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झारखण्ड :: बजट 2018-19 की मुख्य विशेषताएँ

रांची, झारखण्ड । जनवरी | 23, 2018 :: बजट 2018-19 की मुख्य विशेषताएँ
ऽ वित्तीय वर्ष 2018-19 में ‘‘न्यू इण्डिया न्यू झारखण्ड’’ के उद्देश्यों को पूरा किए जाने का संकल्प लिया गया है। इसके तहत हर खेत को पानी, हर हाथ को काम तथा हाथ से हाट तक व्यवस्था लागू करने का लक्ष्य रखा गया है।
ऽ वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट भाषण में की गईं कुल 142 घोषणाओं में 121 पूर्ण हो चुकी हैं तथा शेष 21 के कार्यान्वयन की प्रक्रिया चल रही है।
ऽ आगामी वित्तीय वर्ष के लिए विभिन्न माध्यमों से कुल 1,151 सुझाव प्राप्त हुए, जिसमें से 38 मुख्य सुझावों का चयन किया गया है।
ऽ योजनाओं में गतिषीलता लाने के उद्देष्य से छोटी-छोटी योजनाओं को न्उइतमससं ैबीमउम में समाहित किया गया है। इससे जहाँ एक ओर बजट शीर्षों की संख्या कम होगी, वहीं दूसरी ओर विभागों को योजना कार्यान्वयन में ज्यादा थ्समगपइपसपजल रहेगी।
ऽ आगामी वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 80,200 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट का आकलन है, जिसमें राजस्व व्यय 62,744.44 करोड़ रुपये तथा पूंजीगत व्यय 17,455.56 करोड़ रुपये का है। वित्तीय वर्ष 2017-18 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2018-19 में बजट की कुल वृद्धि 5ण्98ः है।
ऽ वित्तीय वर्ष 2018-19 के कुल बजटीय उपबंध में स्थापनादि व्यय 33,697 करोड़ रुपये एवं स्कीमों के लिये 46,503 करोड़ रुपये रखे जाने का प्रस्ताव है।
ऽ स्कामों के लिये प्रावधानित 46,503 करोड़ रुपये के प्रस्ताव में महत्वपूर्ण प्रक्षेत्रों में कर्णांकित राशि की विवरणी निम्नवत् है:-

(राशि करोड़ रुपये में)
प्रक्षेत्र का नाम वार्षिक स्कीम
(2017-18) प्रस्तावित वार्षिक स्कीम (2018-19)
कृषि एवं सम्बद्ध प्रक्षेत्र 2662ण्79 2675ण्00
ग्रामीण विकास प्रक्षेत्र 9946ण्33 11236ण्00
सिंचाई प्रक्षेत्र 2085ण्96 2100ण्00
ऊर्जा क्षेत्र 3453ण्00 3460ण्00
उद्योग एवं खनन प्रक्षेत्र 450ण्61 465ण्00
उच्च, तकनीकी, सूचना प्रौद्योगिक एवं वन प्रक्षेत्र 1742ण्09 1898ण्00
सामान्य आर्थिक सेवाएँ 1934ण्19 2219ण्00
सामाजिक सेवाएँ 16183ण्47 16976ण्00
सामान्य सेवाएँ 793ण्55 1207ण्00
परिवहन प्रक्षेत्र 5251ण्68 4267ण्00
कुल 44503ण्67 46503ण्00

ऽ शिक्षा प्रक्षेत्र में सबसे ज्यादा 10,873.74 करोड़ रुपये का उपबंध प्रस्तावित है, जो कुल वार्षिक बजट का 3ण्29ः है। इसमें उच्च शिक्षा के लिए 1,219.96 करोड़ रुपये शामिल है।
ऽ तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास प्रक्षेत्र में चालू वित्तीय वर्ष में 704.00 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान को आगामी वित्तीय वर्ष में बढ़ाकर 831.40 करोड़ रुपये किया गया है।
ऽ ग्रामीण प्रक्षेत्र में 11,854.10 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है, जो कुल वार्षिक बजट का 14ण्71ः है। विगत वर्ष से ग्रामीण प्रक्षेत्र में कुल बजटीय उपबंध का 13ण्18ः की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।
ऽ कृषि, पशुपालन, सहकारिता, जल संसाधन तथा इससे सीधे जुड़ी मांगों के तहत कृषि एवं संबद्ध कार्यों को समेकित करते हुए आगामी वित्तीय वर्ष में कृषि बजट 5,807.64 करोड़ रूपये का अनुमानित है। वित्तीय वर्ष 2017-18 के 5,375.22 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान की तुलना में आगामी वित्तीय वर्ष के लिए प्रस्तावित ‘‘कृषि बजट’’ में 8.05 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित है।
ऽ महिलाओं के विकास, विशेष रूप से सखी मण्डलों को सशक्त और जीवन्त संस्था के रूप में विकसित करने का निर्णय। सखी मण्डलों के माध्यम से राज्य में उपयोग किए जानेवाले अण्डा, सब्जी, दूध, चादर, तौलिया, स्कूली गणवेश, हस्तशिल्प, तसर एवं लाह पर आधारित उत्पादों को स्केल-अप करके उनका स्थानीय बाजार में विपणन सुनिश्चित किया जाएगा।
ऽ वित्तीय वर्ष 2018-19 में 8,194.59 करोड़ रूपये का ‘‘जेन्डर बजट’’ प्रस्तावित है, जो चालू वित्तीय वर्ष 7,684.51 करोड़ रूपये की तुलना में 6.64 प्रतिशत की वृद्धि है।
ऽ ‘‘अनुसूचित जनजाति क्षेत्र तथा अनुसूचित जाति विकास बजट’’ प्रस्तुत किया जाएगा। राज्य में विकास से संबंधित विभिन्न स्कीमों, जिनमें अनुसूचित जनजाति क्षेत्र एवं अनुसूचित जातियों के विकास का वर्गीकरण संभव है, के लिए कुल प्रावधानित राशि 46,503 करोड़ रुपये होती है, जिसमें से अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के लिए 20,326.17 करोड़ रुपये (43.71 प्रतिशत) कर्णांकित है। यह चालू वित्तीय वर्ष में 18,026 करोड़ रुपये की तुलना में 2,300.17 करोड़ रुपये अधिक है। इसी तरह अनुसूचित जातियों के विकास के लिए वर्ष 2018-19 में 4,083.89 करोड़ रुपये (8.78 प्रतिशत) व्यय किए जाने का प्रस्ताव हैं।
इस तरह अनुसूचित जनजाति क्षेत्र एवं अनुसूचित जाति विकास बजट का कुल आकार 24,410.06 करोड़ रुपये होती है, जो स्कीमों के लिए निर्धारित कुल बजटीय का 52.49 प्रतिशत है।
आगामी वित्तीय वर्ष में निम्नलिखित 5 बिन्दुओं पर विशेष फोकस किया जाएगाः-
ऽ ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों की आय को दोगुणा करना।
ऽ रोजगार एवं स्वरोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा करना।
ऽ अनुसूचित जनजाति/जाति एवं अभिवंचित वर्गों का विकास।
ऽ महिला सशक्तिकरण।
ऽ पिछड़े जिलों/प्रखण्डों का समेकित विकास।
इसके साथ ही, शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण तथा आधारभूत संरचना यथा- पेयजलापूर्ति, नगरीय विकास, गाँव को सड़क से जोड़ना तथा प्रत्येक घर में विद्युत आपूर्ति पहुँचाने पर भी केन्द्रित रहेगा।

ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों की आय को दोगुना करना
ऽ ग्रामीण परिवारों को उन्नत कृषि, मछली पालन, पशुपालन, सिंचाई के साधन, कौशल विकास से जोड़कर उनकी आजीविका को सशक्त बनाते हुए आय बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इस परियोजना में अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के परिवारों को प्राथमिकता देने का प्रावधान है, वहीं दूसरी ओर 50 फीसदी से अधिक महिला किसानों को भी लाभ मिलेगा।
ऽ कृषि उत्पादों का विपणन हेतु कृषकों द्वारा उत्पादित सब्जी, फल एवं फूल के बाजार तक जाने के पूर्व उनके भण्डारण के लिए राज्य में सुव्यवस्थित कोल्ड चेन आवश्यक है। इस उद्देश्य से कोल्ड स्टोरेज के अलावा, राज्य में 100 छोटे कोल्ड रूम बनाये जाने का प्रस्ताव है।
ऽ थ्ववक च्तवबमेेपदह न्दपजे स्थापित किये जाने का प्रस्ताव है, ताकि कृषि उत्पाद में टंसनम ।ककपजपवद करके किसानों को उचित मूल्य दिलाया जा सके।
ऽ दीनदयाल ग्राम स्वावलम्बन योजना के माध्यम से विभिन्न चरणों में राज्य के प्रत्येक पंचायत के ग्रामीणों को प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, जनसंख्या नियंत्रण, स्वच्छता, वैज्ञानिक चिन्तन, संगठन के महत्व, नशाबंदी, कुल्हारीबंदी, चराइबंदी, श्रमदान, बाल श्रम उन्मूलन, बाल विवाह उन्मूलन, जलछाजन, जैविक खेती योग्य व आध्यात्मिक जीवन शैली के माध्यम से संबंधित विषयों पर जागरूक करना होगा। इस योजना का क्रियान्वयन झारखण्ड स्वावलम्बन सोसाईटी के माध्यम से किया जायेगा।
ऽ ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे-छोटे पुल-पुलिया एवं पथों के निर्माण का प्रस्ताव है।
ऽ आवश्यकतानुसार बीज प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना की जायेगी, जहाँ इन बीजों को प्रसंस्कृत करके इनके प्रमाणीकरण की व्यवस्था होगी।
ऽ बायो गैस प्लांट की स्थापना किए जाने का प्रस्ताव है।
ऽ खेतों में छोटे-छोटे ट्रांस्र्फामर लगाये जायेंगे, तथा आवश्यकतानुसार सौर ऊर्जा की व्यवस्था की जायेगी।
ऽ किसानों एवं खेतीहर मजदूरों के असामयिक मृत्यु पर उनकी सहायता सरकार करेगी। सांप काटने, कुआँ धसने जैसी आकस्मिक आपदा राहत के लिए पीड़ित परिवारों को सरकार के द्वारा चार लाख रुपये की सहायता राशि दी जायेगी।
ऽ देवघर, राँची, सिमडेगा एवं निकटवत्र्ती क्षेत्रों में फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए नई परियोजनाएँ चलाये जाने का प्रस्ताव है।
ऽ छोटी-छोटी योजनाओं के निर्माण की जवाबदेही भी ग्राम विकास समिति/आदिवासी विकास समिति को ही सौंपे जाने की व्यवस्था की जायेगी।
ऽ ‘‘मेधा दूध’’ को भी हम सशक्त करना चाहते हैं, इसके लिए एन॰डी॰डी॰बी॰ के सहयोग से एक महत्ती कार्य योजना के तहत राँची में एक लाख लीटर तथा देवघर, पलामू, साहेबगंज, गिरिडीह एवं जमशेदपुर में 50 हजार लीटर क्षमता के डेयरी प्लांट का निर्माण आरंभ कराया जायेगा।
ऽ गोड्डा में कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना संबंधित विधेयक सदन के समक्ष शीघ्र प्रस्तुत किया जायेगा तथा वित्तीय वर्ष 2018-19 में साहेबगंज में कृषि महाविद्यालय स्थापित किए जाने का प्रस्ताव है।
ऽ राज्य को कुपोषण मुक्त करने के लिए अगले वित्तीय वर्ष से सभी माननीय विधायकों के सहयोग से ळपजि डपसा ैबीमउम को राज्य के अन्य जिलों में चरणबद्ध तरीके से प्रारम्भ किये जाने का प्रस्ताव है। जिसके तहत कुपोषण से पीड़ित बच्चों को प्रतिदिन मुफ्त में दूध उपलब्ध कराया जायेगा।
ऽ माननीय विधायकगण अपनी निधि से स्ट्रीट लाईट का अधिष्ठापन करवा सकेंगे।
ऽ ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों विशेषकर, बच्चों के लिये पंचायत स्तर पर चरणबद्ध तरीके से छोटे-छोटे पार्कों का निर्माण कराया जायेगा।

रोजगार एवं स्वरोजगार के अधिक-से-अधिक अवसर पैदा करना
ऽ युवाओं को शिक्षा के साथ स्किल डेवलपमेंट पर फोकस कर उन्हें रोजगार मुहैय्या कराना मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। आगामी वित्तीय वर्ष में राज्य में कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव है।
ऽ युवाओं में हुनर को बढ़ावा देने के लिए कौशल विकास मिशन के माध्यम से तीन लाख युवाओं को प्रशिक्षित करके उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाना है।
ऽ 50 हजार सरकारी नियुक्तियाँ की जायेंगी।
ऽ नये उद्योगों के माध्यम से 50 हजार प्रत्यक्ष रोजगार तथा 1.50 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित किया जायेगा।
ऽ विनोद बिहारी महतो विश्वविद्यालय, रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय तथा नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय के परिसर निर्माण हेतु कार्रवाई की जायेगी।
ऽ विश्वविद्यालय से दूरस्थ स्थित जिला मुख्यालयों में चरणबद्ध तरीके से च्ळ की पढ़ाई प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है।
ऽ युवाओं को सक्षम बनाने के लिए सभी जिलों में एक-एक मेगा स्किल सेन्टर की स्थापना किए जाने पर कार्य किया जा रहा है।
ऽ गुणवतापूर्ण शिक्षा एवं शोध को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय/महाविद्यालयों तथा डाॅ॰ रामदयाल मुण्डा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान में शोध निधि की स्थापना का प्रस्ताव है।
ऽ जिन महाविद्यालयों में विज्ञान प्रयोगशाला नहीं है, उनमें विज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना का प्रस्ताव है।
ऽ बड़े जिला मुख्यालयों में स्पइतंतल.बनउ.डवजपअंजपवद ब्मदजतम की स्थापना किये जाने का प्रस्ताव है।
ऽ विश्वविद्यालय स्तर पर ैजंतजनच कोषांग की स्थापना की जायेगी, ताकि इच्छुक विद्यार्थियों को रोजगार प्राप्त करने में तत्काल सहायता प्राप्त हो सके।
ऽ राज्य में खेल विश्वविद्यालय अधिनियमित कर दिया गया है, जिसके गठन के उपरान्त राज्य में खेल/खेल विज्ञान/खेल शिक्षा तथा खिलाड़ियों का समुचित संवर्द्धन एवं विकास हो सकेगा।
ऽ राज्य में मीठी क्रान्ति लाने हेतु मधुमक्खी पालन को वृहद् पैमाने पर प्रोत्साहित करने की योजना है। इसके तहत मुख्यमंत्री लघु कुटीर उद्यम विकास बोर्ड के माध्यम से 25,000 किसानों को प्रशिक्षित कर इससे जोड़ा जायेगा। साथ ही, उत्पादित मधु के प्रोसेसिंग, पैकेजिंग एवं मार्केटिंग का भी प्रावधान किया जा रहा है।
ऽ 100 लाह परिसंस्करण इकाई की स्थापना की जाएगी तथा इससे उत्पादित सीड लाह एवं बटन लाह की देश-विदेश में बिक्री की व्यवस्था की जायेगी।
ऽ दुमका प्रमंडल में रेशम प्रसंस्करण इकाई की स्थापना किए जाने का प्रस्ताव है।
ऽ राँची, देवघर, बोकारो, धनबाद, जमशेदपुर तथा रजरप्पा में हस्तशिल्प इम्पोरियम की स्थापना की जायेगी।
ऽ राँची खरसावाँ में च्च्च् उवकम में सिल्क पार्क की स्थापना की जायेगी।
ऽ सखी मण्डलों को सशक्त करते हुए महिला लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड के माध्यम से 4.50 लाख महिलाओं को स्वावलम्बन के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराये जाने की कार्य योजना तैयार की गई है।
ऽ पतरातू को वृहद् पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित करने हेतु कार्य प्रगति पर है तथा पूर्ण होने के पश्चात् यह राज्य का वृहद् पर्यटक स्थल बनेगा।
ऽ देवघर, बासुकीनाथ, ईटखोरी, रजरप्पा, मसानजोर, चांडिल, दलमा, अंजनधाम, लुगुबुरू के पर्यटकीय विकास के लिए वृहद् कार्य योजना पर कार्य प्रारम्भ किया जायेगा। लुगुबुरू को राजकीय महोत्सव का दर्जा दिया जायेगा। सरायकेला जिले के छऊ महोत्सव को भी राजकीय महोत्सव का दर्जा दिया जाना प्रस्तावित है।
ऽ प्रसाद योजनान्तर्गत देवघर का विकास, स्वदेश दर्शन योजनान्तर्गत जमशेदपुर-राँची-नेतरहाट-बेतला ईको टूरिज्म सर्किट का विकास तथा चांडिल, गेतलसूद, नेतरहाट तथा बेतला का पर्यटन की दृष्टि से विकास किया जायेगा।
ऽ कौलेश्वरी, ईटखोरी तथा रजरप्पा को वृहद् गंतव्य के रूप में विकसित किया जायेगा तथा कौलेश्वरी में पी॰पी॰पी॰ मोड के आधार पर रोपवे अधिष्ठापित किया जायेगा।
ऽ मुख्यमंत्री वृद्धजन तीर्थ दर्शन योजना पूर्ववत् जारी रहेगी।
ऽ चरणबद्ध तरीके से प्रखण्ड मुख्यालय, पर्यटन स्थलों तथा 5 शहरों में ‘‘लघु कुटीर उद्योग हाट’’ की स्थापना किया जाना प्रस्तावित है, जहाँ लघु कुटीर उद्योग से निर्मित वस्तुओं की बिक्री हो सकेगी।

अनुसूचित जनजाति/जाति एवं अभिवंचित वर्गों का विकास
ऽ अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों एवं अन्य अभिवंचित वर्गों के लिए बजट प्रावधान का 50 प्रतिशत से अधिक (52 प्रतिशत) राशि रखी गई है।
ऽ वित्तीय वर्ष 2018-19 में अनुसूचित जनजाति बाहुल गाँवों में आदिवासी विकास समिति के माध्यम से छोटे-छोटे चेक डैम, तालाब, जल संचयन संरचनाएँ आदि योजनाओं का निर्माण कराया जायेगा।
ऽ आदिवासी क्षेत्रों में व्सक ।हम भ्वउम की स्थापना भी करने का प्रस्ताव है।
ऽ अल्पसंख्यक बच्चों के लिए शिक्षा एवं हुनर का कार्यक्रम चलाया जायेगा।
ऽ संथालपरगना प्रमण्डल के साहेबगंज, दुमका, गोड्डा एवं पाकुड़ जिले में 5,000 आदिम जनजाति परिवारों को गरीबी से बाहर निकालने का लक्ष्य रखा गया है।
ऽ कुपोषण को कम करने हेतु जे॰टी॰ई॰एल॰पी॰ के परियोजनान्तर्गत 400 गाँवों में 48,000 पोषण गार्डेन का निर्माण कराया जायेगा।
ऽ अनुसूचित जनजाति/जाति के डाॅक्टर अगर जनजातीय क्षेत्र में अस्पताल का निर्माण करते हैं तो उन्हें 50 लाख रुपये तक बैंक से ऋण उपलब्ध कराये जाने की योजना प्रारंभ की जायेगी।
ऽ स्वतंत्रता संग्राम में टाना भगतों की महत्वपूर्ण भूमिका रही हैं। टाना भगतों को मुख्य धारा में लाने एवं इनके सर्वांगीण विकास हेतु टाना भगत विकास प्राधिकार का गठन किया गया हैै। इनकी भूमि को लगान मुक्त करने का भी प्रस्ताव है।
ऽ अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में घंटी आधारित स्थानीय शिक्षक/सेवानिवृत शिक्षकों की सेवा ली जायेगी।
ऽ कब्रिस्तान की घेराबंदी के साथ-साथ सरना-मसना स्थलांे की घेराबंदी का कार्य भी चरणबद्ध रूप से पूरा कराया जायेगा।
ऽ नगरीय क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों में मुक्तिधाम (श्मशान घाटों) को अधिक सुविधायुक्त बनाये जाने का प्रस्ताव है।
ऽ दिव्यांग जनों को विपरीत परिस्थितियों में विभिन्न प्रकार की सहायता उपलब्ध कराने हेतु राज्य दिव्यांग कल्याण कोष की स्थापना की जायेगी।

महिला सशक्तिकरण
ऽ एक लाख सखी मंडलों की संख्या को बढ़ाकर 1.50 लाख करने की योजना है। इन्हीं सखी मण्डलों के माध्यम से महिलाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराते हुए स्वावलम्बी बनाये जाने की महती कार्यक्रम तैयार किया गया है।
ऽ जमशेदपुर महिला काॅलेज को विश्वविद्यालय के रूप में उत्क्रमित किया जायेगा।
ऽ महिला महाविद्यालयों के पास चरणबद्ध तरीके से 300 शैय्या वाले महिला छात्रावासों का निर्माण कराया जायेगा।
ऽ सभी कस्तुरबा विद्यालयों के लिए चहारदिवारी का निर्माण कराया जाना भी प्रस्तावित है।
ऽ 20 चिन्हित जिलों में महिला शक्ति केन्द्रों की स्थापना की जायेगी।
ऽ महिला महाविद्यालयों के पास महिला छात्रावासों का निर्माण किए जाने का प्रस्ताव है।
ऽ दहेज रहित विवाह को बढ़ावा देने हेतु सामूहिक विवाह कार्यक्रमों के आयोजकों को 1,000 रुपये प्रति विवाह प्रोत्साहन राशि प्रदान की जायेगी।
ऽ जो संस्थायें लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करती है, उन्हें भी सहायता राशि प्रदान की जायेगी।
ऽ महिलाओं को पचास लाख रुपये के विक्रय पत्र के निबंधन पर मुद्रांक एवं निबंधन शुल्क से पूर्ण छूट को आगामी वित्तीय वर्ष में भी जारी रखा जायेगा।

पिछड़े जिलों/प्रखण्डों का समेकित विकास
ऽ नीति आयोग के द्वारा देश के 115 जिलों को अति पिछड़े जिले के रूप में पहचान किया गया है, इसमें झारखण्ड के 19 जिले शामिल हैं। इन 19 जिलों में से 16 जिले स्ॅम् हैं, जिनके लिए केन्द्र सरकार ने प्रति जिला 28.57 करोड़ रुपये की राशि देने की योजना तैयार की है, ताकि इन 16 पिछड़ों जिलों का योजनाबद्ध तरीके से समेकित विकास किया जा सके।
ऽ नीति आयोग ने कुपोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं आधारभूत संरचना के मानकों के आधार पर अन्य 6 जिलों को अति पिछड़ा घोषित किया गया है। इन जिलों के योजनाबद्ध विकास के लिए प्रति जिला 50 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है, ताकि इनका त्वरित विकास सुनिश्चित किया जा सके। इस विकास राशि से शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, विधि-व्यवस्था तथा डपेेपदह स्पदा योजनायें ली जायेंगी।

आधारभूत संरचना
ऽ बरकाकाना-राँची (63.34 कि॰मी॰) अंश पर भी रेल सेवा वित्तीय वर्ष 2018-19 के अंत तक परिचालित करा देने का लक्ष्य रखा गया है।
ऽ काॅवर-गिरिडीह (23 कि॰मी॰) अंश पर भी रेल सेवा वित्तीय वर्ष 2018-19 में तक परिचालित कराने का लक्ष्य रखा गया है।
ऽ कोडरमा-तिलैया (14 कि॰मी॰) तथा गोड्डा-हसंडीहा (32.46 कि॰मी॰) के निर्माण पर भी रेलवे मंत्रालय की सहमति प्राप्त हो चुकी है और प्रारंभिक सर्वे कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में इन योजनाओं का निर्माण कार्य प्रारम्भ कराये जाने का लक्ष्य है।
ऽ हजारीबाग, पलामू (चियांकी) तथा दुमका हवाई अड्डा के रनवे के विस्तार हेतु भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई प्रारंभ की गई है।
ऽ पथ प्रक्षेत्र में पथों का घनत्व 122.33 कि॰मी॰ प्रति हजार वर्ग कि॰मी॰ से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2016-17 की समाप्ति तक 132.59 कि॰मी॰ प्रति हजार वर्ग कि॰मी॰ हो गया है। वर्ष 2017-18 में 963 कि॰मी॰ पथों के निर्माण से पथ घनत्व बढ़कर 145 कि॰मी॰ प्रति हजार वर्ग कि॰मी॰ हो गया है।
ऽ लगभग 1,200 कि॰मी॰ पथों एवं 30 वृहद पुलों के निर्माण का कार्यक्रम है।
ऽ राज्य के 1,000 सरकारी भवनों में ग्रिड कनेक्टेड रूफ टाॅप सोलर पावर प्लांट की आपूर्ति एवं इसका अधिष्ठापन किया जायेगा।
ऽ राज्य में सिंचाई कार्य हेतु 2,000 अदद् सोलर पम्प का अधिष्ठापन किया जायेगा।
ऽ राँची जिलान्तर्गत अनगड़ा प्रखण्ड में सिकदिरी नहर पर 2 मेगावाट क्षमता के कैनाल टाॅप सोलर पावर प्लांट अधिष्ठापित किया जायेगा।
ऽ राष्ट्रीय बाॅयोगैस के अन्तर्गत अनुसूचित जनजाति के साथ-साथ अन्य व्यक्तियों को भी लाभान्वित किया जायेगा।
ऽ प्रधानमंत्री ‘‘सौभाग्य’’ योजनान्तर्गत 17.64 लाख ग्रामीण आवास तथा 8.64 लाख शहरी आवास आच्छादित किए जायेंगे।
ऽ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत 6,000 कि॰मी॰ पथ निर्माण का लक्ष्य है। इस निर्माण से 2,400 बसावटों को जोड़ने का प्रस्ताव है।
ऽ राज्य सम्पोषित योजनान्तर्गत गाँवों को सम्पर्कता प्रदान करने हेतु 2,000 कि॰मी॰ ग्रामीण पथ निर्माण कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य है।
ऽ मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजनान्तर्गत 125 पुलों का निर्माण कार्य कराया जायेगा।

नगरीय विकास
ऽ प्रधानमंत्री आवास योजना के तीसरे घटक ‘‘भागीदारी एवं किफायती आवास’’ के अन्तर्गत 40,000 आवासों के निर्माण का कार्य पूर्ण किया जायेगा।
ऽ 27 नगर निकायों में एक-एक दादा-दादी पार्क का निर्माण भी प्रस्तावित है।
ऽ धनबाद, देवघर, जमशेदपुर एवं राँची में इन्टर स्टेट बस टर्मिनल तथा ट्रान्सपोर्ट नगर का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है।
ऽ मोरहाबादी मैदान, राँची में विकास एवं सौन्दर्यीकरण का प्रस्ताव है।
ऽ शहरी क्षेत्र में वार्ड विकास केन्द्र खोले जाने का प्रस्ताव है।
ऽ वित्तीय वर्ष 2018-19 में बासुकीनाथ, धनबाद एवं रामगढ़ में अरबन हाट का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है।
ऽ आर्थिक रूप से कमजोर एवं अल्य आय वर्ग के लिये निर्मित किफायती आवास के निबंधन पर मात्र एक रुपया कर राशि मुद्रांक एवं निबंधन शुल्क के रूप में ली जायेगी।

पेयजल एवं स्वच्छता
ऽ वित्तीय वर्ष 2018-19 में पाईप जलापूर्ति योजना से ग्रामीण आबादी का 40 प्रतिशत आच्छादन किया जायेगा।
ऽ सभी आदिम जनजाति टोलों में पाईप जलापूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी।
ऽ एस॰बी॰एम॰जी॰ अन्तर्गत पूरे राज्य को वित्तीय वर्ष 2018-19 में खुले शौच से मुक्त घोषित किया जायेगा।
ऽ वित्तीय वर्ष 2018-19 में फ्लोराईड एवं आर्सेनिक प्रभावित टोलों का शत प्रतिशत शुद्ध पेयजल से आच्छादित किया जायेगा।
ऽ 6 अति पिछड़े जिलों में प्राथमिकता के आधार पर पेयजलापूत्र्ति योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा सकेगा।

जल संसाधन
ऽ लघु सिंचाई अन्तर्गत 500 चेकडैम एवं 300 वियर योजना का निर्माण वर्ष 2018-19 में कराये जाने का प्रस्ताव है।
ऽ 300 पुरानी मध्यम सिंचाई योजना एवं आहर/तालाब के पुनस्र्थापन का कार्य भी कराये जाने का प्रस्ताव है।
ऽ 326 चेकडैम योजना का कार्य पूर्ण कराते हुए 20,363 हे॰ अतिरिक्त सिंचाई क्षमता सृजित किया जाना प्रस्तावित है।
ऽ 22 पूर्ण मध्यम सिंचाई योजनाओं के आधुनिकीकरण/लाईनिंग का कार्य कराया जाना भी वित्तीय वर्ष 2018-19 की कार्य योजना में शामिल है।

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता
ऽ शिक्षा के गुणवता हेतु झारखण्ड शैक्षणिक शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान को प्रभावकारी बनाते हुए राज्य के प्रशिक्षण संस्थानों को सुदृढ़ किया जायेगा।
ऽ राज्य के 8 अनुमण्डलीय पुस्तकालयों को जिलास्तरीय पुस्तकालय में उन्नयन तथा सभी जिलास्तरीय पुस्तकालयों में आगामी 3 वर्षो में मोटीवेषनल केन्द्र तथा ई-लाईब्रेरी की स्थापना किया जाना प्रस्तावित है।
ऽ 300 या अधिक नामांकित सभी $2 विद्यालयों, जहाँ नामांकन क्षमता 500 या उससे अधिक है, में कम्प्यूटर शिक्षा तथा स्मार्ट क्लास की व्यवस्था मुख्यमंत्री उच्च माध्यमिक षिक्षा प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत किये जाने का प्रस्ताव है।
ऽ 89 माॅडल विद्यालयों को सी॰बी॰एस॰ई॰ की तर्ज पर इंगलिस मीडियम शैक्षणिक संस्था के रूप में पूर्णरूपेण विकसित किये जाने का लक्ष्य है।
ऽ सभी प्रखण्ड मुख्यालयों के एक विद्यालय में योग शिक्षा की शुरुआत किया जाना प्रस्तावित है।
ऽ भारत सरकार से समन्वय स्थापित कर खूँटी एवं रामगढ़ जिले में अगले शैक्षिक सत्र से नवोदय विद्यालय की स्थापना तथा पलामू जिले में केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना किये जाने का प्रस्ताव है।
ऽ विद्यालयों के सुदृढ़ीकरण तथा पुनर्गठन कर संकाय एवं विषयवार शिक्षक की समुचित व्यवस्था किया जाना लक्षित है।
ऽ नक्सल गतिविधि से प्रभावित परिवार के बच्चों के लिये चार आवासीय विद्यालयों की व्यवस्था किये जाने का प्रस्ताव है।
ऽ अवैध पलायन से मुक्त करायी गई बालिकाओं हेतु दो आवासीय विद्यालय की समुचित व्यवस्था की जायेगी।
ऽ स्थापित किये गये दो बी॰एड॰ काॅलेज-हाट गम्हारिया एवं रेहला को वित्तीय वर्ष 2018-19 में कार्यशील बनाया जाना प्रस्तावित है।
ऽ आवासीय माध्यमिक एवं उच्च विद्यालयों को व्यावसायिक शिक्षा से जोड़ने के लिए इनमें व्यावसायिक पाठ्यक्रम चलाये जाने का प्रस्ताव है।

विधि व्यवस्था
ऽ स्पेशल इंफ्रास्ट्रक्चर स्कीम (एस॰आई॰एस॰) के तहत झारखण्ड जगुआर का उन्नयन एवं सुदृढ़िकरण; कुल-77 फोर्टिफाईड पुलिस थानांे के निर्माण तथा उग्रवाद-निरोध के बिन्दु पर विशेष आसूचना ब्यूरो (एस॰आई॰बी॰) के गठन, उन्नयन एवं सुदृढ़ीकरण की योजना है।
ऽ राज्य आपदा मोचन बल का गठन किया जायेगा।
ऽ छः शहरांें, यथा-धनबाद, बोकारो, रामगढ़, जमशेदपुर, देवघर तथा दुमका में भी सी॰सी॰टी॰वी॰ प्रणाली लागू किये जाने की योजना है।
ऽ सरकार राज्य के भूमिहीनों को गाँव में खेती के लिए पाँच एकड़ जमीन देगी। साथ ही, आवास निर्माण के लिए भी 12.5 डिसमिल जमीन दी जायेगी। शहीद सैनिकों, अर्द्ध सैनिक बलों एवं पुलिस कर्मियों के परिजनों को जीवन यापन के लिए गाँव में पाँच एकड़ जमीन दी जायेगी। इस निर्णय का लाभ लगभग दो लाख परिवारों को मिलेगा।
ऽ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के कार्यालय राज्य के सभी प्रमंडलों में खोले गये हैं तथा इसके परिणाम भी सामने आने लगे हैं। वर्ष 2014 में सिर्फ 31 लोग भ्रष्टाचार के आरोप में पकड़े गए थे, वहीं 2015 में 54, 2016 में 84 तथा 2017 में 138 लोग पकड़े जा चुके हैं।
ऽ सरकार द्वारा राँची में प्रेस क्लब बनाकर उपलब्ध कराया गया है तथा धनबाद में भी प्रेस क्लब की स्वीकृति दी गई है। जमशेदपुर, चाईबासा, दुमका एवं देवघर में प्रेस भवन बनाये जायेंगे।
ऽ राज्य में राजकोषीय अध्ययन संस्थान के माध्यम से राजस्व संग्रहण में वृद्धि के उपाय, तथा वित्तीय प्रबंधन एवं योजनाओं का परिणान्मोमुखी मूल्यांकन (त्मेनसज व्तपमदजमक म्अंसनंजपवद) किया जायेगा।

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