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जीएसटी एमनेस्टी स्कीम के अधीन करदाताओं को उनके बकाया ब्याज और जुर्माने पर छूट मिल सकती है – सीए पियूष बंसल

राची, झारखण्ड  | मार्च |  17, 2025 ::

दी इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया के प्रोफेशनल स्किल्स एनरिच्मेंट समिति, नई दिल्ली के द्वारा आज रांची में ” स्किल एनरिच्मेंट विथ स्पेशल रेफ़्रेन्स तो GST & टेक्नोलॉजिकल स्किल्स” विषय पर आज द कॅव्स, रांची एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया।

इस सेमिनार के प्रथम तकनिकी सत्र में फगवाड़ा के अप्रत्यक्ष कर के विशेषज्ञ सीए पियूष बंसल ने जीएसटी के एमनेस्टी स्कीम पर जानकारी देते हुए कहा किजीएसटी एमनेस्टी योजना (GST Amnesty Scheme) एक विशेष योजना है जिसका उद्देश्य जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) प्रणाली के तहत दंडों और ब्याज के मामलों को हल करना है। यह योजना करदाताओं को जीएसटी के तहत उनके पुराने बकायों में ब्याज और दंड की  छूट देने और पुनर्निर्माण के अवसर प्रदान करने के लिए है। उन्होंने बताया कि धारा 128A में जीएसटी कानून के तहत एमनेस्टी योजना से संबंधित प्रावधानों की चर्चा की गई है। यह धारा विशेष रूप से सरकार द्वारा घोषित एमनेस्टी योजनाओं के कार्यान्वयन का आधार है। इस धारा के तहत, सरकार करदाताओं को उनके बकाया ब्याज और जुर्माने पर कुछ छूट दे सकती है। धारा 16(5) में विशेष रूप से इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) से संबंधित प्रावधान हैं। इसके तहत, यदि करदाता के विक्रेता उसे उचित समय पर अपनी जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं की है या किसी कारणवश कर की अदायगी नहीं की है, तो उसे जीएसटी के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ नहीं मिलता था । उसे  धारा 16(6) के तहत, यदि करदाता को इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करना है, तो विक्रेता अपनी रिटर्न दाखिल करने और सभी कर संबंधित अंशों को पूरा करना होता है। यदि करदाता ने पहले भुगतान नहीं किया और एमनेस्टी योजना के तहत यह लागू किया जाता है, तो विक्रेता की पिछली मिसिंग रिटर्न या देनदारी 30 .11 .2023  तक को पूरा करने पर क्रेडिट का लाभ उठा सकता है।

दूसरे सत्र में चैटजीपीटी से चैट कैसे करें पर बोलते हुए कोलकाता के टेक विशेषज्ञ सीए विवेक अग्रवाल ने बताया कि चैटजीपीटी से चैट करना एक सरल और सहज प्रक्रिया है, जिसे कोई भी आसानी से समझ सकता है। सबसे पहले, आपको चैटजीपीटी से बातचीत शुरू करने के लिए एक सवाल पूछना या एक निर्देश देना होता है। आप कोई भी विषय चुन सकते हैं, जैसे सामान्य ज्ञान, विज्ञान, कला, गणित, या व्यक्तिगत सलाह। चैटजीपीटी आपके द्वारा पूछे गए सवाल को समझकर त्वरित और सही उत्तर प्रदान करता है। इसका उत्तर देने का तरीका संक्षिप्त, स्पष्ट और सहायक होता है। आप चैटजीपीटी से विस्तृत जानकारी, विचार-विमर्श या समस्याओं का समाधान भी पूछ सकते हैं। इसके अलावा, आप अपने प्रश्न को अधिक विशिष्ट बनाने के लिए चैटजीपीटी से विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। चैटजीपीटी समय-समय पर आपकी बातचीत की शैली को भी समझता है और उसके अनुसार अपने उत्तर को अनुकूलित करता है। इसे बहुत ही सहज और उपयोगकर्ता-मित्रवत तरीके से डिजाइन किया गया है। इसके जरिए आप सीख सकते हैं, समस्याओं का समाधान पा सकते हैं, या बस हल्की-फुल्की बातचीत भी कर सकते हैं। चैटजीपीटी एक बेहद उपयोगी उपकरण है जो आपको तुरंत और सही जानकारी प्रदान करता है।

इससे पूर्व इस सेमिनार के उद्धघाटन सत्र में सभी उपस्थित चार्टर्ड एकाउंटेंट्स और गणमान्य विशेषज्ञों का स्वागत करते हुए इंस्टिट्यूट के रांची शाखा के अध्यक्ष सीए अभिषेक केडिया ने कहा कि सभी उपस्थित सदस्यगणों को शुभ दिन। आज हम दो महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करने के लिए एकत्रित हुए हैं। पहला, जीएसटी एमनेस्टी स्कीम, जो करदाताओं को अपनी पुरानी देनदारियों को सुधारने और नये सिरे से शुरू करने का अवसर प्रदान करती है। दूसरा, चैटजीपीटी से चैट कैसे करें, एक ऐसा टूल जो तकनीकी दुनिया में बदलाव लाने के साथ हमें ज्ञान और जानकारी तक शीघ्र पहुँच प्रदान करता है। मुझे उम्मीद है कि इस सेमिनार से हमें दोनों विषयों पर गहरी समझ और बेहतर दृष्टिकोण मिलेगा।

इस सेमिनार का विषय प्रवेश इंस्टिट्यूट के रांची शाखा के सी पी इ कमिटी के अध्यक्ष सीए हरेन्दर भारती और सञ्चालन सीए शुभम मोदी और सीए तनुज जालान ने किया। इस सेमिनार के आयोजन में रांची शाखा के उपाध्यक्ष सीए अनीश जैन, सचिव सीए बी के ठाकुर, कोषाध्यक्ष सीए विवेक खोवाल, कार्यकारिणी सदस्य सीए दिलीप कुमार, सीए गौरव मुंजाल और सीए सुभाष गोयल का महत्वपूर्ण भूमिका था।

 

 

 

 

 

 

 

 

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