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खुद को भी खुश रखना सीखें : गुड़िया झा

रांची , झारखण्ड | अप्रैल | 29, 2020 :: अक्सर देखने में आता है कि भाग दौड़ भरी जिंदगी में घर और बाहर तालमेल बैठाते हुये हम खुद को खुश रखना भूल जाते हैं या इसकी जरूरत ही नहीं समझते हैं।
जबकि सबसे पहले जरूरत इस बात की है कि खुद को खुश रखना होगा। जब हम खुश रहेंगे तभी सामने वाले को भी खुश रख सकेंगे।
इसके लिए यह बेहद जरूरी है कि अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित करें।
इसके लिए योजनाओं को एक दिन पहले ही तैयार कर लें। कुछ बातों को अपनाकर खुद को खुश रखने में हमें मदद मिलती है।

1, खान पान सही रखें।
अपने खान पान पर थोड़ा सा ध्यान देकर अपनी शारीरिक सक्रियता को बनाये रखना अत्यंत आवश्यक है।
क्योंकि जब हमारा
शरीर स्वस्थ रहेगा, तभी हम चुस्त दुरुस्त होकर अपने तथा परिवार की सही तरीके से देख भाल कर सकेंगे।
सभी काम योजना अनुसार समय पर समाप्त कर अपने लिए भी नाश्ते और खाने का एक समय फिक्स रखें।
सुबह जल्दी नाश्ता करने से दिन भर शरीर को भरपूर ऊर्जा मिलती है
जब भी थोड़ा समय मिले हल्की झपकी जरूर लें।
इससे शरीर के साथ साथ दिमाग को भी रिचार्ज होने का मौका मिलता है।

2, अनावश्यक बातों में ना उलझें।
हम देखते हैं कि हमारे आस पास कई ऐसे लोग होते हैं, जो अनावश्यक बातों में अपना और दूसरे का भी समय बर्बाद करते हैं।
किसी भी तरह की अनावश्यक बातों को अपने दिमाग पर हावी ना होने दें।
कभी भी दूसरों से अपनी तुलना नहीं करें। हर किसी की परिस्थिति एक जैसी नहीं होती है।
अपने मन में किसी तरह की कुण्ठा लाकर हमें अपनी खुशी को कुर्बान नहीं करनी चाहिए।
खुशियों का कोई दायरा नहीं होता।अब हमें ये तय करना है कि दूसरों की बातों में ना आकर अपने लिए सही रास्ता चुनें और उन रास्ते पर चलकर ही खुश रहते हुए आगे बढ़ें।

3, अपने लिए भी समय निकालें।
घर के कामों से जब भी फुरसत मिले, अपने लिए समय जरूर निकालें।
इस समय में अपनी मनपसंद का काम करें, जिससे आपको खुशी मिलती है।
ये काम कई तरह के हो सकते हैं।
जैसे- संगीत सुनना, फिल्में देखना, अपनी मन पसंद की किताबें पढ़ना, लिखना, पेंटिंग करना, संगीत की प्रैक्टिस करना आदि। कम्प्यूटर या मोबाइल में यदि हम कुछ नया सीखना चाहते हैं, तो बेहिचक किसी से सीखा जा सकता है।
अपनी पसंद के कोई नये व्यंजन भी बना सकती हैं। इससे हमारे मन को बहुत खुशी मिलती है और हमारा शौक भी पूरा होता है। अपने हम उम्र के लोगों के साथ फोन से बातें कर उनसे कुछ नया सीखने की जिज्ञासा जाहिर कर सकती हैं।
इससे सामने वाले को भी लगेगा कि हमारे अंदर सीखने की लगन है, तो वो भी बहुत कुछ सीखने में हमारी मदद कर सकते हैं।

4, तनाव से बचें।
ये तो आपने सुना ही होगा कि मानसिक तनाव का असर शारीरिक स्वास्थ्य पर भी देखने को मिलता है।
इसका नतीजा यह होता है कि खुशियों को हम इन्जॉय नहीं कर पाते हैं।
इसलिए किसी भी प्रकार का तनाव ना लें।सकारात्मक सोच रखें। बेवजह तनाव लेने से हमारे शरीर की ऊर्जा खत्म हो जाती है।
इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि हमेशा खुद को किसी न किसी काम में व्यस्त रखें। क्
योंकि खाली दिमाग शैतान का घर होता है।

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