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नहीं रहें, बाँसुरी वादक गोपीचन्द्र प्रमाणिक

रांची, झारखण्ड | मई | 24, 2020 :: नया सराय राँची के निवासी बाँसुरी वादक गोपीचन्द्र प्रमाणिक का निधन आज सुबह रिम्स बरियातू में हो गया।
संध्या चार बजे तक उनका दाह संस्कार कार्यक्रम पुनदाग नदी के समीप किया गया।जिसमें कई कलाकार लोग शामिल हुए।

स्वर्गीय गोपीचंद्र प्रमाणिक का जन्म 6 मई 1976 को हुआ था।

24 सितंबर 2005 को पहली बार एक बांसुरी वादक के रूप में सुर सिंगार म्यूजिकल ग्रुप के साथ स्टेज के कार्यक्रम में शिरकत किये।
इससे पहले वे आजाद अंसारी के साथ बैंजो वादक के रूप में संगत करते थे।
उन्हें बांसुरी वादक के रूप में झारखंड संगीत-जगत में लाने का श्रेय सुर सिंगार म्यूजिकल ग्रुप के आनंद कुमार राम,शिव शंकर महली एवं मनपुरन नायक को जाता है।
उनके चार बेटी,एक बेटा हैं।
एक बेटी की शादी हो चुकी है,जबकि बेटा 13 वर्ष का है।
झारखंड कल्चरल आर्टिस्ट एसोसिएशन के तरफ से सचिव डॉ जयकांत इंदवार ने कहा कि विगत 2 सालों में हमने 3 बांसुरी वादक को खोया है।
जो हमारे वरिष्ठ कलाकार रह चुके हैं।
काली शंकर माली, लालू शंकर माली एवं सुजय बोस तीनों बांसुरी वादकों का नागपुरी के ऑडियो क्षेत्र एवं मंच क्षेत्र में काफी सराहनीय योगदान रहा है।
आज जितने भी नागपुरी गाना सुना जाता हैं।
उसमें इन तीनों का बांसुरी वादन मिलता है।
इसके बाद कमलेश कच्छप का निधन हुआ।
वह भी एक जाने-माने बांसुरी वादक थे।
इनका काल बहुत ही स्वर्णिम रहा क्योंकि इनका कार्य नागपुरी ऑडियो में सबसे ज्यादा रहा।
गोपीचंद्र प्रमाणिक का भी निधन हो गया है।
यह भी नागपुरी जगत के लिए काफी बड़ी क्षति है।
देखा जाए तो लगातार वरिष्ठ वादकों का निधन हुआ है और अभी गोपीचंद्र प्रमाणिक आ निधन नागपुरी जगत के लिए एक बड़ा आघात हैं।

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