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बच्चे को धन दे पाए या न दे पाएं पर संस्कार दिजीए : आचार्य दीनानाथ शरण

राची, झारखण्ड | अप्रैल | 03, 2024 ::

ध्रुव जैसा देदीप्यमान पुत्र चाहिए तो सुनीति जैसी मां चाहिए
●भगवान आपके पुत्र का दर्शन करने आएं ध्रुव और प्रह्लाद की तरह

रांची
श्री जगतगुरू देवाचार्य मलुक पीठाधीश्वर श्री राजेन्द्र दास जी महाराज के कृपापात्र शिष्य परम पूज्य आचार्य दीनानाथ शरण जी महाराज श्री धाम वृन्दावन के मुखारविन्द से आज चतुर्थ दिवस की भागवत कथा मे कहा ध्रुव जैसा देदीप्यमान पुत्र चाहिए तो सुनीति जैसी मां चाहिए, सुनीति मतलब सुन्दर नीति, विचार, संस्कार से परिपूर्ण माता क्योंकि माता ही समाज के पहली पालक, रक्षक, मार्गदर्शक और गुरू है, यह है माता की महिमा, यही मां समाज गढती है, मां की चरित्र, संस्कार की शुद्धता, शिक्षा, ही मानव सभ्यता की आधार है , माता पिता ही सच्चा हितैषी है , राक्षस कुल मे भी मां कयाथु ने बेटा प्रह्लाद को संस्कार दिया, बच्चे को धन दे पाए या न दे पाएं पर संस्कार दिजीए, संस्कार न दिजीएगा तो संस्कृति बदल लेगा, सुनीति की तरह संस्कार दिजीए ताकि भगवान आपके पुत्र का दर्शन करने आएं ध्रुव और प्रह्लाद की तरह, आज की कथा मे श्री कृष्ण का जन्म महोत्सव भी मनाया गया इसकी मनमोहक झांकी प्रस्तुत की गयी, कल कृष्ण रुक्मिणी विवाह का प्रंसग और झांकी होगी, यह जानकारी प रामदेव पाण्डेय ने दी

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