राँची, झारखण्ड | अगस्त | 06, 2018 :: गुरुद्वारा श्री गुरुनानक सत्संग सभा,कृष्णा नगर कॉलोनी, रातु रोड में आज 6 अगस्त, सोमवार को आठवें नानक धन धन श्री गुरु हरकिशन साहिब जी का प्रकाश पर्व मनाया गया.
इस अवसर पर सजाये गए विशेष दीवान की शुरुआत सुबह 8.00 बजे आसा जी दी वार कीर्तन से हुई तत्पश्चात गुरुद्वारा के मुख्य ग्रन्थी ज्ञानी जेवेन्दर सिंह जी ने कथावाचन करते हुए साध संगत को बताया कि आठवें नानक श्री गुरु हरकिशन साहिब जी का जन्म 7 जुलाई 1656 को कीरतपुर साहिब में हुआ था. मात्र पांच साल की आयु में ही उन्हें अपने पिता गुरु हर राय साहिब जी द्वारा गुरु की पदवी हासिल हुई थी.कई लोगों को इस बात पर संदेह था कि गुरु हरकिशन जी में गुरु बनने लायक कोई शक्ति है भी या नहीं.इन्हीं में से एक थे लाल चंद जिसने दिल्ली जाने से पहले गुरु हरकिशन साहिब जी को गीता का अर्थ बताने की चुनौती दी.इस बात पर गुरु हरकिशन जी ने कहा कि वह उनके बदले किसी और को यह कार्य बोलकर करने के लिए ले आए.तब लाल चंद एक बहरे और मूक शख्स छाजू राम को ले आए और गुरु हरकिशन जी के छाजू राम को हाथ लगाते ही वह शख्स गीता का अर्थ बताने लगा.इस बात पर सभी भौंचक्का रह गए और लाल चंद गुरु हरकिशन के पैरों में गिर गए.साथ ही उन्होंने भाई गुरुदास जी की कविता “जैसे हीरा हाथ मै तनक सो दिखायी देत
मोल कीए दमकन भरत भंडार जी ” का उल्लेख करते हुए साध संगत को बताया कि गुरु हरकिशन साहिब जी की उम्र जरूर कम थी परंतु वे अद्भुत प्रतिभा से सम्पन्न तथा गुणी थे.
इस मौके पर रागी जत्था भाई भरपूर सिंह जी एवं साथियों ने “पूता माता की आशीष,निमख ना बिसरऊ तुम कउ हर हर सदा भजऊ जगदीश………” एवं “श्री हरकिशन धिआइयै जिस डिठै सब दुख जाए……….” जैसे कई शबद गायन कर साध संगत को गुरवाणी से जोड़ा.
अनंद साहिब जी के पाठ,अरदास,हुक्मनामा एवं कढ़ाह प्रसाद वितरण के साथ सुबह 10.45 बजे विशेष दीवान की समाप्ति हुई.मंच संचालन गुरु घर के सेवक मनीष मिढ़ा ने किया. इस अवसर पर मिस्सी रोटी का अटूट लंगर चलाया गया जिसमें सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने एक साथ पंगत में बैठकर गुरु का लंगर चखा.
सत्संग सभा के अध्यक्ष हरविंदर सिंह बेदी ने समूह साध संगत को प्रकाश पर्व की बधाई दी तथा सभी सेवादारों से इसी तरह गुरु घर की सेवा से जुड़े रहने का आह्वान किया.सभा के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने बताया की आगामी 11 अगस्त, शनिवार को रात 8 बजे से 11.30 बजे तक एवं 12 अगस्त, रविवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक तथा रात 8 बजे से 10.30 बजे तक विशेष दीवान सजाया जाएगा जिसमें सिख पंथ की महान शख्शियत भाई चमनजीत सिंह जी लाल मुख्य रूप से शिरकत कर राँची की संगत को शबद कीर्तन से निहाल करेंगे.
आज के दीवान में जयराम दास मिढ़ा, सुंदर दास मिढ़ा, द्वारका दास मुंजाल, अर्जुन दास मिढ़ा, अमरजीत गिरधर, चरणजीत मुंजाल, लेखराज अरोड़ा, दीवान चंद मिढ़ा, जीवन मिढ़ा, नरेश पपनेजा, सुरेश मिढ़ा, अनूप गिरधर,नानक चंद अरोड़ा, हरीश मिढ़ा, बिनोद सुखीजा, मोहन काठपाल, लक्ष्मण सरदाना, रमेश पपनेजा, सुभाष मिढ़ा, बसंत काठपाल, पवनजीत खत्री,रमेश गिरधर,गुलशन मिढ़ा, जितेंद्र मुंजाल,आशु मिढ़ा, नवीन मिढ़ा, महेश सुखीजा,कमल अरोड़ा कमल मुंजाल समेत सैंकड़ों महिला श्रद्धालु एवं बच्चे शामिल हुए.