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मोहब्बत का जो जल बरसाये ऐसे बादल नहीं मिलते :: सृजन संसार की मासिक गोष्ठी में कवियों ने बहायी काव्य- रस की गंगा

रांची, झारखण्ड  | सितंबर  |05, 2022 :: सृजन संसार(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मंच)की मासिक काव्य- गोष्ठी का आयोजन जवाहरलाल नेहरू कला केंद्र,मेकाॅन काॅलोनी,श्यामली में हुआ।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कला केंद्र की प्राचार्या लिलि मुखर्जी एवं सचिव अर्णव बोस उपस्थित रहे।कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार अशोक प्रियदर्शी ने तथा संचालन संगीता सहाय ‘अनुभूति ‘ ने किया।मंच के संरक्षक सुनील सिंह ‘बादल’ एवं डाॅ सुरिन्दर कौर ‘नीलम’ने अतिथियों का स्वागत उन्हें अंगवस्त्र एवं कलम प्रदान कर किया।कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ डाॅ रजनी शर्मा ‘चंदा’ द्वारा सरस्वती वन्दना से हुई।तत्पश्चात मंच के संस्थापक सह अध्यक्ष सदानंद सिंह यादव ने स्वागत उद्बोधन किया।कार्यक्रम के मध्य में सदानंद जी की छोटी बेटी तान्या का जन्मदिन भी केक काटकर मनाया गया।उपस्थित रचनाकारों ने अपनी लाजवाब प्रस्तुति से कार्यक्रम को शानदार बनाए रखा।कार्यक्रम के बीच-बीच-बीच में अपने मुक्तकों से वरिष्ठ साहित्यकार चन्द्रिका ठाकुर ‘देशदीप ‘ ने जीवंतता प्रदान कर श्रोताओं की खूब वाहवाही लूटी। डॉ सुरेंद्र कौर नीलम ने-मोहब्बत का जल बरसाएं, ऐसे बादल नहीं मिलते।
घाव आंखों के भर जाएं, ऐसे काजल नहीं मिलते।काव्य पाठ करने वालों कवियों में सदानंद सिंह यादव ,डॉ रजनी शर्मा चंदा, कामेश्वर सिंह कामेश, पुष्पा पांडे, रंजना वर्मा उन्मुक्त, गीता चौबे गूँज, रंगोली सिन्हा, सुनीता अग्रवाल,संगीता सहाय अनुभूति, जिशान अल्तमस, डॉक्टर निराला पाठक, ऋतुराज वर्षा ,सूरज श्रीवास्तव, पुष्पा सहाय गिन्नी, चारू मित्रा, रेनू वाला धार, खुशबू बरनवाल सीपी, सुनील सिंह बादल, अंकिता सिंहा, प्रियंका कुमारी, मनोहर पाठक,संगीता यादव, संध्या चौधरी उर्वशी आदि कवियों ने अपनी रचनाओं की प्रस्तुति कर कार्यक्रम को चार चांद लगा दिया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन सदानंद सिंह यादव ने किया ।श्रोताओं के रूप में वैभवी, शांभवी, राजनंदनी, रुद्र पाठक, मेधा पाठक ,मंगल आदि सहित दर्जनों उपस्थित थे।

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