रांची , झारखण्ड | मार्च | 11, 2019 ::रंगकर्मी कल्याण संघ की रखी गई आधारशिला. अब आपातकाल में मिलेगी रंगकर्मियों को सहायता
रंगकर्मियों के संकटकाल में उनकी आर्थिक, सामाजिक एवं मानसिक सहायता करने के उद्देश्य से रंगकर्मी कल्याण संघ का गठन किया गया। इसके गठन के लिये पाँच रंगकर्मियों की एक तदर्थ कमिटी बना दी गई थी जिसका काम था रंगकर्मी कल्याण संघ के गठन की पृष्ठभूमि और बाइलॉज तैयार करना।
कल दिनांक 10 मार्च 2019 को उसी तदर्थ कमिटि के तत्वावधान में मारवाड़ी ब्राह्मण धर्मशाला राँची के प्रथम तल में विभिन्न नाट्य संस्थाओं के रंगकर्मियों की एक बैठक बुलाई गई थी जिसमें ‘रंगकर्मी कल्याण संघ’ की आधारशिला रखी गई।
सर्वप्रथम निर्णय लिया गया कि रंगकर्मियों के कल्याण के लिए बनाये गये इस संघ को ‘रंगकर्मी कल्याण संघ, केन्द्रीय समिति, राँची’ के नाम से जाना जायेगा। इस बैठक में तदर्थ कमिटी द्वारा बनाये गये बाईलॉज के ड्राफ्ट के एक एक बिन्दु पर चर्चा के पश्चात कुछ संशोधनों के साथ इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। अब इस कल्याण संघ के निबंधन की प्रक्रिया शुरू की जायेगी।
राँची के विभिन्न नाट्य संस्थाओं के तीस रंगकर्मियों ने इस बैठक में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई तथा 5 रंगकर्मियों ने राँची से बाहर होने के कारण मोबाईल फोन से सूचना देकर अपनी उपस्थिति दर्ज की। तीस में से 27 रंगकर्मियों ने संघ की सदस्यता ग्रहण कर रंगकर्मी कल्याण संघ के नींव को मजबूत बनाया।
रंगकर्मी कल्याण संघ के स्थायी पदधारियों का चुनाव आज नहीं हो सका क्योंकि सदन ने वर्तमान तदर्थ कमिटि को ही अगले 6 माह के लिये कार्य करने की अनुमति यह कहते हुए प्रदान कर दी कि यह तदर्थ कमिटि अनुभवी रंगकर्मियों की कमिटी है और अच्छा कार्य कर रही है।
रंगकर्मियों के कल्याण के लिए अबतक झारखंड में ऐसी कोई संस्था नहीं थी जो नाट्यकर्मियों के कल्याण के लिए कार्य करती हो। इसलिए रंगकर्मी कल्याण संघ का अस्तित्व में आना, रंगकर्म के क्षेत्र में एक बड़ी घटना है।
रंगकर्मी कल्याण संघ का कार्यक्षेत्र सम्पूर्ण झारखंड होगा। इसलिये झारखंड के प्रत्येक ज़िले में इसकी स्वतंत्र इकाईयाँ गठित की जायेंगी जो अपने अपने ज़िले में रंगकर्मियों के कल्याण का कार्य करेंगी।
आज की बैठक में मुख्य रूप से अशोक पागल, विश्वनाथ प्रसाद, डॉ॰ कमल बोस, कुममुम गौड़, झरना चक्रवर्ती, रथिन चटर्जी, राकेश रमण, शिशिर पंडित, कुलदीप सिंह दीपक, दीपक लोहार, सुकुमार मुखर्जी, ओम प्रकाश, सूरज खन्ना, शशिकला पौराणिक, फ़जल इमाम, सैयद मीर युनूस, शंकर पाठक, रूपेश सोनी, गौरी शंकर शर्मा, कीर्ति वर्मा, जयदीप सहाय, कैलाश मानव, इन्द्रजीत सिंह, अशोक गौड़, बिनोद जायसवाल, रीना सहाय, डॉ॰ अनिकेत भारद्वाज, ऋषिकेश लाल, नरेश प्रसाद और डॉ॰ सुशील कुमार अंकन मौजूद थे।