेगा।ऽ स्वच्छ, सुरक्षित और स्वस्थ झारखण्ड का लक्ष्य है।

…….रघुवर दास, मुख्यमंत्री झारखण्ड

राँची, झारखण्ड । दिसम्बर | 05, 2017 ::  मुख्यमंत्री  रघुवर दास ने आज सभागार में राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक की। बैठक करते हुये परिषद के सदस्यों से कहा कि हर हाल में अगले एक वर्ष में झारखण्ड में सड़क दुर्घटना अपवाद रह जाये। सड़क दुर्घटना में देष के महत्वपूर्ण मानव संसाधन की क्षति होती है। हमें इन्हें बचाना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि महत्वपूर्ण राजमार्गों पर जहां दुर्घटना की संभावना रहती है वहां ट्राॅमा सेंटर बनाये जायेगें। उन्होंने कहा कि दुर्घटना का तीन सबसे अहम कारण – हेलमेट का उपयोग न होना, शराब पीकर ड्राइविंग तथा ओवर स्पीड है। ट्रैफिक कानून का कड़ाई से पालन हो। बाइक चलाने वाले तथा पीछे बैठने वाले को हेलमेट लगाना ही होगा। इसे कड़ाई से लागू करें। हाइवे पर पेट्रोलिंग करने वाले ब्रेथ एन्हलाइजर का उपयोग कर जांच करेंगे। बस और ट्रक आॅनर एसोसियेसन भी चालकों के बीच जागरूकता फैलायें। उन्हें शराब से दूर करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाइवे पेट्रोलिंग और शहर की ट्रैफिक प्रभारी यह सुनिष्चित करें कि कोई भी वाहन ओवर स्पीड ना चले। कड़े कानून का डर सबमें होना चाहिये। श्री रघुवर दास ने कहा कि एक्सीडेंट होते ही हाइवे पेट्रोलिंग से लेकर एम्बुलेंस तुरत पहुंचे। हमे सूचना देने वाले को एक बेहतर नागरिक मानना चाहिये। दुर्घटना में घायलांे का अस्पताल में बिना किसी पूछताछ के इलाज तुरत शुरू होे। अपर मुख्य सचिव श्री सुधीर त्रिपाठी को यह कहा कि वे आईएमए के साथ बैठक करें तथा उन्हें अवगत करायें कि चिकित्सक ऐसी स्थिति में सबसे पहले इलाज करेंगे। सभी जिलों के सिविल सर्जन दिसम्बर माह में प्रत्येक अस्पताल के सामने सूचना पट्ट पर सबसे पहले इलाज की सूचना प्रदर्षित करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दिषा में सजग, समयबद्ध, संवेदनषील, सख्त और त्वरित कार्रवाई की जरूत है। इस कार्य में वैसे नागरिक जो सामाजिक सेवा में रूचि रखते हों, उनकी मदद ली जानी चाहिये। महत्वपूर्ण राजमार्गों पर प्रत्येक 50 किलोमिटर पर एक 108 एम्बुलेंस सेवा रहे जिससे तत्काल दुर्घटना स्थल पर पहुंचा जा सके।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि काॅलेज की छात्राएं जो दूर-दूर से आती हैं उनके लिये बस सेवा जल्द ही बहाल की जायेगी। उन्होंने कहा कि इसकी समयबद्ध योजना तैयार कर जनवरी से शुरू कर दें। उन्होंने बस आॅनर्स के सुझावों का भी स्वागत करते हुये कहा कि सरकार सबकी सहभागिता से राज्य हित में निर्णय लेती हैं। मुख्यमंत्री ने 16 दिसम्बर को सभी बस और ट्रक आनर्स संगठन के साथ मंत्रालय सभागार में बैठक का निदेष दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर हो या गांव या हाइवे की सड़क सभी वाहन दिन में भी अपनी लाइट जलाकर परिचालन करेंगे। इससे सड़क दुर्घटना में बहुत कमी आयेगी। उन्होंने कहा कि जनवरी से सीधे फाइन करें तथा इसे कड़ाई से लागू करायें। मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी क्षेत्र से जोड़ने के लिये अधिक से अधिक परमिट दिये जायें। जो नागरिक ऐसा बस चलाना चाहता है उसे स्टार्टअप योजना के तहत शीघ्र बैंक से ऋण मुहैय्या कराकर सरकार मदद करेगी। ग्रामीण जनता सरकार का मुख्य फोकस में है। हाइवे पर टेम्पू या छोटी गाड़ी के बदले केवल बस चले। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षित स्वस्थ और स्वच्छ झारखण्ड बनाना है। बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा राज्य की मुख्य सचिव श्रीमती राजबाला वर्मा, विकास आयुक्त श्री अमित खरे, अपर मुख्य सचिव श्री सुधीर त्रिपाठी, प्रधान सचिव गृह श्री एसकेजी रहाटे, एडीजी श्री अनिल पाल्टा, आईजी श्री आर के मल्लिक, आई जी श्री अरूण कुमार सिंह, ईंजीनियर इन चीफ श्री दास बिहारी सिंह, मुख्य अभियंता श्री मदन कुमार, बस आनर्स के प्रतिनिधि तथा राज्य सड़क सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्य उपस्थित थे।

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