Sanjay seth
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झारखंड में योग और प्राकृतिक चिकित्सा की अपार संभावनाएं : संजय सेठ ( सांसद )

 

रांची, झारखण्ड  | अप्रैल  | 05, 2022 ::

* सांसद संजय सेठ के सवाल पर केंद्रीय मंत्री का जवाब।

* आयुष मंत्रालय के केंद्रीय अंशदान का महज 25% खर्च कर पाई झारखंड सरकार।

* झारखंड में 267 आयुष स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना पर चल रहा है काम।

* योग और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में काम करे राज्य सरकार, केंद्र हर सहयोग को तैयार : संजय सेठ

देश में योग और प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा मिले, इसके लिए केंद्रीय आयुष मंत्रालय के द्वारा कई तरह के क्रियाकलाप किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत अब तक नौ प्रकार की गतिविधियों को स्वीकृति प्रदान की गई है ताकि योग और प्राकृतिक चिकित्सा की तरफ देश की जनता का रुझान बढ़ सके। उक्त आशय की जानकारी केंद्रीय आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने लोकसभा में दी। लोकसभा सत्र के दौरान सांसद श्री संजय सेठ ने आयुष मंत्रालय के कार्य और गतिविधियों से संबंधित सवाल सरकार से पूछा था।

इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देश में योग और प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार पूरी तरह से गंभीर है। इसके लिए आयुष मंत्रालय अपने तीन स्वायत्त निकायों के माध्यम से देश में योग और प्राकृतिक चिकित्सा क्रियाकलापों को बढ़ावा दे रहा है। सीसीईआरवाईएन योग और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों के अनुसंधान और विकास के लिए देश की शीर्ष संस्था है। योग शिक्षा के लिए विभिन्न पाठ्यक्रम प्रदान करने और अपने केंद्रों के माध्यम से योग का प्रशिक्षण देने का कार्य संस्था के द्वारा किया जाता है।

इसके अलावा सूचना और संचार, आयुष स्वास्थ्य योजना, आयुर्विज्ञान योजना, राष्ट्रीय आयुष मिशन जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम के तहत कई गतिविधियों पर काम किया जा रहा है। जिसमें आयुष स्वास्थ्य और वैलनेस सेंटर की स्थापना, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पतालों में आयुष सुविधाओं का संस्थापन, मौजूदा एकल राजकीय अस्पतालों को, सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों को और नए अवसरों की स्थापना पर काम हो रहा है। इसके अतिरिक्त 10, 30 और 50 बेड वाले अस्पतालों की स्थापना पर भी काम चल रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि आयुष स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जन जागरूकता, आयुष के प्रति लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है। राज्य सरकार के स्नातक और स्नातकोत्तर शिक्षण संस्थानों का उन्नयन कर, इस कार्यक्रम में जोड़ने पर काम चल रहा है। वही ऐसे राज्यों में नए महाविद्यालयों की स्थापना पर भी सरकार काम कर रही है, जहां सरकारी क्षेत्र में आयुष शिक्षण संस्थानों की अनुपलब्धता पर्याप्त है।

सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत झारखंड सहित कई राज्यों में योग और प्राकृतिक चिकित्सा के लिए नए कॉलेजों की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता का प्रावधान है। जहां सरकारी क्षेत्र में कई शैक्षणिक संस्थानों की उपलब्धता अपर्याप्त है। इसके लिए आयुष मंत्रालय 2014 से 2021-22 तक रांची झारखंड में 50 बेड के अस्पताल की स्थापना के लिए अनुदान को मंजूरी दे दी है। इसके अतिरिक्त मिशन के अंतर्गत विभिन्न क्रियाकलापों के लिए केंद्र द्वारा बड़ी मात्रा में अनुदान सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है। वहीं राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत देशभर में 12500 आयुष स्वास्थ्य एवं वेलनेस सेंटरों का प्रचालन किया जा रहा है, जिसमें झारखंड राज्य में 267 स्वास्थ्य एवं वैलनेस केंद्र शामिल है। यहां लोगों को योग और प्राकृतिक चिकित्सा से संबंधित जानकारी दी जाएगी।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि आयुष कार्यक्रमों के प्रोत्साहन के लिए केंद्र सरकार के द्वारा अब तक झारखंड को लगभग ₹22 करोड़ का अंशदान अनुमोदित किया गया है, जिसमें राज्य के द्वारा सिर्फ 5 करोड़ 71 लाख रुपए ही खर्च किए जा सके हैं। यानी झारखंड में केंद्रीय मंत्रालय द्वारा दिए गए राशि का महज 25 फ़ीसदी ही राज्य सरकार खर्च कर पाई है। सांसद श्री सेठ ने कहा कि राज्य सरकार केंद्रीय अंशदानों को भी सही तरीके से खर्च नहीं कर पा रही है। राज्य में आयुष अस्पतालों की स्थापना हो, इस तरफ सरकार का बिल्कुल भी ध्यान नहीं है। सांसद ने राज्य सरकार को यह सलाह दी है कि झारखंड में योग और प्राकृतिक चिकित्सा की अपार संभावनाएं हैं। केंद्र सरकार का भी पर्याप्त सहयोग राज्यों को मिलता रहा है। इसलिए राज्य सरकार को चाहिए इस दिशा में कदम बढ़ा है ताकि झारखंड में भी योग और प्राकृतिक चिकित्सा का बड़ा केंद्र बन सके। देश-विदेश से लोग यहां हैं इससे झारखंड में न सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में भी झारखंड की वैश्विक पहचान बन सकेगी।

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