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आदिवासी समन्वय समिति भारत के द्वारा दिल्ली के जंतर मंतर में छह अक्टूबर 2023 को धरना प्रदर्शन

राची, झारखण्ड | सितम्बर | 28, 2023 ::

आदिवासी समन्वय समिति भारत के द्वारा दिल्ली के जंतर मंतर में 6 अक्टूबर 2023 को धरना प्रदर्शन करने की तैयारी के संबंध में गुरुवार को केन्द्रीय धूमकुड़िया,करम टोली चौक मोराबादी रांची में संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया |
इस संवाददाता सम्मेलन में कहा गया कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) से आदिवासियों को बाहर रखा जाए क्योंकि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) देश में लागू हो गया तो आदिवासियों के प्रथागत कानून खत्म हो जाएगा, संपत्ति का अधिकार खत्म हो जाएगा, यूसीसी लागू होने से पैतृक भूमि का विखंडन बढ़ जाएगा क्योंकि महिलाओं को पैतृक भूमि पर अधिकार मिल जाएगा इससे आदिवासी महिलाओं को गैर आदिवासी पुरुष से विवाह के पश्चात आदिवासी भूमि गैर आदिवासियों के पास चली जाएगी इससे आदिवासियों के जमीन बचाने के लिए जो नियम कानून विभिन्न राज्यों में बने हैं वह सब अप्रभावी हो जाएंगे |
आदिवासियों के विकास के लिए बनाए गए पांचवी अनुसूची और पेसा कानून सब अप्रभावी हो जाएंगे |
आदिवासियों को विभिन्न क्षेत्र में मिलने वाला आरक्षण विभिन्न राज्यों के द्वारा आदिवासियों की भूमि के सुरक्षा हेतु बनाए गए कानून सब खत्म हो जाएंगे |
समान नागरिक कानून संविधान में पांचवी अनुसूची क्षेत्र और छठी अनुसूची में दिए गए प्रावधानों का उल्लंघन करेगा इसलिए यूसीसी आदिवासियों के लिए काला कानून साबित होगा इसलिए आदिवासियों को यूसीसी से बाहर रखा जाए यदि यूसीसी लागू हो गया तो इस देश से आदिवासी खत्म हो जाएंगे साथ ही मणिपुर में आदिवासी युवतियों को नग्न कर घुमाया जा रहा है उनके साथ बलात्कार कर उनकी हत्या किया जा रहा है मणिपुर में आदिवासियों का नरसंहार किया जा रहा है मणिपुर में अब तक 275 कुकी आदिवासियों की हत्या की जा चुकी है
1206 राहत शिविरों में 58848 आदिवासी लोगों ने शरण ले रखी है इसलिए इस घटना के विरोध में तथा भारत सरकार द्वारा वन संरक्षण संशोधन विधेयक 2023 को राजपत्र में प्रकाशित कराया गया यह आदिवासियों और वन में आश्रित रहने वाले समुदायों के लिए डेथ वारंट है क्योंकि इस कानून में जंगल क्षेत्र को बड़े-बड़े उद्योगपतियों को देने की बात है इस संशोधन विधेयक की सबसे बड़ी विशेषता या है कि भविष्य में किसी भी कार्य के लिए वन संबंधी कोई भी एनओसी लेने की जरूरत ग्रामसभा से नहीं पड़ेगी इस कानून के लागू होने से पेसा कानून 1996 और वन अधिकार कानून 2006 खत्म हो जाएंगे जंगल से आदिवासियों का हक उनकी आजीविका और उनके आवास सब छिन जाएगा इस विधेयक के लागू होने से वन पर निर्भर लाखों आदिवासी परिवार विस्थापित होंगे वनों से उनकी आजीविका खत्म हो जाएगी पांचवी अनुसूची और पेसा कानून का महत्व इस कानून में समाप्त कर दिया गया है अब जंगल के मामले में पेसा कानून और पांचवी अनुसूची का कोई महत्व नहीं रह जाएगा इन्हीं सब मुद्दों के विरोध में आदिवासी समन्वय समिति भारत के द्वारा दिनांक 6 अक्टूबर 2023 को नई दिल्ली के जंतर मंतर में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करना तय हुआ है इस धरना प्रदर्शन में झारखंड समेत छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र एवं असम के प्रतिनिधि भाग लेंगे |
इस संवाददाता सम्मेलन में आदिवासी समन्वय समिति भारत के समन्वयक श्री देव कुमार धान, आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेमशाही मुन्डा, आदिवासी लोहरा समाज के कार्यकारिणी अध्यक्ष श्री अभय भुटकुँवर,आदिवासी महासभा के अध्यक्ष श्री नारायण उरांव, उपस्थित थे |

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