रांची, झारखण्ड | दिसंबर | 23, 2018 :: पीएमपीके वेल्थ एडवाइजर्स द्वारा जायदाद नियोजन एवं उत्तराधिकार नियोजन विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया।
मुंबई से आए रिलायंस म्युचुअल फंड के मुख्य वक्ता शुभेंदु शेखर ने बताया कि कोर्ट कचहरी में 62% विवाद जायदाद संबंधित है क्योंकि बहुत कम भारतीय जायदाद और उत्तराधिकार संबंधित योजना बनाते हैं।
पुरखों से मिली और मेहनत से अर्जित की गई धन-संपत्ति बहुत आसानी से अगली पीढ़ी को सुख दे एवं परिवार या व्यवसाय में किसी प्रकार का विवाद नहीं हो इसके लिए जायदाद नियोजन एवं उत्तराधिकार नियोजन की आवश्यकता होती है।
सेमिनार में श्री नवेंदु शेखर ने विस्तार से बताया कि नॉमिनेशन, ज्वाइंट अकाउंट, विल तथा ट्रस्ट के माध्यम से जायदाद एवं उत्तराधिकार की व्यवस्था बनाई जा सकती है। किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं रहने से भारत में प्रचलित उत्तराधिकार कानून के अनुसार जायदाद का वितरण करने में खर्च और समय के लगने के साथ साथ आपसी विवाद और वैमनस्य भी हो जाता है।
व्यवसाय को भी सुचारू रूप से चलाते रहने के लिए भी एक बेहतर उत्तराधिकार व्यवस्था को बनाने की आवश्यकता होती है जिससे कि व्यवसाय सक्षम हाथो से पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहे। ऐसा नहीं करने के कारण सिर्फ 3% व्यवसाय चौथी पीढ़ी तक चलते हैं और बाकी व्यवसाय एक पीढ़ी दो पीढ़ी में ही सिमट जाते हैं।
पीएमपीके वेल्थ के प्रदीप जैन ने अवयस्क बच्चों के लिए लेटर ऑफ गार्जियनशिप बनाने के लिए कहा जिससे कोर्ट कचहरी से लीगल गार्जियन अप्वॉइंट करवाने की आवश्यकता खत्म हो जाती है। साथ ही उन्होंने विल के माध्यम से आश्रितों के लिए ट्रस्ट बनाने से मिलने वाले आयकर के लाभ के बारे में भी चर्चा की।
सेमिनार में गणमान्य व्यवसायी, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, वकील, ब्यूरोक्रेट्स, नौकरी पेशा एवं सेवानिवृत्त नागरिक उपस्थित थे।