राची, झारखण्ड | अप्रैल | 08, 2024 ::
रांची रंगमंच का तेरहवां मासिक ठहाका मिलन हटिया में वरिष्ठ रंगकर्मी अनिल ठाकुर सुमन के आवास पर संपन्न हुआ। रंगकर्मियों ने खूब ठहाके लगाये और ठहाकों के बीच ही रांची रंगमंच को तकनीकी दृष्टि से समृद्ध करने के लिये विचार विमर्श भी हुआ।
डाॅ॰ सुशील अंकन ने कहा कि अभी भी आम तौर पर रांची रंगमंच की प्रस्तुतियों में ध्वनि और प्रकाश की समस्या देखने को मिलती है। कुछ विशेष प्रस्तुतियों को यदि छोड़ दें तो सामान्य तौर पर यहां की नाट्य संस्थाएं ध्वनि विस्तार यंत्रों और मंचीय प्रकाश उपकरणों की तकनीकी जानकारी से पूरी तरह भिज्ञ नहीें हैं। अतः इस दिशा में कार्यशालाएं आदि करने की आवश्यकता है।
डाॅ॰ कमल बोस ने भी इसे स्वीकार करते हुए रांची के रंगमंचीय प्रस्तुतियों को ध्वनि और प्रकाश की दृष्टि से समृद्ध करने पर बल दिया। डाॅ॰ अनिल ठाकुर सुमन ने कहा कि ध्वनि और प्रकाश से जुड़े उपकरणों की व्यवस्था कर रंगमंच से जुड़ी संस्थाओं को प्रशिक्षण लेने पर जरूर सोचना चाहिए तभी रंगमंच सुदृढ़ होगा।
तेरहवें ठहाका मिलन में उपस्थित शिशिर पंडित, राकेश रमण, सुकुमार मुखर्जी, कुमकुम गौड़, भरत अग्रवाल, विनोद जायसवाल, कैलाश मानव, आशुतोष प्रसाद, अशोक गौड़ दिलीप ठाकुर, बिपिन ठाकुर और अशोक गोप आदि रंगकर्मियों ने भी अपने अपने विचार रखे। चैदहवें मासिक ठहाका मिलन का आयोजन वरिष्ठ रंगकर्मी सुरेन्द्र वर्मा के नेतृत्व में होगा।