रांची, झारखण्ड | फरवरी | 02, 2019 :: आज 10 से भी अधिक स्कूलों के लगभग 10000 बच्चे यहां पर खेल गांव में जो स्क्रीनिंग हुई उसमें शामिल हुए स्कूलों में प्रमुख थे डीएवी नंदराज डीएवी कपिलदेव डीएवी गांधीनगर सरला बिरला पब्लिक स्कूल और जेएसएसपीएस जो स्क्रीन वन में फिल्में बहुत चर्चित हुई उसका हिंदी फिल्म पगली साइलेंट फिल्म हंगर और एलओसी थी जो कि देश भक्ति से ओतप्रोत थी।
इसमें बच्चों ने बहुत उत्साह से भाग लिया । उसके बाद वहां पर एक शो का आयोजन हुआ जिसमें विदेशी मेहमानों ने भी भाग लिया फ्रांस की एक्ट्रेस मिस मरियाना ओरगो , अफगानिस्तान के फिल्मेकर कुद्रतुल्लाह ताघवी, उज़्बेकिस्तान की रिसर्च स्कॉलर और फिल्मकार दिल फरोज़ और इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के कंसलटेंट वीवी महेश्वर राव, अफगानिस्तान के क्वाड्स विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी डॉ गुलाब मीर रहमान मुख्य रूप से थे और और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के फिल्म निर्देशक डेन वॉलमैन ने कहा कि सभी लोगों ने यहां पर जो विभिन्न स्कूलों के अलावा और भी उत्सुक जो व्यक्ति या शोधार्थी आए थे और फिल्मों के बारे में उन्होंने जो सवाल पूछे उनके सवालों के जवाब दिए गए इसके अलावा जो फिल्म में आज लिस्टेड थी सभी का प्रदर्शन हुआ उज़्बेकिस्तान की जो रिसर्च स्कॉलर और फिल्मकार दिल फरोश आई हुई थी उन्होंने आज जो प्रेस कॉन्फ्रेंस हुआ उस पर उन्होंने कहा कि भारत और उज्बेकिस्तान के बीच गहरे सांस्कृतिक और अन्य संबंध है लाल बहादुर शास्त्री जी के नाम पर और महात्मा गांधी के नाम पर वहां विश्वविद्यालय है जिसमें योगा से लेकर अन्य विषयों की पढ़ाई होती है स्वयं दिल फरोज़ हैदराबाद में शिक्षा पा चुकी हैं और उनके राष्ट्रपति भी बहुत रुचि लेते हैं पिछली बार वह भारत आए थे और उन्होंने प्रशंसा की कि यहां कर उन्हें बहुत अच्छा लगा डेन वॉलमैन ने अपने संबोधन में कहा कि झारखंड में उन्हें बहुत ही अच्छा लगा और अब की फिल्म जो की तीन चौथाई वह शूट कर चुके हैं उसकी एक तिहाई फिल्म झारखंड में शूट करेंगे पहले उन्होंने भारत में इसे शूट करने का विचार किया था लेकिन झारखंड इतना पसंद आया यहां की शांति यहां के लोगों की सहयोग की भावना और सबसे बड़ी बात फिल्म के प्रति रुचि होने बहुत भा गई और इजराइल बहुत अच्छी यादें लेकर जा रहे हैं उनकी कहानी एक प्रेम कहानी है जिस पर अपने पिता को तलाश करने वह भारत आता है भारत के बारे में उसकी बहुत सी कहानियां सुन रखी थी इजराइल की कल्चरल अटैची रयूमा मेंटजूर ने कहा कि अगले वर्ष हम लोग और भी कुछ अच्छा करना चाहेंगे और झारखंड और इसराइल का संबंध सिर्फ कृषि के क्षेत्र में नहीं बल्कि संस्कृति के क्षेत्र में भी और मजबूत होगा।