रांची, झारखण्ड | दिसम्बर | 22, 2021 :: आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी रांची में आयोजित दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ” रीसेंट इनोवेशन इन मुलटीडीसीप्लेनरी रिसर्च”( ICRIMR2021) के पहले दिन मुख्य अतिथि के रूप में सीसीएल के सीएमडी पी.एम. प्रसाद , विशिष्ट अतिथि के तौर पर जीएम बीए बीएसएनएल उमेश प्रसाद उपस्थित थे। मंच पर विराजमान अतिथियों को सर्वप्रथम पुष्पगुच्छ और पौधा देकर सम्मानित किया गया। इसके पश्चात कॉन्फ्रेंस का विधिवत उद्घाटन प्रातः 10 बजे दीप प्रज्वलित कर किया गया।इसके पश्चात सरस्वती वंदना और गणेश स्तुति छात्राओं के द्वारा प्रस्तुत की गई।
आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. एस. चटर्जी ने अध्यक्षता करते हुए अपने संबोधन में यूनिवर्सिटी के पिछले तीन वर्षों की उपलब्धि प्रस्तुत किया। डॉ. चटर्जी ने बताया कि वर्ष 2019 से यूनिवर्सिटी द्वारा राज्य के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित होकर कार्य किया जा रहा है। यूनिवर्सिटी ने सदैव उच्च कोटी के मानकों के आठ अकादमिक और व्यवहारिक शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को बेहतर माहौल में शिक्षा देंने का कार्य प्रारंभ किया है।
कोरोना संक्रमण काल में भी यूनिवर्सिटी ने ऑनलाइन शिक्षा के साथ सौ से ज्यादा वेबिनार और कॉन्फ्रेंस के आयोजन किया है।
सामाजिक दायित्वों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ” यूनिवर्सिटी ने खूंटी जिले के दो गांव को गोद लिया है ।इन गांवों के विकास के कार्य किया जा रहा है। संक्रमण काल में ही प्रकृति रक्षा के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए ट्री एम्बुलेंस का प्रारंभ किया गया था। इसका उद्देश्य पेड़ों को होने वाले नुकसान से उनकी रक्षा करना और उपचार कार्य के जरिये पेड़ों को समय से पहले नष्ठ होने से बचाना है।
आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी द्वारा कुंभ मेले के दौरान 1महीने तक ‘नो प्लास्टिक ‘ अभियान चलाया गया और पूरे मेला क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त रखने का प्रयास किया गया।इसी दौरान 5 लाख पत्तों से बने दोने भी विभीन्न संस्थाओं को वितरित किये गए जिससे पूरे मेला क्षेत्र में जागरूकता पैदा हो ।
कॉन्फ्रेंस के विशिष्ठ अतिथि उमेश प्रसाद ने अपने संबोधन में सीसीएल,बीएसएनएल और आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी के एक मंच पर आने की बात करते हुए इसे ब्रम्हा, विष्णु और महेश के मिलान की संज्ञा दी। उन्होंने बीएसएनएल के कार्यों और सामाजिक दायित्यों की चर्चा करते हुए कहा कि तकनीक के साथ मिलकर कार्य करते हुए समाज के लिए भी बेहतर कार्य करना संभव है।उन्होंने नवोन्मेष और स्टार्टअप के प्रति विद्यार्थियों को ज्यादा गंभीरता से विचार करने की सलाह दिया।
सीसीएल के सीएमडी पी. एम . प्रसाद ने अपना संबोधन वर्तमान युग में रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते प्रभावों के साथ प्रारंभ किया। शिक्षा के क्षेत्र में तकनीक के बढ़ते दखल पर उन्होंने विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए कहा कि” शिक्षा और तकनीक के संगम ने इसे और वयापक और प्रभावी बनाया है। ”
कॉन्फ्रेंस में देश और विदेश के ख्यातिप्राप्त शिक्षाविद और प्रशासकों ने भी ऑनलाइन जुड़कर अपने विचार साझा किया।
सर्वप्रथम प्रो. मनु के. वोरा ( चेयरमैन एंड प्रेजिडेंट बिजनेस एक्ससलेंस,यूएस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट ) ने अपने विचार प्रस्तुत किया उन्होंने ” विश्वविद्यालयों के द्वारा चलाये जा रहे सामाजिक निगमित दायित्वों और एक्सटेंशन एक्टिविटी पर विस्तारपूर्वक अपनी बातें रखी। प्रो. वोरा ने स्नातक,स्नातकोत्तर विद्यार्थियों द्वारा सामाजिक जागरूकता अभियान कार्यक्रमों और जनसहभागिता पर भी विचार रखा।
यूनिवर्सिटी ऑफ इकोनॉमिक्स एंड मैनेजमेंट ,क्रीमिया, सिम्फेरोपोल से डॉ. अखतेम डीजेड हेलिओव और जॉइंट डायरेक्टर एंड हेड ऑफ रिसर्च डिवीजन असोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज से डॉ. अमरेंद्र पाणी ने भी शोधार्थियों के साथ विचार साझा किया ।
उद्घाटन सत्र के समापन अवसर धन्यवाद ज्ञापन करते हुए यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार डॉ. अमित कुमार पांडेय ने सभी उपस्थित अतिथियों का आभार व्यक्त किया और कॉन्फ्रेंस पर अपने विचार साझा किया। उन्होंने सभी अतिथियों को अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इस सत्र के बाद तकनीकी सत्र प्रारंभ होगा। कॉन्फ्रेंस के समापन समारोह 23 दिसंबर को आयोजित होगा जिसमें मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल श्री रमेश बैस होंगे।