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डॉ. सुभाष चन्द्र यादव को 2024 का विश्वम्भर मैथिली साहित्य सम्मान प्रदान किया जायेगा

राची, झारखण्ड | मार्च | 09, 2024 ::

मैथिली भाषा-साहित्य का प्रतिष्ठित सम्मान-विश्वम्भर मैथिली साहित्य सम्मान 10 मार्च 2024 को, मैथिली के लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार, समालोचक डॉ. सुभाष चन्द्र यादव को प्रदान किया जायेगा। डॉ. यादव, मैथिली, हिन्दी, बंगला, संस्कृत, उर्दू, अंग्रेजी, स्पेनिश एवं फेंच भाषा ज्ञाता हैं। इनका जन्म 5 मार्च 1948 में हुआ। साहित्यिक विधा में डॉ. सुभाष चन्द्र यादव कथाकार, समीक्षक एवं अनुवादक है। डॉ. यादव मूलतः बलवा मेनाही, जिला सुपौल, बिहार के रहने वाले है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से हिन्दी में स्नातकोत्तर एवं शोध करने के बाद आपने कई वर्षों तक अध्यापन के क्षेत्र में योगदान दिया। महज एक कहानी घरदेखिया से सुभाष ने मैथिली व हिन्दी जगत में अपनी धमक बनाई है। इनकी कई कथा साहित्य अकादमी दिल्ली के पत्रिका समकालीन भारतीय साहित्य ‘पहल’, ‘ज्ञानोदय’ व ‘हंस’ में प्रकाशित हो चुकी है। वर्ष 2013 में सुभाष को प्रबोध साहित्य सम्मान प्रदान किया गया। डॉ. सुभाष चन्द्र यादव को साहित्य अकादमी पुरस्कार सहित अनेकों पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इन्होंने मैथिली भाषा में लगभग 70 से अधिक कथाए, 30 समीक्षा एवं हिन्दी, बंगला एवं अंग्रेजी में अनेक अनुवाद प्रकाशित है।

डॉ. यादव को विश्वम्भर मैथिली साहित्य सम्मान 2023 दिनाँक 10 मार्च को रांची के हरमू क्षेत्र स्थित स्वागतम वैकवेट हॉल में भव्य कार्यक्रम के आयोजन में समाज के गणमान्य अथिति एवं साहित्यकारों की उपस्थिति में प्रदान किया जायेगा।

विश्वम्भर फाउंडेशन ट्रस्ट का गठन वर्ष 2018 में किया गया। इसके सचिव, नवीन कुमार झा, जो मिथिला नगरी दरभंगा जिला के अथार गांव के मूल निवासी है। इनके परिवार के सदस्यों ने मिलकर अपने पिता के स्मृति में इस फाउंडेशन का गठन किया। नवीन कुमार झा और आपके अनुज, राजेश कुमार झा झारखण्ड के रांची में रियलस्टेट के व्यापार से जुड़े हैं। विश्वम्भर फाउंडेशन एक चौरिटेबल ट्रस्ट है। यह व्यास सामजिक, सांस्कृक्तिक और भाषा-साहित्य के विकास के लिए कार्य करता है। मानव सेवा सबसे बड़ा धर्म का कार्य है, इसी मूल मन्त्र को ध्यान में रखकर फाउडेशन अनवरत अपने स्थापना काल से भाषा साहित्य, शिक्षा एवं अनेको क्षेत्र में कार्य करता आया है और आगे कार्य करता रहेगा।

वर्ष 2018 से मैथिली भाषा एवं साहित्य के क्षेत्र में फाउंडेशन विश्वम्भर मैथिली साहित्य सम्मान देता आ रहा है। प्रथम वर्ष यह सम्मान सुप्रसिद्ध लेखिका श्रीमती लिली रे, द्वितीय वर्ष साहित्य कर पंडित गोविन्द झा, तृतीय वर्ष साहित्यकार कीर्तिनारायण मिश्र, चतुर्थ साहित्यकार डॉ भीम नाथ झा एवं पांचवा पुरस्कार साहित्यकार शिवशंकर श्रीनिवास को प्रदान किया गया है।

 

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