dishes of jharkhand rocked in Kerala's India Food court
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केरल के इंडिया फूड कोर्ट में झारखंड के व्यंजनों की रही धूम

dishes of jharkhand rocked in Kerala's India Food court

रांची, झारखण्ड । सितम्बर | 06, 2017 ::  केरल के मल्लापुरम जिले  में आयोजित इंडिया फूड कोर्ट में झारखंड के पारंपरिक खानों को लोगों ने खूब पसंद किया।  25 अगस्त से 4 सितंबर तक सरस मेला सह इंडिया फूड कोर्ट में सखी मंडल की 4 महिलाओं ने झारखंड के पारंपरिक व्यंजनों की जमकर बिक्री की। ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत झारखंड स्टेट लाईवलीहुड प्रमोशन सोसाईटी संपोषित सखी मंडलों की 6 ग्रामीण महिलाओं ने इंडिया फूड कोर्ट मल्लापुरम में झारखंड का परचम लहराया।

ग्रामीण विकास मंत्रालय एवं केरल सरकार द्वारा आयोजित सरस मेला सह इंडिया फूड कोर्ट में करीब 10 राज्यों की समूह की महिलाएं अपने पारंपरिक व्यंजनो को लोगों को परोस रही थी। झारखंड के अलावा राजस्थान, बिहार,छत्तीसगढ, त्रिपुरा समेत अलग अलग राज्यों के खान-पान से लोगों को रुबरू होने का मौका मिला। मल्लापुरम के इंडिया फूड कोर्ट में लोगों ने झारखंड की सखी मंडल की महिलाओं द्वारा परोसे गए पारंपरिक व्यंजनों को खूब पसंद किया। झारखंड के सरली सूप को लोगों ने इतना पसंद किया की मेले के दूसरे दिन ही पूरा स्टॉक खत्म हो गया। इसके अलावा ढुसका, मड़ुआ पीठा खाने के लिए लोगों की लंबी कतार रही। वहीं झारखंड के फूड स्टॉल पर सत्तु पराठा, मेथी पराठा की भी धूम रही ।

मल्लापुरम के इंडिया फूड कोर्ट से भाग लेकर लौटी पूर्वी सिंहभूम की सरिता मुर्मू बताती है की आजीविका मिशन से कैटरिंग और खाना बनाने का प्रशिक्षण मिलने से हमारे जीवन में बड़ा बदलाव हुआ है। करल के फूड फेस्टिवल में जाकर हमने बहुत कुछ सीखा, अन्य राज्यों की समूह की दीदी लोगों से हमें बड़े स्तर पर काम करने की प्रेरणा भी मिली। सरिता बताती है कि हम महिलाओं का मेहनत रंग लाया और हमने अच्छी कमाई की है ।

गुमला में आजीविका दीदी कैफे चला रही अंशु माला देवी बताती है कि केरल के इंडिया फूड कोर्ट में भाग लेकर एक अोर जहां झारखंड के व्यंजनों को देश भर के लोगों तक पहुंचाने का सौभाग्य मिला वहीं हमलोगों ने 10 दिन में करीब दो लाख रुपये की बिक्री की। हमने केरल के इंडिया फूड कोर्ट से बहुत कुछ सीखा है, दसों दिन हमें तकनीकी सहयोग देने के लिए होटल मैनेजमेंट के लोग थे, जिन्होने हमें स्वच्छता, खाने की क्वालिटी पर काम करने में मदद की।

सखी मंडल की बहनों ने करीब एक लाख बीस हजार से ज्यादा का लाभ झारखंडी व्यंजनों की बिक्री से कमाई है ।

इंडिया फूड कोर्ट में भाग लेने के लिए जेएलएलपीएस द्वारा प्रशिक्षित दो माइक्रो इंटरप्राईज कंसल्टेंट सुधांशु एवं मनीषा के नेतृत्व में सरिता मुर्मू, सुचित्रा किस्कु ( पूर्वी सिंहभूम) अंशुमाला देवी, रेनु देवी (गुमला) समेत चार सखी मंडल की बहने शामिल हुई। भाग लेने वाली प्रतिभागियों में दो महिलाएं गुमला के बिशुनपुर प्रखण्ड मुख्यालय में आजीविका दीदी कैंटिन  भी चला रही है।

राज्य में सखी मंडल को उद्यम से जोड़ने के लिए झारखंड सरकार कृतसंकल्पित है । इसी कड़ी में पूरे राज्य में अबतक 61 आजीविका दीदी कैंटिन का संचालन सफलतापूर्वक विभिन्न प्रखण्ड एवं जिला प्रशासन कार्यालयों में किया जा रहा है। ये कैंटीन सखी मंडल की महिलाएं चला रही है।

झारखंड में सखी मंडलों को उद्यम से जोड़ने के कार्य में  कुडुम्बश्री तकनिकी सहयोग दे रहा है।

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