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प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय पिठौरिया ब।डू में धूम धाम से मनाया गया शिवरात्रि महोत्सव

राची, झारखण्ड | मार्च | 08, 2024 ::

प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्विद्यालय कि ओर से कांके नवा टोली ब।डू पिठौरिया में शिवरात्रि महोत्सव धूम धाम से मनाया गया।
इस अवसर पर मुख्य अथिति के रूप में डी ए वी गांधीनगर स्कूल के प्रचार्य एस के सिन्हा, सुजला सिन्हा, भारतीय जनता पार्टी ओ बी सी मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी राजीव रंजन,भारतीय जनता युवा मोर्चा कला एवं खेल प्रकोष्ठ रांची महानगर के संयोजक आशुतोष द्विवेदी,नीतू अग्रवाल, विवेक अग्रवाल , संपत्ति देवी, अशोक उरांव, ऊर्मिला देवी,लीला देवी, यशवंत कुमार समेत कई लोग शामिल हुए।

इस मौके पर संस्था कि संचालिका बी के राजमती जी ने सभी अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ ब्रह्मकुमारी शिव बाबा के झंडोतोलन के साथ हुआ।इस अवसर पर द्वादश ज्योतिर्लिंग कि विधिवत पूजा अर्चना व विशेष आरती की गई है।साथ ही शिव भक्तो के बीच प्रसाद का वितरण किया गया।

इस अवसर पर बी के राजमती दीदी ने शिवरात्रि के वास्तिविक अर्थ पर प्रकाश डाला और बताया कि मनुष्य बड़ी श्रद्धा व उत्साह से शिव रात्रि मनाते हैं।अर्ध रात्रि से ही लाइन में लग जाते हैं। शिवजी पर जल व दूध के साथ साथ अर्क के फूल , धतूरा,बेलपत्र आदि चढ़ाते हैं,जो कि सामान्यत देवी देवताओं पर चढ़ाए जाते,क्या कभी सोचा है क्यों?देवी देवताओं पर खुशबू दार फूल व मिठाई एव शिव पर भांग, धतूरा इत्यादि,बेर अर्थात् अंदर की ईर्ष्या बैर भाव को चढ़ाना, धतूरा विषय विकारों के अर्पण का प्रतीक है। भांग का अर्थ है कि परमात्मा के प्यार का नशा करना है। स्थूल भांग का नहीं,तभी हमारे भंडारे भरपूर होंगे।बैल पत्र तीनों कालों को दर्शाते है कि आदि में हम ही देवी देवता थे और हमने फिर से उस देव पद प्राप्त करना है।

शिवलिंग पर तीन लाइन व बिंदु दर्शाता है कि शिव तीनों लोकों के स्वामी हैं। त्रिलोकी नाथ है, स्वयंभू हैं। जन्म मरण में नहीं आते। वह सृष्टि के अंत में तन का आधार लेते हैं, जिसका शास्त्रों में भी गायन है कि परमात्मा ने बूड़े ब्राह्मण के तन में प्रवेश किया व साधु-बनिया पहचान नहीं पाया। इस समय चारों ओर अंधेरा है व परमात्मा शिव का धरा पर अवतरण अज्ञानता के अन्धकार को मिटाने शिवरात्रि पर होता है।

इस अवसर पर मुख्य रूप से माउंट आबू से आई बी के अनुराधा,बी के किंजल,बी के कला,बी के कविता,बी के मंजू,बी के अलका,बी के महिपाल,बीके महिपाल, कृष्णा,अर्जुन, सुनीता बहन, नारायण भाई , सीमा बहन, उषा बहन,रेखा बहन समेत कई शिव भक्त उपस्थित थे।

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