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महाराष्ट्र :: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में डेवलपमेंट एंड एनवायरमेंटल कंफलिक्ट” पर शोध पत्र प्रस्तुत करने पर सम्मानित हुए लोहरदगा के डॉ प्रसेनजीत मुखर्जी 

लोहरदगा, झारखण्ड |;जनवरी  | 06, 2023 ::  झारखंड के गुमला स्थित केओ कॉलेज के वनस्पति विज्ञान के विभागाध्यक्ष सह-लोहरदगा डॉ प्रसेनजीत मुखर्जी ने महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित 108 वीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन के पर्यावरण विज्ञान सेक्शन में अपने शोध पत्र प्रस्तुत किया। वह झारखंड के ऐसे पहले पर्यावरणविद है जो लगातार डेढ़ दशकों से नेशनल साइंस कांग्रेस में सहभागिता कर रहे हैं।
उनके शोध पत्र का विषय था “डेवलपमेंट एंड एनवायरमेंटल कंफलिक्ट” (विकास और पर्यावरण संघर्ष)उन्होंने विकास के साथ पर्यावरणीय क्षति से उत्पन्न उत्पन्न विवादों के निपटारे के लिए उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में दायर पीआईएल के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

राज्य के 38 पहाड़ियों के विलुप्त होने की हुई चर्चा

डॉ प्रसेन्नजीत मुखर्जी ने हरमू नदी, मैक्लुस्कीगंज के बंद पड़े खदानों, झारखंड के शहरी क्षेत्रों में मोबाइल टावर लगाने संबंधित, सड़क निर्माण के लिए वृक्षों का क्षरण, लोहरदगा, गुमला सिमडेगा, लातेहार और साहिबगंज में अवैध खनन के कारण 38 पहाड़ियों के विलुप्त होने से संबंधित जनहित याचिकाओं के बारे में विस्तृत चर्चा की।
पर्यावरण सक्रियता की आवश्यकताओं पर बल दिया। साथ ही पर्यावरण सक्रियता के प्रकार और महत्व पर प्रकाश डाला।
डॉ बताया कि झारखंड जनजातीय बहुल राज्य है यहां की सामाजिक, आर्थिक पृष्ठभूमि जल, जंगल और जमीन पर निर्भर करती है। झारखंड भारत के मिनिरल रेवेन्यू में 42 प्रतिशत योगदान करता है। आवश्यक है, ऐसे विकास का जिसमें विकास के साथ-साथ हमारा पर्यावरण सुरक्षित रहे।
इस मौके पर मेरठ के शोभित विश्वविद्यालय के कुलपति सह-नेशनल साइंस कांग्रेस के पर्यावरण संभाग सेक्शनल चेयरमैन डॉ अमर कुमार गर्ग और पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर इन जी तिवारी डॉ प्रसेन्नजीत मुखर्जी को शॉल और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।

 

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