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पड़हा जतरा मुड़मा को तीर्थस्थल के रूप विकसित किया जा रहा है
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सांस्कृतिक अस्मिता की रक्षा करें हम– मुख्यमंत्री
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मेला मेल-जोल व मेल-मिलाप का माध्यम
रांची, झारखण्ड । अक्टूबर | 06, 2017 :: पड़हा जतरा मुड़मा को तीर्थस्थल के रूप विकसित किया जा रहा है। मांडर की पहचान देश के सभी आदिवासी समुदाय में अलग रूप में हों, इसके लिए सरकार काम कर रही है। हमें अपनी संस्कृति और पहचान बचाये रखनी है। लोभ, भय और धोखे से किया गया धर्मांतरण गैर संवैधानिक है। इसका पालन हमारी सरकार कड़ाई से करेगी। उक्त बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहीं। श्री दास मांडर में पड़हा जतरा मुड़मा मेले का शुभारंभ कर लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि झारखंड की संस्कृति देखने देश-विदेश के लोग आते हैं। हमें अपने संस्कृति का प्रचार प्रसार करना है। भारतीय संस्कृति में मेले का विशेष महत्व है। मेला मेल-जोल व मेल-मिलाप का माध्यम है। यह हमें एक होने का संदेश देता है। आदिवासी समाज एक होकर रहे। अपनी परंपरा और संस्कृति को बचाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शक्ति की अराधना कर मैंने राज्य के लोगों की समृद्धि की कामना की। राज्य सरकार लोगों के विकास के लिए प्रयासरत है। समृद्ध राज्य की गोद में गरीबी पल रही है। लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए लाह, तसर, मधुमक्खी पालन आदि को बढ़ावा दिया जा रहा है। मधुमक्खी पालन करनेवाले किसानों को सरकार बॉक्स देगी। इससे उत्पादित मधु को खादी ग्रामोद्योग के माध्यम से खरीदा जायेगा। इसी प्रकार लाह और तसर उत्पादों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य की 4.80 लाख महिलाओं को रोजगार से जोड़ा गया है। 2022 तक राज्य से गरीबी समाप्त करने के लिए हर बीपीएल परिवार से एक सदस्य को स्वरोजगार से जोड़ने का काम किया जा रहा है।
कार्यक्रम में पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी डीन जोन्स ने भी शिरकत की। इस दौरान मांडर विधायक श्रीमती गंगोत्री कुजूर, धर्म गुरु बंधन तिग्गा, पूर्व विधायक समीर उरांव समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।