राची, झारखण्ड | अप्रैल | 06, 2024 ::
श्री जगतगुरू देवाचार्य मलुक पीठाधीश्वर श्री राजेन्द्र दास जी महाराज के कृपापात्र शिष्य परम पूज्य आचार्य दीनानाथ शरण जी महाराज श्री धाम वृन्दावन के मुखारविन्द से आज विश्राम दिवस की भागवत कथा मे कहा पापी स्वयं ही मृत्यु को बुला लेते है ,कंस, भस्मासुर, रावण अपनी मृत्यु को स्वयँ बुलाया है, द्वेष भाव मे श्रद्धा और विद्वेष उपासना बढ जाती है, कंलक तो भगवान को भी लगा स्यमन्तक मणि हरण का, चुगली तो राम राज्य मे धोबी भी किया तो कृष्णावतार मे कुन्ती और युधिष्ठिर की प्रंसग है जिसमें युधिष्ठिर ने श्राप दिया कि स्त्री कुछ भी प्रंसग छुपाकर नही रह सकती है, इसलिए आरोप तो हम सबो पर भी लग सकता है, सुदामा चरित्र की कथा और झांकी के साथ विश्राम लिया, मुख्य यजमान जय सिंह, प्रत्युष सिह