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साहित्योदय साहित्य संग्राम का 6ठा एपिसोड वतन के नाम

रांची, झारखण्ड | जून | 29, 2020 ::
* बाँध कफ़न सर चलते लेकिन, दुश्मन हाथों मरते नहीं हम।
* साहित्योदय साहित्य संग्राम का 6ठा एपिसोड वतन के नाम मां तुझे सलाम पर आधारित शानदार कार्यकम।
* देश विदेश कलमकारों और नारी शक्तियों को मिला साहित्योदय माँ भारती सम्मान
*मानसिक स्वास्थ्य को लेकर विशेष कार्यक्रम हीलिंग बाय हिलर्स का शानदार आगाज़
अंतरराष्ट्रीय साहित्य-कला संगम साहित्योदय ने देश-विदेश के प्रख्यात कवि, कवयित्रियों और महिला चिकित्सकों को दिया साहित्योदय माँ भारती सम्मान
साहित्योदय साहित्य संग्राम के छठे मेगाएपिसोड में देशभक्ति पर आधारित मां तुझे सलाम में राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त कवि अजय अंजाम ने अपनी वीर रस की रचना से चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया। प्रख्यात कवयित्री डॉ ममता वार्ष्णेय ने भी अपनी कविताओं से चीन पर हमला बोला वहीं पिछले 11 वर्षों से लालकिले से हिंदी कमेंट्री करनेवाले एसटीएफ कमांडेंट कर्नल जे के सिंह ने जयहिंद के नारों के साथ सरहद पर तैनात वीर जवानों का हौसला बढ़ाया। नैरोबी केन्या से मनीषा कंठालिया ने एक फौजी की प्रेमिका के मनोभावों को दर्शाया। इसके अलावा रांची के लेखक और साहित्यकार सुनील बादल ने शहीदों की शवयात्रा पर उमड़ी भीड़ पर अपनी प्रस्तुति दी। हैदराबाद से सुदेष्णा सामन्त ने ऐसा देश है मेरा पर शानदार प्रस्तुति दी। इसके अलावा जमशेदपुर से निवेदिता श्रीवास्तव, तिसरी से सुरेन्द्र उपाध्याय और राँची से रुणा रश्मि ने भी शानदार जोशीले गीतों से जवानों की हौसला अफजाई की। कार्यक्रम का संचालन कर रहे संस्थापक अध्यक्ष कवि पंकज प्रियम ने बाँध क़फ़न सर चलते हम पर, दुश्मन हाथों मरते नहीं हम जैसी ओजपूर्ण कविताओं से अतिथियों और वीर जवानों का हौसला बढ़ाया। कार्यक्रम के अंत मे सभी रचनाकारों को साहित्योदय मां भारती सम्मान दिया गया।
साहित्योदय साहित्य संग्राम की अगली कड़ी में विशेष कार्यक्रम – *हीलिंग बाय हिलर्स(healing by Healers)
का शानदार आग़ाज़ हुआ।जिसमें कोविड-19 के लॉकडाउन पीरियड में मानसिक तनाव और स्वास्थ्य पर देश-विदेश की महिला शक्तियों ने अपने विचार प्रस्तुत किये। लंदन से डॉ नेहा शर्मा ने कार्यक्रम का समन्वय सन्चालन किया जिसमें अबुधाबी से डॉ बेला सचदेवा, दुबई से डॉ मोनिका कौशल, इंदौर से डॉ रुचिता व्यास और बंगलौर से डॉ नंदिनी नागर ने अपने जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए इस संकट काल मे सकारात्मक सृजन करते हुए आगे बढ़ने की सलाह दी। अपने अपने क्षेत्र में समाज को नई दिशा प्रदान कर रही महिला चिकित्सकों ने अपने पसंदीदा गीत भी गाये। कार्यक्रम के अंत में पांचों महिला शक्तियों को साहित्योदय माँ भारती सम्मान से अलंकृत किया गया।
साहित्योदय के संस्थापक अध्यक्ष कवि पंकज प्रियम ने बताया कि साहित्योदय विगत कई वर्षों से साहित्य,कला और संस्कृति संवर्द्धन और विकास पर सतत प्रयत्नशील है। वैश्विक आपदा कोरोना के संकट काल मे जब लॉक डाउन हुआ तो सबसे पहले साहित्योदय ने साहित्य सृजन जनजागरण अभियान कोरोना से जंग साहित्योदय के संग शुरू कर दिया। इस अभियान के तहत विगत 22 मार्च से अबतक एक हजार से अधिक ऑनलाइन काव्यपाठ हो चुका है। जिसमें डॉ बुद्धिनाथ मिश्र, दिनेश रघुवंशी, बेबाक़ जौनपुरी, डॉ मानसी द्विवेदी, दमदार बनारसी, अजय अंजाम जैसे राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के तमाम बड़े हस्ताक्षरों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है। वही डॉ नुसरत मेहदी जैसी बड़ी सख्शियतों की लंबी सूची तैयार है। साहित्योदय को न केवल लब्धप्रतिष्ठ साहित्यकारों का स्नेह मिला वल्कि यह नवांकुर व गुमनाम साहित्य और कला प्रतिभाओं को विशाल फलक प्रदान कर रहा है। समसामयिक, ज्वलन्त व सामाजिक सरोकार के विषयों पर अनूठे ज्ञान व मनोरंजन से भरपूर कार्यक्रम साहित्योदय साहित्य संग्राम के 6 महाएपिसोड पूर्ण हो गए हैं जिसमें चुप्पी तोड़ो अभियान, बाल, महिला-पुरुष यौन उत्पीड़न, अवसाद, तनाव और आत्महत्या जैसे विषयों पर आधारित चुप्पी तोड़ो अभियान जारी है। कार्यक्रम का निर्देशन देख रहे वरिष्ठ पत्रकार राकेश तिवारी ने बताया कि दुनियाभर के डेढ़ लाख से अधिक दर्शकों का असीम प्यार मिल रहा है। पिछले 6 माह में ही दर्जनों प्रतियोगिता और सम्मान समारोह आयोजित किया जा चुका है।

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