राची, झारखण्ड | मई | 05, 2025 ::
कलाकृति स्कूल ऑफ़ आर्ट्स ने अपनी स्थापना के रजत जयंती वर्ष के शुभारंभ के अवसर पर अपने आधिकारिक शुभंकर ‘ब्रासी’ का भव्य उद्घाटन किया। यह आयोजन डोरंडा स्थित कलाकृति सेंटर में कलाकृति फ़ाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ।
‘ब्रासी’ एक प्यारा, आकाशी नीला हाथी का बच्चा है, जो अपने हाथों में ब्रश और रंगों की पैलेट लिए हुए है। यह शुभंकर बच्चों को कला के प्रति प्रेरित करने और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने का प्रतीक है। कलाकृति स्कूल ऑफ़ आर्ट्स के निदेशक एवं प्रसिद्ध चित्रकार धनंजय कुमार ने बताया कि हाथी को शुभंकर चुनने का कारण उसकी कला के प्रति नैसर्गिक रुचि, रचनात्मकता और स्मरण शक्ति है, साथ ही यह बच्चों का प्रिय भी है।
इस अवसर पर ‘ब्रासी’ पर आधारित स्टोरी बुक के पहले अध्याय का भी लोकार्पण किया गया, जिसकी रचना स्वयं धनंजय कुमार ने की है। कार्यक्रम में बच्चों के लिए विभिन्न कला प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया तथा विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया।
कलाकृति स्कूल ऑफ़ आर्ट्स, वर्ष 2001 में स्थापित, रांची का सबसे पुराना और प्रतिष्ठित कला संस्थान है, जिसने पिछले 25 वर्षों में 6000 से अधिक छात्रों को कला की गहराई से शिक्षित किया है। यह संस्थान न केवल झारखंड में, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी विशिष्ट कला गतिविधियों और लोककलाओं के संरक्षण एवं प्रचार प्रसार हेतु चर्चित रहा है। कलाकृति ने कई बड़े सार्वजनिक कला परियोजनाएं, जैसे नई झारखंड हाई कोर्ट बिल्डिंग, मुख्यमंत्री सचिवालय, नई दिल्ली स्थित नये झारखंड भवन की 69×44 फीट की विश्व की सबसे बड़ी सोहराय पेंटिंग, को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है।
श्री कुमार ने बताया कि यह रजत जयंती समारोह वर्ष भर चलेगा और ‘ब्रासी’ इसके प्रमुख प्रतीक के रूप में कला की ऊर्जा और कल्पनाशक्ति का संदेश देगा।