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एसएस मेमोरियल कॉलेज में मना राष्ट्रीय विज्ञान दिवस

राची, झारखण्ड  | फरवरी |  28, 2025 ::

एसएस मेमोरियल कॉलेज रांची में डॉ.सी.वी.रमण के वैज्ञानिक खोज रमन इफेक्ट के लिए आज का दिन को “राष्ट्रीय विज्ञान दिवस” मनाया गया। इस अवसर पर सभी विभाग इस दिन सभी विज्ञान विभाग यथा भौतिकी, गणित, बॉटनी, में, विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों से संबंधित मिलकर प्रोग्राम आयोजित किए गए हैं। महाविद्यालय में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर बच्चों द्वारा अभिभाषण, प्रदर्शनी का आयोजन कर पुरस्कृत भी किया गया।महत्त्वपूर्ण आयोजनों में वैज्ञानिकों के भाषण, निबंध, लेखन, विज्ञान प्रश्नोत्तरी, विज्ञान प्रदर्शनी, इत्यादि भी प्राध्यापको द्वारा कराया गया हैं। विज्ञान के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए महाविद्यालय स्तर पर पुरस्कारों की घोषणा भी की गईं । बच्चों में विज्ञान की लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए विशेष पुरस्कार भी रखे गए। महाविधालय के गणित के विद्वानवरीय प्राध्यापक सह प्राचार्य डॉ. बी. पी. बर्मा द्वारा अभिभाषण में बताया गया कि प्रति वर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार परिषद (NCSTC) ने 1986 में केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में घोषित किया जाए। यह केवल सर सी. वी. रमन की उपलब्धियों का सम्मान करने के लिए नहीं था, बल्कि अन्य वैज्ञानिकों के योगदान को भी मान्यता देने के लिए किया गया था।

इसलिए आज का दिन नेशनल साइंस डे यानी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर साल 28 फरवरी को भारत में मनाया जाता है। यह दिन मशहूर भौतिक विज्ञानी चंद्रशेखर वेंकट रमन को समर्पित है, जिन्होंने देश के वैज्ञानिकी विकास में एक अहम भूमिका निभाई थी। महाविद्यालय में आए रसायन शास्त्र के विद्वान प्राध्यापक पूर्व प्राचार्य डॉ. सुशील कुमार सिन्हा द्वारा संबोधन के क्रम में बताए कि

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस विज्ञान से होने वाले लाभों के प्रति समाज में जागरूकता लाने और वैज्ञानिक सोच पैदा करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तत्वावधान में हर साल 28 फरवरी को भारत में मनाया जाता है।

पूर्व जंतु विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ.दीपक कुमार द्वारा बताया गया कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस रमन प्रभाव की खोज के कारण मनाया जाता है। इस खोज की घोषणा भारतीय वैज्ञानिक सर चंद्रशेखर वेंकट रमन (सर चन्द्रशेखर वेंकटरमन ने 28 फरवरी सन् 1928 को की थी। इसी खोज के लिये उन्हे 1930 में नोबल पुरस्कार दिया गया था।

पूर्व वरीय प्रध्यापक और आज के मुख्य अतिथि डॉ.राजेश कुजुर ने कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति आकर्षित व प्रेरित करना तथा जनसाधारण को विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाना है। वरीय प्रध्यापक विभागाध्यक्ष डॉ.बी.पी.अखौरी ने कहा कि विज्ञान के बिना विकास की राह में तीव्रता से आगे नहीं बढ़ा जा सकता है। विज्ञान से गलत धारणा और अंधविश्वासों (अन्धविश्वासों) का विनाश होता है। विज्ञान और तकनीक को प्रसिद्वि करने के साथ ही देश के नागरिकों को इस क्षेत्र मौका देकर नई ऊँचाइयों को हासिल करना भी इसका मुख्य उद्देश्य है। संबोधन के क्रम में डॉ.रामानाथ सिंह ने बताया कि देश के विकास के लिए वैज्ञानिक सोच का प्रसार आवश्यक है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस जैसे आयोजन वैज्ञानिक दृष्टिकोण के प्रसार में निश्चित रूप से सहायक सिद्ध हो सकते हैं। विज्ञान के द्वारा ही हम समाज के लोगों का जीवन स्तर अधिक से अधिक खुशहाल बना सकते हैं। मंच संचालन के क्रम में डॉ.गायत्री सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस विज्ञान से होने वाले लाभों के प्रति समाज में जागरूकता लाने और वैज्ञानिक सोच पैदा करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। आज के कार्यक्रम का विषय प्रवेश डॉ. मंजु सिंकू और धन्यवाद ज्ञापन रुकैया परवीन के द्वारा किया गया। आज के कार्यक्रम में उपरोक्त विद्वतजन के अलावा डॉ. रानी प्रगति प्रसाद, डॉ. समर सिंह, डॉ. अनिल बीरेंद्र कुल्लू, डॉ.प्रेमा,डॉ. संजय कुमार षाड़ंगी, डॉ. त्रिभूवन साही, डॉ. मुकेश उरांव, डॉ. अभिषेक गुप्ता, डॉ.कन्हैया लाल,डॉ राजश्री इन्दवार, डॉ रीना कुमारी, डॉ उषा कीड़ों,अल्फिया यासिर , मुस्कान देव,सहित महाविधालय के सभी शैक्षिक और गैर शैक्षिक कर्मी उपस्थित थे।

 

 

 

 

 

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