रांची, झारखण्ड । जनवरी | 28, 2018 :: आज इतनें व्यस्त और भागदौड़ भरे समय में जहां माता-पिता अपनें काम के प्रति जिम्मेदार हैं, वहीं बच्चों की व्यस्तता भी काफी बढ़ गई है। स्कूल से छुट्टी के बाद बच्चे अपनें खेलनें के लिए समय तो लिकाल लेते ही हैं। बस उनके खेलनें का तरीका थोड़ा अलग है। आज भारतीय खेल की जगह मोबाइल गेम नें अपना स्थान बना लिया है। हमें अपनें बच्चों को इससे दूरी बनानें और शारीरिक खेल-कूद के प्रति रूची बढ़ानी होगी। इसके लिए सबसे पहले हमें शारीरिक खेल-कूद से होनें वाले फायदे के बारें में उन्हें बताना होगा।
पहले कम साध्न और सीमित खर्च में भी बच्चे अपनें खेल के प्रति ज्यादा सक्रिय थे। समय के साथ बदलना तो अच्छी बात है। लेकिन इतना भी नहीं बदल जाना कि हम अपनी पुरानी खेलों को पीछे छोड़ते जाएं।
शारीरिक खेल जैसे-क्रिकेट, बैडमिंटन, चेस, लूडो, कैरमबोड, कबड्डी, पतंग उड़ाना, गिल्ली डंडा, लुका छिपी, छोटी-छोटी गोलियों से खेलना, गाना-गोटी, हर तरह के पजल से आकृति बनाना, पेपर गेम जैसे- राजा, मंत्रा, चोर, सिपाही आदि कई तरह के खेल हैं जो हमारे समाज के पुरानें परन्तु लाभकारी खेलों में एक हैं।
खासकर ये खेल जो बच्चों को हमेशा बौ(क, मानसिक और शारीरिक गतिविध्यिं में सक्रिय बनाती हैं। इसके लिए हमें सबसे पहले बच्चों के साथ में समय बिताना होगा। बच्चों के साथ घर के कैंपस या मैदान में ही खेलनें के लिए प्रोत्साहित करें। पास-पड़ोस के बच्चों को आपस में मिलाकर उन्हें तरह-तरह के खेल खेलनें से बहुत सारे बच्चों के साथ उन्हें रहनें का मौका तो मिलेगा ही साथ ही सामाजिक बननें की विकास की प्रक्रिया भी सहीं से शुरू होगी।
इससे बच्चों में आपसी मेल-जोल और टीम भावना में रहकर कैसे एक-दूसरे को साथ लेकर आगे बढ़ना है, इसकी भी जानकारी होगी। क्यों कि ये बच्चे ही तो आगे चलकर देश की प्रगति में सक्रिय योगदान देनें वाले हैं। फिर इन लाडलों की जिन्दगी मोबाइल या कमप्यूटर गेम तक ही सीमित क्यों रह जाये।
क्यों न हम इन्हें फिर वही ध्रोहर को अपनानें के लिए प्रेरित करें। जिनमें हमारा खुद का भी बचपन गुजरा है। तभी तो बच्चों को भी यह पता चल सकेगा कि पुरानी बातें या पुरानें तौर-तरीके हमेशा नुकसान देनें वाले नहीं होते। भलें ही विज्ञान नें कितनी ही तरक्की क्यों न कर ली हो। लेकिन हमारी दुनिया मशीनों के बीच उलझनें के बजाय थोड़ी बाहरी दुनिया में भी झांक कर देखा जाए कि बाहर इतनी सारी खेलें हमारा स्वागत करनें के लिए तैयार है।
- गुड़िया झा