Latest News ख़बरें जरा हटके झारखण्ड राष्ट्रीय

सभी बच्चों के टीकाकरण के लिए यूनिसेफ और एनसीसी रांची के बीच साझेदारी

राँची, झारखण्ड ।  जून | 26, 2018 :: खेलगांव में आयोजित राज्य स्तरीय एनसीसी कैंप में भाग ले रहे 300 एनसीसी कैडेटों को टीकाकरण के महत्व के बारे में जानकारी देने के लिए एनसीसी रांची एवं यूनिसेफ के द्वारा आज संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सत्र के दौरान कैडटों को टीकाकरण के बारे में बताया गया, खासकर मिजेल्स-रूबेला (एमआर) टीका के बारे में, जो कि झारखंड में जुलाई महीने से प्रारंभ होने जा रहा है। संवाद सत्र के बाद 50 कैडेटों को ओरमांझी प्रखंड के आनंदी गांव ले जाया गया, जहां उन्होंने बच्चों एवं ग्रामीणों से बातचीत कर एमआर टीका के फायदे के बारे में उन्हें बताया।

एमआर अभियान के दौरान झारखंड में 9 महीने से 15 साल के लगभग 1.17 करोड़ बच्चों को टीका लगाया जाएगा। इस अभियान के बाद, संयुक्त एमआर का टीका नियमित टीकाकरण के तहत उपलब्ध होगा तथा पूर्व में दिए जा रहे मिजेल्स टीके के दो डोज का स्थान लेगा।

यूनिसेफ झारखंड की प्रमुख, डा. मधुलिका जोनाथन ने कहा कि, ‘‘किशोर एवं युवाओं के साथ भागीदारी यूनिसेफ के कार्यों के केंद्र में है। हमें गर्व है कि हमारे एनसीसी कैडेटस्, जो कि बाल अधिकार के सच्चे चैंपियन एवं प्रवक्ता हैं, टीकाकरण के महत्व के संदेश को आज आयोजित संवाद सत्र के बाद स्कूली बच्चों एवं रांची के ओरमांझी प्रखंड के आनंदी गांव के लोगों के बीच लेकर जा रहे हैं। यूनिसेफ एनसीसी के साथ मिलकर ऐसी दुनिया बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जो कि सभी बच्चों के लिए उपयुक्त हो।’’

एनसीसी रांची के कमांडिंग ऑफिसर, कर्नल अमित डनवाल ने कहा कि, ‘‘एनसीसी देश के युवाओं में कर्तव्य, प्रतिबद्धता, समर्पण, अनुशासन और नैतिक मूल्यों की भावना के विकास के द्वारा उनके संपूर्ण विकास हेतु एक अवसर प्रदान करता है, ताकि वे एक सक्षम नेता एवं उपयोगी नागरिक बन सकें। हमें खुशी है कि यूनिसेफ के साथ भागीदारी कर हम सरकार के टीकाकरण अभियान को अपना समर्थन दे रहे हैं। आज की इस भागीदारी से यूनिसेफ के साथ हमारे दीर्घ कालीन साझे लक्ष्य की प्राप्ति हेतु एक ठोस नींव तैयार हुई है।’’

यूनिसेफ के स्वास्थ्य अधिकारी, डा. वनेश माथुर ने कहा कि, ‘‘मिजेल्स 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु का प्रमुख कारण है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान के मुताबिक, मिजेल्स के कारण वर्ष 2015 में भारत में 49,000 बच्चों की मृत्यु हो गई। रूबेला एक हल्की, वायरल बीमारी है, लेकिन गर्भावस्था के दौरान इसके संक्रमण से गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं। गर्भावस्था के प्रारंभिक अवस्था में रूबेला के संक्रमण से गर्भपात होना, मृत बच्चा पैदा होना तथा भ्रूण एवं नवजातों में जन्मजात विसंगतियां सामने आ सकती है, जो कि नवजात बच्चों के आंख (ग्लूकोमा, मोतियाबिंद), कान (कम सुनाई पड़ना), दिमाग (अविकसित दिमाग, मानसिक मंदता) और हृदय को प्रभावित करता है। इनमें से अधिकांश बीमारियों में महंगी चिकित्सा, सर्जरी और देखभाल की आवश्यकता होती है। मिजेल्स एवं रूबेला दोनों का एमआर टीके से बचाव किया जा सकता है, जो कि पूरे जीवन सुरक्षा प्रदान करता है। कुपोषित बच्चों को प्राथमिकता के आधार पर इस टीके के द्वारा प्रतिरक्षित किया जाना चाहिए, क्योंकि उनमें डायरिया और न्यूमोनिया जैसी बीमारियों के होने की काफी संभावनाएं होती हैं।

कैडेट्स को संबोधित करते हुए झारखंड सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के चाइल्ड हेल्थ सेल के मेडिकल ऑफिसर डा. अजीत कुमार प्रसाद ने कहा कि, ‘‘मिजेल्स रूबेला का टीका निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। अभियान के दौरान लक्षित बच्चों को टीका का एक डोज सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों और दूरस्थ केंद्रों पर दिए जाएंगे। मैं सभी कैडेट्स से अनुरोध करती हूं कि सरकार के मिजेल्स-रूबेला अभियान को अपना समर्थन दें और इसे सफल बनाएं।’’

इस अवसर पर एनसीसी कैडेट्स के बीच मिजेल्स रूबेला क्विज प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया और विजेताओं में पुरस्कार का वितरण भी किया गया। संत जेवियर्स कॉलेज की कैडेट आकांक्षा सिंह का कहना था, ‘‘मिजेल्स और रूबेला हमारे दृढ़ संकल्प से बड़ा नहीं हो सकता। हम मिजेल्स-रूबेला चैंपियन हैं और हमारे देश से इस बीमारी को खत्म करने हेतु यूनिसेफ के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’

बीआईटी मेसरा की कैडेट आकांक्षा सिंह का कहना था, ‘‘हम सभी को 2020 तक मिजेल्स रूबेला को समाप्त करने तथा रूबेला पर नियंत्रण पाने के लिए एकजुट होकर आगे आना चाहिए तथा मिजेल्स रूबेला अभियान का हिस्सा बनना चाहिए’’

इस कार्यक्रम में यूनिसेफ की कम्यूनिकेशन ऑफिसर, मोइरा दावा; रांची के सिविल सर्जन, डा. एस. हरिजन; रेडियो सिटी के आरजे सानंदा मित्रा एवं मनोज नाग; डा. अरूण कुमार, एसआरटीए डब्ल्यूएचओ तथा पराग गोविल, एसएमओ, डब्ल्यूएचओ उपस्थित थे।

Leave a Reply