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रंगकर्मी स्मृतिशेष अशोक पागल की प्रथम पुण्यतिथि : ओह नौरी ! और अमीबा से बिम्बिसार तक की हुई प्रस्तुति

 

राची, झारखण्ड | जुलाई | 24, 2023 :: 22 जुलाई को प्रदेश के प्रसिद्ध रंगकर्मी स्मृतिशेष अशोक पागल की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर कला संस्कृति एवं साहित्य की अखिल भारतीय संस्था ‘संस्कार भारती’ एवं हस्ताक्षर की संयुक्त अगुवाई में झारखंड की पृष्ठभूमि पर अशोक पागल लिखित नाटक ‘‘ओह नौरी ! ’’ नाटक की प्रस्तुति डॉ॰ सुशील अंकन के निर्देशन में, श्रुति नाटक के स्वरूप में की गई। इसमें ध्वनि अभिनय करने वाले कलाकारों में राकेश रमण, कुमकुम गौड़, रीना सहाय, शशिकला पौराणिक, संतोष मृदुला, शिशिर पंडित और सुशील अंकन थे। पार्श्व संगीत का पक्ष मृणाल पाठक एवं दल ने संभाला था। मंच और वेश-भूषा विश्वनाथ प्रसाद का था।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में अशोक पागल के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर डॉ॰ सुशील अंकन के द्वारा बनाई गई फिल्म ‘‘ अमीबा से बिम्बिसार तक – प्रयोग और इतिहास की बोजोड़ गाथा’’ की स्क्रिनिंग हुई।
कार्यक्रम की शुरूआत अशोक पागल के चित्र पर पुष्पार्पण से हुई। रांची रंगमंच, साहित्य मंच एवं अन्य कलामंचों से जुड़े कलाकारों ने खराब मौसम के बावजूद अपनी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
अशोक पागल से जुड़े श्री देवव्रत पाहन, प्रदीप कुमार, कुलदीप सिंह दीपक, महेन्द्र अनंत, कीर्तिशंकर वर्मा, नरेश प्रसाद, वीणा श्रीवास्तव, राजेन्द्र तिवारी, रामानुज पाठक, उमेशचंद्र मिश्र आशुतोष प्रसाद, कृष्ण वल्लभ सहाय सहित ढेर सारे कलाकार एवं साहित्यकार मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन मिथिलेश पाठक ने किया।

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