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जाति धर्म भाषा बोली से उपर है होली :: डाॅ॰ सुशील कुमार अंकन

रांची , झारखण्ड | मार्च | 19, 2019 :: राँची विश्वविद्यालय में होली अवकाश होने से पहले पीजी दर्शनशास्त्र विभाग में खेली गई स्नेह की होली। शिक्षकों ने स्नेह और आशीर्वाद के गुलाल विद्यार्थियों को लगाये तो विद्यार्थियों ने भी श्रद्धा, सम्मान और आदर के अबीर शिक्षकों को समर्पित किए।
दर्शन शास्त्र विभाग में विगत सात वर्षों से एक विशेष तरीके से होली मनाई जाती रही है। विभागाध्यक्ष और विभाग से जुड़े शिक्षकों का एक बड़ा सा कार्टून पोस्टर बनाया जाता है जिसमें उनके व्यक्तित्व और कार्यशैली की मर्यादित बानगी होती है। यह कार्टून पोस्टर पूरे आयोजन के आकर्षण का केन्द्र होता है।
आज के होली उत्सव कार्यक्रम में पूर्व संकायाध्यक्ष एवं पूर्व विभागाध्यक्ष डाॅ॰ सरस्वती मिश्रा ने कार्टून पोस्टर का जैसे ही अनावरण किया पूरा कक्ष ठहाकों से गूँज गया। उसके बाद बारी बारी से शिक्षकों को सब्जियों की माला पहनाई गई। डाॅ॰ सरस्वती मिश्रा को गोभी, डाॅ॰ सुशील कुमार अंकन को गाजर, डाॅ॰ पंकज कुमार को भूईसीम, डाॅ॰ राज राजेश्वरी को मिर्ची और निंबू तथा डाॅ॰ अजय कुमार सिंह को करैली की माला पहनाई गई। शोध शिक्षकों को भी विभिन्न सब्जि़यों की मालाएँ पहना कर स्वागत किया गया।
डाॅ॰ सरस्वती मिश्रा ने होली की शुभकामनाएँ देते हुए विद्यार्थियों को कहा कि वे अपने जीवन से रंग को नहीं जाने दें क्यों कि बिना रंग के जीवन नीरस होता है। डाॅ॰ अंकन ने कहा होली बहुत ही पवित्र त्योहार है यह जाति धर्म भाषा बोली से उपर है। डाॅ॰ पंकज ने भारतीय सेना के सम्मान में होली से संबंधित अपनी कविता सुनाई। डाॅ॰ राज राजेश्वरी ने विद्यार्थियों को होली की शुभकामनाएँ दीं वही डाॅ॰ अजय ने होली मिलन के इस कार्यक्रम में अगले वर्ष से सहयोग की बात कही।
एक दूसरे को रंग गुलाल लगाने के बाद गीत और नृत्य का दौर चला मिठाइयाँ बांटी गई। पूरे आयोजन को सफल बनाने में अजीत उपाध्याय, अमन कुमार तिवारी, डाॅ॰ सोनी कुमारी, संदीप शीट, गुडि़या कुमारी, डाॅ॰ शारदा वंदना, डाॅ॰ स्नेहाप्रिया ओझा, प्रीति कुमारी, रजत महतो, मलखान सिंह, रीता खलखो, शोभा देवी, आकाश खलखो, दिपक उराँव सहित कई विद्यार्थियों ने भी सहयोग किया। कार्यक्रम का संचालन सोनी और अमन ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डाॅ॰ सुशील अंकन ने किया।

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