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क्या है करवा चौथ व्रत करने की सही विधि : जानिए पँ रामदेव पाण्डेय से

* 8 अक्टूबर 2017 रविवार – को करवा चौथ

* इस दिन सुहागिन स्त्रियों अपने पति की लंबी उम्र की कामना और कुंवारी कन्‍याएं उत्तम वर एवं मनवांछित वर पाने के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं.

* सुहागिन स्त्रियां निर्जला उपवास रखती हैं और रात को चंद्रमा को देखने के बाद ही अपना व्रत खोलती हैं.

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रांची, झारखण्ड । अक्टूबर | 07, 2017 ::  पति की लंबी उम्र के लिए इस विधि से करें करवा चौथ का व्रत |
8 अक्टूबर 2017 रविवार  को करवा चौथ |
सदियों से पति की लंबी उम्र की कामना के लिए कार्तिक माह की कृष्‍ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है.इस दिन सुहागिन स्त्रियों अपने पति की लंबी उम्र की कामना और कुंवारी कन्‍याएं उत्तम वर एवं मनवांछित वर पाने के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं.

इस बार करवा चौथ का व्रत 8 अक्‍टूबर को है. इस दिन सुहागिन स्त्रियां निर्जला उपवास रखती हैं और रात को चंद्रमा को देखने के बाद ही अपना व्रत खोलती हैं.

घर और तिजोरी में अभिमंत्रित मूंगा गणेश स्थापित करने से दूर हो जायेगी धन की कमी .

करवा चौथ के दिन कई तरह के नियमों का पालन भी करना होता है. यदि आप अपने पति की लंबी उम्र और स्‍वस्‍थ जीवन की कामना करती हैं तो आपको ये व्रत अवश्‍य रखना चाहिए. हिंदू धर्म का पालन करने वाली हर महिला करवा चौथ का व्रत जरूर रखती है.

करवा चौथ पूजन मुहूर्त
दिन – रविवार

तारीख – 8 अक्‍टूबर

पर्व – त्योहार- तृतीया उपरान्त चतुर्थी , आज करवा चौथ

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तिथि – तृतीय      – शाम    7 :27 तक , ( 8 /10 /2017) इसके बाद चौथ है ,

नक्षत्र  –  भरणी  –  19 :23 तक

योग- बज्र     – 23:15 तक

करण- वव

पूजन मुहूर्त – शाम 7 .27 से 8.00 तक

चंद्रोदय – 7 .55  पर

चतुर्थी तिथि समाप्‍त – 14.16 (9 अक्‍टूबर)

करवा चौथ की पूजन विधि
घर की किसी दीवार पर गेरू से फलक बनाकर पिसे चावलों के घोल से करवा का चित्र बनाएं। इसे वर कहा जाता है एवं चित्र बनाने की कला को करवा धरना कहा जाता है। इस दिन आठ पूरियों की अठावरी और हलवा और पकवान बनाएं।

पीले रंग की मिट्टी से गौरी जी की मूर्ति बनाएं और गणेश जी की मूर्ति बनाकर उसे मां गौरी की गोद में बिठाएं। एक चौक बनाकर उस पर लकड़ी का आसन रखें और उस पर मां गौरी की प्रतिमा रखें। मां गौरी को चुनरी ओढ़ाएं और उन्‍हें सुहाग की वस्‍तुएं चढ़ाएं। एक जल  से भरा हुआ लोटा रखें।

भेंट देने के लिए मिट्टी का टोंटीदार करवा लें। करवा पर गेहूं और ढक्‍कन में शक्‍कर का बूरा रख दें। इसके ऊपर दक्षिणा रख दें। अब रोली से करवे पर स्‍वास्तिक बनाएं। मां गौरी और भगवान गणेश के साथ बनाए गए चित्र की पूजन करें और अपने पति की दीर्घायु की कामना करें।

‘नमः शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभाम्‌।
प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे॥’
करवे पर 13 बिंदी रखें और गेहूं या चावल के 13 दाने हाथ में लेकर करवा चौथ की कथा सुनें और कहें। कथा सुनने के बाद अपनी सास के पैर छुएं। 13 दाने और टोंटीदार करवे को अलग रखें। रात्रि में चंद्रोदय होने पर छलनी से चंद्रमा को देखें और उसे अर्घ्‍य दें। अब पति से आशीर्वाद लें और भोजन ग्रहण करें।

करवा चौथ के व्रत से क्‍या मिलता है फल
इस व्रत को करने से सुहागिन स्त्रियों के पति की दीर्घायु, सुख-समृद्धि और स्‍वस्‍थ जीवन की प्राप्‍ति होती है। मान्‍यता है कि इस व्रत को करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्‍य मिलता है।

करवा चौथ के व्रत में ध्‍यान रखें ये बातें
– इस व्रत को केवल सुहागिन स्त्रियां ही रख सकती हैं या जिनका रिश्‍ता तय हो चुका हो, वे कन्‍याएं भी इस व्रत को रख सकती हैं।

– व्रत के दिन काले और सफेद रंग के वस्‍त्र नहीं पहनने चाहिए। लाल और पीले रंग के वस्‍त्र पहनना शुभ रहता है।

पँ रामदेव पाण्डेय 8877003232

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