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अभाविप झारखंड प्रदेश ने अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर राजभवन के समक्ष दिया धरना

राची, झारखण्ड | फरवरी | 19, 2024 ::

* जिस प्रदेश के अंदर में 18 घंटा मुख्यमंत्री नहीं बनता है तो उस प्रदेश में हाहाकार मच जाती है, लेकिन राज्य के अनेकों विश्वविद्यालय में 264 दिनों से कुलपति—प्रतिकुलपति नहीं है फिर भी राज्यपाल,मुख्यमंत्री लाश की तरह मौन है:-याज्ञवल्क्य

* झारखंड के युवाओं से वादा कर ना निभाने का ही परिणाम है की हेमंत सोरेन होटवार के अंदर बंद हैं – याज्ञवल्क्य शुक्ल

* आउटसोर्स के जरिए विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचारियों का बना अड्डा – याज्ञवल्क्य शुक्ल

* राज भवन और राज्य सरकार आखिर छात्रों का भविष्य बर्बाद करने पर क्यों तूली है – शुक्ल

* झारखंड में अस्थाई कुलपतियों के चलते पूरे झारखंड प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे – अभाविप

* झारखंड में व्याप्त शैक्षणिक कुव्यवस्था के विरुद्ध एबीवीपी झारखंड के प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन को अपनी 11 सूत्री मांग पत्र सौंपा

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के द्वारा राजभवन के समक्ष राज्य में व्याप्त शैक्षणिक कुव्यवस्था के विरुद्ध एक दिवसीय छात्र हुंकार धरना का आयोजन किया गया। इस छात्र हुंकार धरना में 24 जिला से प्रदेश भर से हजारों की संख्या में छात्र छात्राएं सम्मिलित होकर अपने हक और अधिकार के लिए, राज्य में व्याप्त शैक्षणिक दूराव्यवस्था के विरुद्ध हुंकार भरा। ज्ञात हो झारखंड में लगभग एक वर्ष से 5 विश्वविद्यालयों में स्थाई कुलपति नहीं है, साथ ही विश्वविद्यालय के अधिकांश प्रशासनिक पद रिक्त है, इसके साथ ही राज्य के अधिकांश महाविद्यालयों में शिक्षकेत्तर कर्मचारियों व प्रयोगशाला, पुस्तकालय, पेयजल, शौचालय जैसे बुनियादी सुविधाओं से भी जूझ रहा है। अभाविप लगातार विश्वविद्यालय स्तर पर पिछले एक वर्ष से कुलपति नियुक्ति, परिसर में व्याप्त नकारात्मक शैक्षणिक माहौल व विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचों को ठीक करने हेतु छात्र लगातार सड़को पर संघर्षरत रहा है।
अगर देखा जाए तो विगत 5 वर्षों से (2019 के बाद) झारखंड के किसी भी विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव नहीं कराया गया है। विश्वविद्यालय में निर्वाचित छात्र प्रतिनिधि नहीं होने के कारण छात्रों ने छोटी छोटी समस्याओं के निराकरण के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ रहा है। विद्यार्थी परिषद लगातार इस विषय को लेकर संघर्ष कर रहा की छात्रसंघ, सीनेट , सिंडिकेट बहाल हो लेकिन राजभवन व राज्य सरकार के रवैए से यह प्रतीत होता है की किसी राजनैतिक रणनीति के तहत विश्वविद्यालय में छात्रसंघ, सीनेट , सिंडिकेट बहाल नहीं की जा रही है।
छात्र हुंकार धरना को संबोधित करते अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि आज का आंदोलन छात्रों के रोजगार के लिए है, उनके बेहतर भविष्य के लिए है, ताकि आने वाली पीढ़ी हमसे यह सवाल ना करें कि जब झारखण्ड में लूट मची थी, तो हम कहां थे। जिस प्रदेश में मुख्यमंत्री नही बनती है वहां हा हाकार मच जाती है। उसी प्रकार अभी झारखण्ड के विभिन्न विश्वविद्यालयों में स्थायी कुलपति लम्बे समय से नहीं है। कई विश्वविद्यालय है जहां स्थायी कुलसचिव नहीं है। बहुत से डिग्री कॉलेजों में स्थाई प्राचार्य नहीं है, एक प्राचार्य को कई महाविद्यालय का जिम्मा दे दिया जाता है।

पूरे झारखंड प्रदेश में शिक्षण व्यवस्था बदहाली की कगार पर है, राज भवन एवं साथ ही राज्य सरकार से भी यह पूछना चाहता हूं कि ऐसी क्या मजबूरी है कि कुलपति नियुक्तियों को बीच में ही रोक दी गई, राजभवन को इसे लेकर एक श्वेत पत्र जारी करके आम छात्रों को स्पष्टीकरण देनी चाहिए कि कुलपति नियुक्ति प्रक्रिया को बीच में ही क्यों रोक दी, कुलपतियों की नियुक्ति की विज्ञापन निकलने के बाद भी 9 महीने से अभी तक कुलपतियों की नियुक्ति नहीं होने के कारण विश्वविद्यालय हाशिए पर चला गया है, साथ ही कुलपतियों की नियुक्तियां की विज्ञापन को निरस्त करना विश्वविद्यालय व छात्रों का सर्वांगीण विकास न होने में बड़ा रुकावट नजर आ रहा है, आखिर ऐसा क्या कारण है की नियुक्तियों को बीच में रद्द किया गया,

विगत 8 वर्षों के पश्चात यह सरकार झारखंड संयुक्त योग्यता धारी परीक्षा का आयोजन करती है और वह भी भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ जाती है, यह भी झारखंड के इतिहास में एक काला अध्याय के रूप में हम सभी देखते हैं,

धरना प्रदर्शन के दौरान राजभवन के प्रतिनिधि मजिस्ट्रेट रामकुमार उरांव ने एबीवीपी के प्रतिनिधिमंडल से मिलकर 11 सूत्री मांगों के पत्र को स्वीकार करते हुए जल्द से जल्द मांगों के ऊपर कारवाई करने का भरोसा दिलाया..

पूरे 24 जिला से आए हुए धरना प्रदर्शन में हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं सम्मिलित रहे, जिसमें मुख्य रूप से राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल, क्षेत्रीय संगठन मंत्री निखिल रंजन, राष्ट्रीय कार्य समिति सदस्य रोमा तिर्की, जनजातिया कार्य प्रमुख प्रमोद रावत कार्यकारिणी सदस्य रमेश उरांव, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विशाल सिंह,प्रदेश संगठन मंत्री राजीव रंजन, राष्ट्रीय प्रादेशिक विवि कार्य सह प्रमुख विनीत पांडे, दुर्गेश यादव,सह मंत्री शुभम राय,गौतम महतो, डब्लू भगत, नवलेश सिंह, रितेश यादव,विवेक पाठक, शिवेंद्र सौरभ, सौरव विद्यानंद, निवास मंडल, अभिनव जीत, किरण ऋतुराज, अमन, सिद्धांत, शारदा, संजना, साक्षी, कार्तिक गुप्ता, प्रणव गुप्ता, आनंद एवं हजारों की संख्या में छात्र हुंकार महा धरना में 24 जिला से आए हुए छात्र-छात्राएं एवं कार्यकर्ता गण उपस्थित रहे।

 

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