राची, झारखण्ड | मई | 20, 2023 :: दो हजार रू के नोट चलन से बाहर करने के फैसले का व्यापार और उद्योग जगत समर्थन करता है।
दो हजार के नोट को चलन से बाहर करने के लिए चार माह का पर्याप्त समय भी दिया गया है, जिससे घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है।
व्यापारी सामान्य तरीके से इसका लेन-देन करें और निर्धारित समय सीमा तक नोट को बैंकों में जमा करा दें। आरबीआई के निर्णय पर झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स की प्रतिक्रियाः-
—-
![](https://www.lenseyenews.com/wp-content/uploads/2023/05/IMG-20230520-WA0178-746x1024.jpg)
दो हजार के नोट का चलन मौजूदा व्यापार में केवल 5 से 10 फीसदी ही था। चूंकि ज्यादातर कारोबार अब डिजिटल फॉर्म में चला गया है और यूपीआई से लेनदेन का प्रचलन बढ़ा है ऐसे में व्यापार जगत को इस फैसले से कोई विशेष फर्क नहीं पडेगा। हाँ, जो अभी भी कैश में लेनदेन करते हैं और डिजिटल रूप से मजबूत नहीं हैं, उनके लिए यह जरूर चुनौती हो सकती है। इन नोटों को बदलने के लिए पर्याप्त समय भी दिया गया है इसलिए घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है।
– किशोर मंत्री, अध्यक्ष
—–
![](https://www.lenseyenews.com/wp-content/uploads/2023/05/IMG-20230520-WA0179.jpg)
दो हजार के नोट चलन से बाहर करने के लिए चार महीने का समय दिया गया है। इसलिए घबराने की आवश्यकता नहीं है। दो हजारी नोट बंद होने से संगठित कारोबार को खास फर्क नहीं पडेगा क्योंकि ये सेक्टर पहले ही डिजीटल में जा चुका है।
– डॉ. अभिषेक रामाधीन, महासचिव
—————–
![](https://www.lenseyenews.com/wp-content/uploads/2023/05/IMG-20230520-WA0174-1008x1024.jpg)
कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। वैसे भी चार साल से दो हजार के नोट छप ही नहीं रहे थे। बाजार में इसका प्रचलन काफी कम था। नोट बदलने के लिए पर्याप्त समय भी दिया गया है। इकोनॉमी के लिए यह फैसला अच्छा है।
– आदित्य मल्होत्रा, उपाध्यक्ष
———-
![](https://www.lenseyenews.com/wp-content/uploads/2023/05/IMG-20230520-WA0177-1015x1024.jpg)
आरबीआई का स्वागतयोग्य निर्णय है। कारोबार जगत को इससे कोई परेशानी नहीं होगी। दो हजार के नोट को चलन से बाहर करने के लिए चार माह का पर्याप्त समय भी दिया गया है, जिससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। व्यापारी सामान्य तरीके से इसका लेन-देन करें और निर्धारित समय सीमा तक नोट को बैंकों में जमा करा दें।
— अमित शर्मा, उपाध्यक्ष
——————
![](https://www.lenseyenews.com/wp-content/uploads/2023/05/IMG-20230520-WA0173-1024x1024.jpg)
30 सितंबर तक बाजार में दो हजार रू0 का नोट चलेगा, इसलिए लोगों को तनिक भी घबराने की जरूरत नहीं है। दो हजारी नोट बदलने के लिए आरबीआई द्वारा पर्याप्त समय भी दिया गया है। सरकार बडे नोट को बंद कर नगद रहित अर्थव्यवस्था की ओर बढ रही है जो भविष्य में पारदर्शिता व सरल व्यापार की ओर बढते कदम का संकेत देता है।
– रोहित पोद्दार, सह सचिव
——-
![](https://www.lenseyenews.com/wp-content/uploads/2023/05/IMG-20230520-WA0175-1024x1020.jpg)
लगातार देखने को मिल रहा था कि कालेधन का संग्रह बडी करेंसी में किया जा रहा था। कालेधर पर प्रहार के लिए यह प्रशंसनीय निर्णय है। फैसले से साफ सुथरे लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी।
– शैलेष अग्रवाल, सह सचिव
———-
![](https://www.lenseyenews.com/wp-content/uploads/2023/05/IMG-20230520-WA0176.jpg)
सरकार का यह कदम मुद्रास्फीति और कालेधन को कम करेगा। ऐसे तो चार माह का समय दिया गया है जो काफी है। इतने समय में लोग जिनके पास दो हजारी नोट हैं, उन्हें बदली करा सकते हैं। लेकिन बहुत कम समय में दूसरी बार नोटों के चलन पर रोक से व्यापारी वर्ग असुविधा महसूस करेगा। यह एक बडे डेनोमिनेशन का नोट था। सरकार को पुनः 1000 रू0 का नोट जारी करना चाहिए।
– सुनिल केडिया, कोषाध्यक्ष
—
![](https://www.lenseyenews.com/wp-content/uploads/2023/05/IMG-20230520-WA0236.jpg)
नोटबंदी के बाद जो नए नोट जारी किए गए थे उसी वक्त यह फैसला लिया गया था कि इसे वापस लिया जाएगा। उस वक्त कैश क्राइसिस से निपटने के लिए आरबीआई ने अस्थाई तौर पर 2000 का नोट जारी किया था। यह अच्छा कदम है। इससे जमाखोरी पर अंकुश लगेगा। जिस तरह समय देकर बंद किया गया है, इससे जनता को भी परेशानी नहीं होगी। समय के अंदर लोग बैंकों में नोट जमा कर पाएंगे।
– ज्योति कुमारी, प्रवक्ता