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कारोबार की सरलता और सुगमता देश और राज्यहित में :: रघुवर दास ( मुख्यमत्री झारखण्ड )

रांची, झारखण्ड । नवम्बर | 06, 2017 :: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सरकार को देश के नागरिकों पर पूरा विश्वास है और भरोसा है। उनके कारोबार की सरलता और सुगमता देश और राज्यहित में है। हमारे नियम विकास के लिये है, इनसे बाधा न हो। सभी अधिकारी समस्याओं का सरलता से समाधान करें। व्यापरियों को अपनी समस्याएं न गिनायें। नियम-कानून सरल हो, निर्णय त्वरित और पारदर्शी होंगे, तभी निवेशक आयेंगें। राज्य में व्यापार-उद्योग लगेंगे और विकास होगा। राज्य से पलायन रूकेगा। सरकार ने अच्छी नीति बना दी है, अब उसे लागू करने की जिम्मेदारी नीचे के अधिकारियों की है। वे आज झारखंड मंत्रालय में ईज ऑफ डुइंग बिजनेस विषय पर आयोजित संबंधित विभाग के अधिकारियों साथ बैठक में को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने निदेष दिया कि ऑनलाइन किये जा चुके विभागों में कोई भी काम ऑफलाइन नहीं होनी चाहिए। यदि किसी के आवेदन में कोई कमी है, तो अधिकारी स्वयं संज्ञान लेते हुए संबंधित व्यक्ति से काजगात पूर्ण करने को कहें। इससे रिजेक्शन भी कम होगा। आवेदनों का रिजेक्शन कम करना भी सरकार की जिम्मेदारी है। लोगों का काम घर बैठे होगा, तो राज्य की छवि सुधरेगी। उन्होंने कहा कि हर विभाग का हर अधिकारी-कर्मचारी पहले नागरिक है, उसके बाद कुछ और है। सभी की जिम्मेवारी है कि राज्य का विकास हो, राज्य से गरीबी और पलायन समाप्त हो। यदि कोई अधिकारी नियम-कानून की आड़ में काम लटकाता है, तो उस पर कार्रवाई होगी। गरीब के टैक्स से सभी को तनख्वाह मिलती है। उनके जीवन में बदलाव लाने का काम करना है। झारखंड में संसाधन, मानव बल की कमी नहीं है। अब तो हमारे यहां नीतियां भी अच्छी बन गयी हैं। सभी अधिकारी यदि ठान ले और जुनून के साथ काम करें, तो कोई कारण नहीं की हमारा झारखंड देश का सबसे समृद्ध राज्य न बन सके। यह हर झारखंडवासी के लिए गौरव की बात होगी। अधिकारी-कर्मचारी केवल नौकरी करनी है कि मानसिकता से काम न करें। राज्य के प्रति सभी का कुछ कर्त्तव्य भी है।

उन्होंने कहा कि हमारे यहां काफी सब्जियां होती है। यदि हम फूड प्रोसेसिंग इकाईयां लगवा सके, तो राज्य के किसानों की आमदनी काफी बढ़ जायेगी। उन्हें उनके उत्पाद की अच्छी कीमत मिल जायेगी। उनका जीवन समृद्ध हो जायेगा। आस पास के लोगों को रोजगार भी मिलेगा। रिफार्म लागू करने में प्रदूषण, श्रम, ऊर्जा, नगर विकास, अग्निशमन जैसे विभागों की जिम्मेवारी ज्यादा है। राज्य सरकार हर तीन माह में यह बैठक करेगी। विभागीय सचिव
समय-समय पर बैठक कर अपने अधिकारियों को निवेशकों-व्यापारियों की समस्या के समाधान के लिए निर्देशित करते रहें। यह सुनिश्चित करें कि कोई भी आवदेन समयबद्ध निष्पादित हो और रिजेक्शन कम से कम हो। सरलीकरण का लाभ आम लोगों को मिले। नगर विकास विभाग से उन्होंने कहा कि घर का नक्शा पास करना पूरी तरह से ऑनलाइन करें। इससे भ्रष्टाचार रूकेगा। निवेशकों के लिए जनसंवाद दुरभाष संख्या 181 में अलग सेल बनायें। शिकायतों की जांच करें और दोषी अधिकारी-कर्मचारी पर कड़ी कार्रवाई करें। हम सभी को अपनी मानसिकता बदलनी होगी। अवैध तरीके से कमाये पैसों से जीवन में शांति नहीं आ सकती है। सुकुन की नींद चाहिए, तो गरीब की भलाई के लिए काम करें। गलत तरीके से आये पैसों से बच्चों के जीवन पर भी गलत असर पड़ता है।

मुख्यमंत्री ने सभी विभागों से अभियान चलाकर अगले 15 दिनों में सारे लंबित मामलों के निष्पादन का निदेश दिया। ऊर्जा विभाग को बिजली, बिल व मरम्मति में सुधार को कहा। किसी फैक्टरी में छापा मारी करने के लिए जो गाइडलाइन बनायी गयी है, उसका पालन करने को कहा। बिना वरीय अधिकारी को सूचित किये कहीं छापेमारी न हो और सभी विभाग के अधिकारियों की टीम साथ रहे। वन विभाग को ऑफलाइन आवेदन बंद कर केवल ऑनलाइन प्रक्रिया चलाने का निदेश दिया।

बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राजबाला वर्मा ने कहा कि राज्य के विकास के लिए निवेश जरूरी है। ईज ऑफ डुईंग बिजनेस में झारखंड को लीडर स्टेट का दर्जा मिला हुआ है। टीम के रूप में काम कर हम इसमें और सुधार कर सकते हैं। निवेशकों, व्यापारियों व आम लोगों के सहयोगी के रूप में काम करें। उन्हें मदद करें। उद्योग सचिव सुनील कुमार वर्णवाल ने कहा कि अगली बार से हर जिले की रैंकिंग होगी। झारखंड हर जिले में ईज ऑफ डुईंग बिजनेस मैनेजर बहाल करने वाले राज्यों में शामिल है। हर जिला खुद को टॉप में लाने का प्रयास करे।
कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव अमित खरे, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, विभिन्न विभागों के सचिव, प्रधान सचिव, वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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