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आजसू छात्र संघ ने राँची विश्वविद्यालय में की तालाबंदी

राँची, झारखण्ड । दिसम्बर | 01, 2017 :: अखिल झारखण्ड छात्र संघ (आजसू) की राँची विश्वविद्यालय इकाई ने आज उग्र आंदोलन करते हुए विश्वविद्यालय प्रभारी कुश साहू के नेतृत्व में राँची विश्वविद्यालय में तालाबंदी कर दी। सर्वप्रथम आजसू के कार्यकर्ता सैकड़ों की संख्या में प्रातः मोराबादी स्थित पद्मश्री रामदयाल मुंडा के प्रतिमा के समीप इकठ्ठा हुए एवम उनके प्रतिमा को साक्षी मानकर विश्वविद्यालय के तानाशाही एवम सरकार के खिलौने के रूप में स्थापित हो रही विश्वविद्यालय प्रशासन के कार्यप्रणाली को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया। साथ ही साथ अपनी मांगों क्रमशः राँची विश्वविद्यालय का नामकरण पद्मश्री डॉ. रामदयाल मुंडा के नाम पर करवाने, राँची विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने, राँची विश्वविद्यालय परिसर में नए प्रसाशनिक भवन का कार्य अविलंब प्रारम्भ करवाने, छात्र- छात्राओं को उनका अधिकार दिलाने हेतु छात्र संघ चुनाव की तिथि अविलंब घोषित करवाने एवम छात्र संघ के अधिकारों को चुनाव पूर्व घोषित करवाने की मांग को लेकर संकल्पित होकर नारेबाजी करते हुए विश्वविद्यालय परिसर की ओर प्रस्थान किया एवम विश्वविद्यालय पहुँच कर तालाबंदी कर अपनी मांगों से संबंधित नारेबाजी की।

इस तालाबन्दी के दौरान आजसू छात्र संघ के प्रदेश प्रभारी हरीश कुमार ने कहा कि आर.डी. मुंडा के नाम से पूरी दुनिया में लोकप्रिय पद्मश्री डॉ. राम दयाल मुंडा भारत के एक प्रमुख बौद्धिक और सांस्कृतिक शख्सियत थे। आदिवासी अधिकारों के लिए रांची, पटना, दिल्ली से लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों तक उन्होंने आवाज उठायी, दुनिया के आदिवासी समुदायों को संगठित किया और देश व अपने गृहराज्य झारखंड में जमीनी सांस्कृतिक आंदोलनों को नेतृत्व प्रदान किया।2007 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी का सम्मान मिला, तो 22 मार्च 2010 में राज्यसभा के सांसद बनाए गए और 2010 में ही वे पद्मश्री से सम्मानित हुए। भारत सरकार ने बहुत उपेक्षा के बाद जब उन्हें सम्मान दिया तब तक कैंसर ने उन्हें जकड़ लिया था जिससे उनके सपने अधूरे रह गए। वे रांची विश्वविद्यालय, रांची के कुलपति भी रहे। ऐसे महान शख्शियत को सच्ची श्रदांजलि देने हेतु आजसू राँची विश्वविद्यालय का नामकरण पद्मश्री डॉ. रामदयाल मुंडा के नाम पर करने की मांग कर रही है।
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छात्र संघ चुनाव पर बोलते हुए आजसू छात्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष गौतम सिंह ने कहा कि छात्र संघ चुनाव समयनुसार अवश्य होने चाहिए क्योंकि “छात्र संघ के कारण ही शैक्षिक माहौल बनता है और छात्रों को अपनी अभिव्यक्ति की आजादी मिलती है। आज जहां छात्र संघ है, वहां पढ़ाई का स्तर बेहतर है।” छात्र संगठन हमेशा से ही मुद्दों को उठाते रहे हैं और मुद्दों की बात करते रहे हैं। अगर छात्र संघ न हो तो विश्वविद्यालय में क्या हो रहा है, किसी को पता ही नहीं चलता। अगर कोई भी संस्थान गलत निर्णय लेता है तो छात्र संगठनों के माध्यम से ही उसे ठीक किया जाता है।” आज वर्तमान में मारवाड़ी महाविद्यालय, स्नातकोत्तर विभाग, आर. एल. एस. वाई. महाविद्यालय एवम मांडर महाविद्यालय जैसे शैक्षणिक संस्थानों में  शैक्षणिक सुधार एवम पी.पी.के. महाविद्यालय, बुंडू के नए भवन निर्माण की स्वीकृति सहित हर परिक्षेत्र में गुणात्मक सुधार छात्र संघ चुनाव से जीत कर आये नेतृत्वकर्ताओं की ही देन है।

आजसू के राँची विश्वविद्यालय प्रभारी कुश साहू ने  कहा कि यह विश्वविद्यालय केंद्रीय विश्वविद्यालय की दर्जा दिए जाने की सारी अहर्ता को पूरी करता है एवम केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिल जाने से बड़े पैमाने पर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार आएगा। आजसू की इस मांग को पूर्व में सिंडिकेट एवम सीनेट सदस्यों ने भी समर्थन दिया है।

आजसू के राँची विश्वविद्यालय अध्यक्ष नीतीश सिंह ने वर्तमान राँची विश्वविद्यालय परिसर में नए भवन के निर्माण को लेकर अखबारों के माध्यम से पूर्व में आये खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए एवम इस स्थान का व्यवसायिक प्रयोग सरकार के मंशा पर सवाल उठाते हुए के कहा कि वर्तमान राँची विश्वविद्यालय प्रसासनिक भवन  ऐतिहासिक है एवम आजसू किसी भी हाल में इसे बिचौलियों एवम दलालों के हाथ मे नही जाने देगी।

राँची विश्वविद्यालय के कुलपती डॉ. रमेश कुमार पाण्डेय ने आजसू की मांगों पर कहा कि राँची विश्वविद्यालय का नामकरण पद्मश्री डॉ. राम दयाल मुंडा के नाम पर हो ये उनके लिए भी गर्व की बात होगी और राँची विश्वविद्यालय इससे संबंधित प्रस्ताव झारखण्ड सरकार को भेजेगी।

छात्र संघ चुनाव पर कुलपति महोदय ने कहा कि राँची विश्वविद्यालय हर हाल में दिसंबर में छात्र संघ चुनाव कराने को कटिबद्ध है, और चुनाव को किसी भी परिस्थिति में नही टाला जाएगा।

राँची विशहविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की मांग पर उन्होंने कहा कि इससे संबंधित प्रस्ताव सिंडिकेट एवम सीनेट से पास कराकर  कुलाधिपति एवम राज्य सरकार को भेजा जा चुका है।

वर्तमान राँची विश्वविद्यालय प्रसाशनिक परिसर में नए भवन के निर्माण कराने की मांग पर कुलपति महोदय ने कहा कि राँची विश्वविद्यालय इस परिसर को राँची विश्वविद्यालय, सिटी सेंटर के रूप में विकसित करेगा एवम इससे संबंधित प्रक्रिया जनवरी माह से प्रारंभ हो जाएगी।

कुलपति के बातों से आश्वस्त होने के बाद आजसू के पदाधिकारियों ने आंदोलन को समाप्त कर दिया।

आजसू ने राँची विश्वविद्यालय का नामकरण पद्मश्री डॉ. रामदयाल मुंडा जी के नाम से करने संबंधी मांग पत्र राज्य की राज्यपाल सह कुलाधिपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू एवम राज्य के मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास को भी भेजा।

आज के इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से लाल मनीष नाथ साहदेव, ओम वर्मा, चेतन प्रकाश, राफिया नाज, नीरज वर्मा, साहित्य सिंह, अजित कुमार, राजकिशोर महतो, सोनु कुमार, काजल सिंह, अल्का, रंजीता, अन्नू, निशा, चंदन कुमार, अर्जुन गुप्ता, मनोहर साहू,मोहित पांडेय, प्रणय कुमार, रवि,  आर्यन, राहुल तिवारी, अमन वोहरा, चंदन कपाड़िया, अभिषेक, रौशन, रोहित यदुवंशी, हुसैन अंसारी, पिंटू प्रजापति, विक्रम, विनय, हरप्रीत, इकरामुल, रविंदर कुमार, छोटे मुंडा, शैलेश, आकाश सिंह, प्रणय, रवि, सतीश, मिठू, सचिन, गुलशन, अब्दुल एजाज, अनित चटर्जी, अनीश, रूपेश, मनोज, काशीनाथ, मोनू, राज आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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