लखनऊ, उत्तर प्रदेश | अक्टूबर | 02, 2021 :: दारुल सफा कॉमन हॉल में सामाजिक महापरिवर्तन गठबंधन के तत्वावधान में देश के ज्वलंत मुद्दे जातीय जनगणना सहित पांच मुद्दे पर परिचर्चा हुई। जिसमें देश और उत्तर प्रदेश के दर्जनों संगठनों के प्रतिनिधि ने भाग लिया।
सर्वसम्मति से उत्तर प्रदेश के 10 बड़े शहरों में जाति जनगणना के पक्ष में बड़े-बड़े प्रदर्शन और जनसभाएं आयोजित करने का रोड मैप तैयार की गई है।
परिचर्चा की अध्यक्षता करते हुए न्यायमूर्ति वीरेंद्र कुमार यादव ने कहा कि देश में कोई भी निर्णय जाति की परिधि में लेकर ही की जाती है। भारत के हर नागरिक को उसका हक अधिकार जाति के आधार पर मिलता है। केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी की जाति जनगणना को लेकर दी गई हलफनामा को एस आर ए निंदा करता है।*
उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री दद्दू प्रसाद जातीय जनगणना करने, देश में समान शिक्षा लागू करने मुद्दे को लेकर उत्तर प्रदेश में राज्य की जनता को गोलबंद कर बड़े आंदोलन की जाएगी।
*परिचर्चा में भाग लेने पहुंचे राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने कहा की राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा का झारखंड प्रदेश में लगातार आंदोलनों का प्रतिफल है कि माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के सभी दलों को साथ लेकर केंद्रीय गृह मंत्री से मिलकर देश में जाति जनगणना कराने की मांग की है। श्री गुप्ता ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार जातीय जनगणना कराने की घोषणा नहीं करती है तब तक राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा चैन से नहीं बैठेगी।पूरे झारखंड राज्य में राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा बड़े आंदोलन की राह में है।*
परिचर्चा का संचालन करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता जेएस कश्यप ने कहा कि जब तक देश में जाति जनगणना नहीं होगी समाज में बराबरी न्याय अधिकार नहीं मिल सकता है इसलिए जाति जनगणना होना देश के लिए बहुत जरूरी है।
शिव प्रसाद साहू ने कहा कि हमें पुरुषों के साथ महिलाओं और अल्पसंख्यकों को भी इस आंदोलन में शामिल करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता राजीव रंजन प्रोफेसर अवधेश कुमार (डीयू), प्रोफेसर हीरालाल बिहार, जी कांत पाल सहित दर्जनों वरिष्ठ सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार साझा किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता न्यायमूर्ति वीरेंद्र कुमार यादव व संचालन हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता जेएस कश्यप और धन्यवाद ज्ञापन मिथिलेश प्रसाद ने किया।