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श्रावण मास में श्री हरि की पूजा अत्यंत फलदायी : नेहा कुमारी

राची, झारखण्ड  | जुलाई  31, 2024 ::

श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी कहा जाता है।‌ इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है।
ऐसी मान्यता है कि श्रावण मास में श्री हरि की पूजा अत्यंत फलदायी होती है। इसका पालन करने से पापों का नाश हो जाता है। कामिका एकादशी व्रत का प्रभाव मन और शरीर पर सीधा पड़ता है। मान्यता है कि एकादशी का व्रत विधि विधान से रखने पर प्राणी सभी दुखों से मुक्त होता है। इस बार कामिका एकादशी 31 जुलाई यानी बुधवार को है।
हर वर्ष सावन माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन कामिका एकादशी मनाई जाती है। यह पर्व भगवान विष्णु जी को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु एवं धन की देवी मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है।
शास्त्रों में कहा गया है कि इस तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सावन महीने के कृष्ण पक्ष में आने वाली इस एकादशी पर भगवान विष्णु को तुलसी पत्र चढ़ाने से जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं। इस दिन तीर्थ स्नान और दान से कई गुना पुण्य फल मिलता है।
* कामिका एकादशी व्रत का
महत्त्व:
कामिका एकादशी का व्रत श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे करने से पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो भक्ति और श्रद्धा के माध्यम से भगवान विष्णु के समीप जाना चाहते हैं।

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