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दो दिवसीय समागम :: सूरा सो पहचानिए जो लड़े दीन के हेत…

रांची, झारखण्ड | दिसंबर | 23, 2018 :: गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा द्वारा आज 23 दिसम्बर,रविवार को शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में दूसरे दिन सुबह दीवान सजाया गया.

कृष्णा नगर कॉलोनी स्थित गुरुद्वारा साहिब में सजाए गए दीवान की शुरुआत सुबह 10 बजे स्त्री सत्संग सभा की शीतल मुंजाल द्वारा ” देह शिवा वर मोहे इहे शुभ करमन ते कबहुँ ना टरौ……….” शबद गायन से हुई.

हजूरी रागी जत्था भाई भरपूर सिंह जी एवं साथी ने ” धन गुरु गोविंद साहिब जी …………”  एवं ” सूरा सो पहचानिए जो लड़े दीन के हेत………….” शबद गायन कर संगत को निहाल किया.

दो दिवसीय समागम में विशेष रूप से पधारे सिख पंथ के महान रागी जत्था भाई सरबजीत सिंह जी रमदास वाले, अमृतसर वाले ने ” झूठी देखी प्रीत जगत मैं ……….” एवं ” गोविंद के गुण गावो मानस जनम अमोलक पाया बिरथा काहे गवावो………..” एवं  “ज्योति ज्योत मिलाए काया कर सोहेया राम………” तथा ” हर मन वसया सोई जय जयकार करे सब कोई………”  जैसे एक के बाद एक शबद गायन कर श्रद्धालुओं को भाव विह्वल कर दिया.

सिख पंथ के महान कथा वाचक भाई बलविंदर सिंह जी देहरादून वाले ने कथावाचन कर कहा कि गुरुजी ने नाम,दान और स्नान कहा है अथार्त नाम से आशय वाहेगुरु का सिमरन करना,दान से आशय दुनिया से संवाद करना और स्नान मतलब अपने अंदर की बुराइयों को धोना.साथ ही बताया कि गुरु गोविंद सिंह जी ने पाँच क अथार्त केश, कड़ा,कच्छा, कंघा और कृपाण धारण करने  सिखों को कहा पर पाँच क अपने पास भी रखे अथार्त किसको देना है,कितना देना है,कब देना है,कैसे देना है और किस प्रकार देना है.उन्होंने साध संगत को यह भी बताया कि आठ पहर में शाम के चार पहर होते हैं  जिसमें शाम का पहला पहर मानव जागे,दूसरे पहर भोगी जागे,तीसरे पहर तक तस्कर जागे और अंतिम पहर यानी भोर 3 से 6  जोगी (गुरु की बंदगी करने वाला)जागे.

 

अनंद साहिब जी के पाठ, अरदास, हुक्मनामा और कढ़ाह प्रसाद वितरण के साथ दोपहर 2.30 बजे दीवान की समाप्ति हुई और इसी के साथ दो दिवसीय समागम का समापन हो गया.सभा के मुखी जयराम दास मिढ़ा एवं प्रधान हरविंदर सिंह बेदी ने भाई सरबजीत सिंह जी एवं भाई बलविंदर सिंह जी को गुरु घर का सरोपा देकर नवाजा. सत्संग सभा के सचिव मनीष मिढ़ा ने स्टेज संचालन किया.दीवान की समाप्ति के पश्चात गुरु का अटूट लंगर बरताया गया जिसमें सैंकड़ों की संख्या में पुरुष एवं महिला श्रद्धालुओं ने पंगत में बैठकर गुरु का लंगर चखा.सत्संग सभा के प्रधान हरविंदर सिंह बेदी ने साध संगत से इसी तरह गुरु घर से जुड़े रहने का आग्रह किया.

दो दिवसीय आयोजन में लंगर सेवा में अशोक गेरा, अर्जुन दास मिढ़ा, सुरेश मिढ़ा, अनुप गिरधर, बिनोद सुखीजा, नानक चंद अरोड़ा, राज कुमार डाँवरा, मोहन काठपाल तथा जोड़े की सेवा में बसंत काठपाल, प्रेम मिढ़ा, लक्ष्मण अरोड़ा, पुरुषोत्तम सरदाना, गीता मिढ़ा, उर्वशी मिढ़ा की मुख्य भूमिका रही.

सत्संग सभा के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने बताया कि नववर्ष के पहले दिवस 1 जनवरी को सुबह 7.30 बजे से 9.30 बजे तक विशेष दीवान सजाया जाएगा एवं सभा द्वारा संगत के लिये चाय नाश्ता लंगर भी चलाया जाएगा.

आज के दीवान में जयराम दास मिढ़ा, रामकृष्ण मिढ़ा, सुंदरदास मिढ़ा, द्वारकादास मुंजाल, चरणजीत मुंजाल, लेखराज अरोड़ा,

वेद प्रकाश मिढ़ा, दीनदयाल काठपालिया, मोहनलाल अरोड़ा, गुलशन मिढ़ा, हरजीत मक्कड़, रमेश गिरधर, जितेंद्र मुंजाल, प्रेम सुखीजा, अजय धमीजा, महेंद्र अरोड़ा, रमेश तेहरी, नवीन मिढ़ा, आशु मिढ़ा, पवनजीत खत्री, लक्ष्मणदास मिढ़ा, इंदर मिढ़ा, रमेश पपनेजा, रौनक ग्रोवर, कंवलजीत मिढ़ा, सूरज झंडई, बीबी प्रीतम कौर, गीता कटारिया, तीर्थी काठपालिया, बबली मिढ़ा, मंजीत कौर, बिमला मुंजाल, मीना गिरधर, बंसी मल्होत्रा, डॉली गिरधर, नीता मिढ़ा, इंदु पपनेजा, रेशमा गिरधर, नीतू किंगर, ममता थरेजा, बेबी मुंजाल, चाँद नागपाल, रजनी तेहरी समेत अन्य शामिल थे.

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