Breaking News

प्रदेश की आर्थिक प्रगति, एक्सपोर्ट ओरियेंटेड वर्क्स से ही संभव : संजय साहू 

रांची, झारखण्ड  | नवम्बर  | 24, 2021 :: झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स एवं फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाईजेशन (फियो) के संयुक्त तत्वावधान में आज चैंबर भवन में निर्यात प्रोत्साहन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के आरंभ में उद्योग विभाग, झारखण्ड के जेनरल मैनेजर संजय साहू ने कहा कि प्रदेश की आर्थिक प्रगति एक्सपोर्ट ओरियेंटेड वर्क्स से ही संभव है। वित्तिय वर्ष 2020-21 में झारखण्ड से 12 हजार करोड का इंजीनियरिंग गुड्स एक्सपोर्ट हुआ था। होर्टिकल्चर यहां का मुख्य सोर्स है। एग्रीकल्चर व फॉरेस्ट प्रोड्यूस का यहां बडा स्कोप है। वर्तमान में कोलकाता के रास्ते एक्सपोर्ट होने से इसका क्रेडिट झारखण्ड को नहीं मिल रहा है। इस दिशा में विभाग द्वारा कार्य किया जा रहा है। उन्होंने यह भी माना कि एक्सपोर्ट के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी है, जिसे कार्यशालाओं के माध्यम से जागरूक किया जा सकता है। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि वर्तमान में झारखण्ड से बांग्लादेश, नेपाल एवं वियतनाम में 32 प्रतिशत तथा यूरोप में 12 प्रतिशत एक्सपोर्ट होता है। झारखण्ड में एग्रीकल्चर व फॉरेस्ट प्रोड्यूस का बडा स्कोप है, इसपर भी उद्यमियों को ध्यान देने की आवश्यकता है। श्री साहू ने यह भी अवगत कराया कि भारत सरकार की स्फूर्ति योजना के तहत झारखण्ड सरकार द्वारा 8 कलस्टर बनाये गये हैं जिसके तहत हनी, लाह, यूटेंसिल्स, बैंबू प्रोडक्ट सहित अन्य है। बैंबू प्रोडक्ट को अभी से ही 5 लाख एक्सपोर्ट का ऑर्डर मिल गया है। यहां की वाईल्ड हनी काफी विख्यात है, इसकी मांग और गुणवत्ता को देखते हुए इसकी जीआई टैग होने की भरपूर संभावना है। प्रदेश में जमशेदपुर, चाकुलिया, पाकुड के 30 हजार हेक्टेयर में काजू का भी उत्पादन होता है। प्रदेश से काजू एक्सपोर्ट में भी संभावनाएं हैं। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि झारखण्ड सरकार द्वारा एक्सपोर्ट पॉलिस पर कार्य किया जा रहा है जो अभी ड्राफ्ट स्टेज में है। ड्राफ्ट पॉलिसी में निर्यातकों के लिए कई इसेंटिव और छूट के प्रावधान किये गये हैं। प्रदेश में फार्मा और प्लास्टिक पार्क पर भी कार्य प्रगति पर है। उन्होंने यह भी सुझाया कि उद्यमी ई-बे के माध्यम से भी एक्सपोर्ट कर सकते हैं। फियो और ई-बे का टाईअप होने के कारण निर्यातकों को एक्सपोर्ट में काफी सहयोग मिलता है।

एमएसएमई-डीआई कार्यालय रांची के विद्यापति पात्रा ने एमएसएमई यूनिट को उद्यम रजिस्ट्रेशन और एक्सपोर्ट के लिए जरूरी आईसी लेने की प्रक्रियाओं से अवगत कराया। एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन ऑफ इण्डिया (ईसीजीसी) की ओर से प्रवीर कुमार ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से ईसीजीसी द्वारा एक्सपोर्ट में किये जानेवाले सहयोग की विधिवत जानकारी उपलब्ध कराई। फियो की ओर से श्रीमती जूईन चौधरी ने निर्यातकों को फियो की सर्विसेस की जानकारी देते हुए उन्हें फियो से जुडने की अपील की। साथ ही उन्होंने निर्यातकों के उत्पाद को वृहद् बाजार उपलब्ध कराने के लिए समयवार आयोजित होनेवाले ट्रेड फेयर में सम्मिलित होने को काफी उपयोगी बताया। उन्होंने यह भी कहा कि एक्सपोर्ट के दौरान किसी भी कठिनाई को निर्यातक फियो से अवश्य साझा करें।

झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स के इंपोर्ट-एक्सपोर्ट उप समिति चेयरमेन विवेक टिबडेवाल ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री ने एक उत्पाद एक जिला का समर्थन किया है जिसका उद्देष्य प्रत्येक जिले से कम से कम एक उत्पाद का चयन, ब्रांड और प्रचार करना था। सुखद है कि सोहराई खोवर पेंटिंग को झारखण्ड से जीआई टैग मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य से हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों की विशाल श्रृंखला के साथ झारखण्ड से इन वस्तुओं के निर्यात को न केवल भारतीय बल्कि बडे वैष्विक बाजार में भी बढाने की काफी गुंजाइश है। चैंबर महासचिव राहुल मारू ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के निर्यात लक्ष्य 400 अरब डॉलर के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ, इस प्रकार के कार्यक्रम देश के सभी हिस्सों में विकास को प्रोत्साहित करेंगे।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में चैंबर महासचिव राहुल मारू, उपाध्यक्ष दीनदयाल बरनवाल, सह सचिव रोहत अग्रवाल, कोषाध्यक्ष मनीष सर्राफ, कार्यकारिणी सदस्य अमित शर्मा, सदस्य प्रमोद सारस्वत, किशन अग्रवाल, दिलीप साहदेव, रंजन विष्वकर्मा, रवि कुमार, रवि मुर्मू, धनंजय सिन्हा, संदीप सिंह, संजीव कुमार, अंजली बेदिया, सीमा खाखा, ज्योति सोनी सहित कई निर्यातक उपस्थित थे।

Leave a Reply