राँची, झारखण्ड । जून | 24, 2018 :: मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि गरीबी समाप्त करने का सबसे बड़ा साधन है शिक्षा। हम अपने समाज को शिक्षित कर दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चला सकते हैं। हमें अपने समाज को बदलना है और बदलाव के लिए जज्बा और जुनून चाहिए। मुझे लगता है कि केंद्रीय सरना समिति के अधिकारियों और लोगों में यह जुनून और जज्बा है। आदिवासी भाइयों बहनों से अपील है कि केंद्रीय सरना समिति के संगठन को और मजबूती दें। उक्त बातें उन्होंने केंद्रीय सरना समिति के राज्यस्तरीय सामूहिक विवाह कार्यक्रम में 351 नव दंपत्तियों को आशीर्वाद देने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जनजाति समाज, आदिवासी समाज आज भी विकास की राह देख रहा है। पिछले 70 वर्षों से लोगों ने आदिवासियों के नाम पर सिर्फ राजनीति की है। आदिवासी समाज आज भी वोट बैंक के रूप में देखा जाता है। हमारी सरकार इस मिथक को तोड़ना चाहती है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आदिवासियों के हित में निर्णय ले रही है, ताकि हमारा शोषित और वंचित वर्ग है वह समाज से बराबरी कर सके। आदिवासी समाज से भी लोग इंजीनियर बनें, डीएसपी बनें, दरोगा बनें यह हमारी सोच है। आपके बच्चों की शिक्षा में रुकावट न आए इसलिए हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना के तहत 10 करोड़ का आवंटन किया है। किसी भी बच्चे की पढ़ाई में, उच्च शिक्षा में अगर आर्थिक कठिनाइ आती है तो सरकार उसकी हरसंभव सहायता करेगी। कन्या धन से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है विद्या धन। आज जैसे केंद्रीय सरना समिति कन्यादान करवा रहा है, मैं चाहता हूं कि आने वाले समय में यह विद्यादान के कार्यक्रम करवाएं।
सामूहिक विवाह उत्सव में 350 नव-विवाहित दंपतियों को नए दांपत्य जीवन की शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि समिति का ये प्रयास समाज को समाज को स्वस्थ रखने के दृष्टिकोण से लिया गया बड़ा निर्णय है। अलग-अलग विवाह होने पर कितनी परेशानियां होती हैं इससे हम सभी अवगत हैं। एक शादी में लाखों रुपए खर्च हो जाते हैं। गरीब कर्ज में दब जाता है। गरीब भाइयों- बहनों को अपनी संपत्ति गिरवी रखनी पड़ती है। सामूहिक विवाह इससे बचाता है। सामूहिक विवाह करानेवाली संस्थाओं को सरकार प्रति जोड़े दो हजार रुपये की आर्थिक मदद करेगी। इसी प्रकार मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत हर जोड़ों को 30 हजार रुपये प्रदान किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव में सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए हमारी सरकार दिन- रात काम कर रही है। हमारी सरकार ने संकल्प लिया है कि आप तक हर सुविधा पहुंचाएगी जाएगी। 30 जून हूल दिवस के दिन से 15 अगस्त तक 500 तक की आबादी वाले गांव में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गईं सात अहम योजनाओं को शत-प्रतिशत लागू कराने के लिए आदिवासी जन उत्थान अभियान चलाया जा रहा है।
श्री रघुवर दास ने कहा कि हमारे आदिवासी समाज की संस्कृति खुले विचारों वाली है। कुछ राष्ट्र विरोधी शक्तियां इसपर हमला करने की कोशिश कर रही हैं। अनुसूचित जनजाति के लिए संविधान में जो हक और अधिकार दिए गए हैं, उन अधिकारों से आपको सशक्त बनाने के लिए हमारी सरकार कृतसंकल्पित है। आपके अधिकारों कि रक्षा करना हमारा धर्म है। हमारे रहते आदिवासी समाज का अधिकार कोई नहीं छीन सकता। भारत के संविधान में शोषित, वंचित और गरीब वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान है। जनजातीय समाज के लिए 26% आरक्षण चिन्हित है और जनजातीय समाज से कोई नहीं छीन सकता।*
कार्यक्रम में समिति के अध्यक्ष श्री फुलंचद तिर्की, कार्यकारी अध्यक्ष श्री बबलू मुंडा, झारखंड खादी बोर्ड के अध्यक्ष श्री संजय सेठ, कला-संस्कृति विभाग के सचिव श्री मनीष रंजन समेत बड़ी संख्या में सरना समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे।