रांची , झारखण्ड | जनवरी | 05, 2020 :: भक्ति रस में डूबे श्रद्धालु आज परमहंस योगानन्द जी की 127वीं जयन्ती हैं। रांची के योगदा सत्संग मठ में आज परमहंस योगानन्द जी का जन्मोत्सव धूम-धाम से मनाया गया। बडी संख्या में देश-विदेश से परमहंस योगानन्द पर श्रद्धा लुटानेवालों की भीड यहां जुटी और भक्ति रसधारा में खुद को डूबोने में इन्ोंने अपना ज्यादा समय बिताया। आज सुबह से ही योगदा सत्संग मठ का नजारा देखने लायक था। इस अवसर पर संस्था के महासवचव स्वामी ईश्वरानंद गिरी ने कहा: “आज विश्र्व में जो योग का प्रचार हुआ है – उसका सर्वाधिक श्रेय श्री श्री परमहंस योगनन्द जी को ही जाता है, जिस कारण उन्ें पविम में योग के जनक के नाम से भी जाना जाता है।”
बडी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड मठ ईथत शिव मंदिर में एकवित हो रही थी। जहां एक भव्य कायाक्रम आयोवजत होना था। सवाप्रथम मठ के संन्यावसयों ने परमहंस योगानन्द जी के जन्मोत्सव के अवसर हवन यज्ञ में भाग लिया, तथा वैवदक मंिों से आहुवतयां प्रदान कीं। उसके बाद परमहंस योगानन्द जी के चित्र पर माल्यापाण किया गया तथा भिन्न प्रकार से उनकी पूजा अचाना की गई। इसके बाद परमहंस योगानन्द जी की आरती उतारी गई, जिसमें सभी भिों ने अपने गुरु परमहंस योगानन्द जी को उनके जन्मोत्सव के अवसर पर हृदय से प्रणाम किया तथा स्वयं को उनके चरणों में अवपात किया। परमहंस योगानन्द जी को पुष्पाजंवल अवपात करने के बाद भंडारे का आयोजन हुआ, वजसमें बडी संख्या में रांची में रहनेवाले लोगों ने भी शिरकत की तथा परमहंस योगानन्द जी के जन्मोत्सव के अवसर पर प्रसाद ग्रहण कर, स्वयं को कृताथा वकया। ऐसे भी रांचीवावसयों को पांच जनवरी का वदन सदैव याद रहता है। वे जानते हैं वक आज परमहंस योगानन्द जी का जन्मवदन है। इसवलए आज वकसी भी हाल में योगदा सत्संग मठ जाना ही जाना है और प्रसाद ग्रहण कर स्वयं को कृताथा करना आवश्यक है। परमहंस योगानन्द जी को प्रणाम कर, आध्याक्तिक सुख की प्राक्ति करनी है। यही कारण है वक इस साल भी लोग जुटे और भजन कीतान वकया, आरती ली, प्रसाद ग्रहण वकया तथा मठ में परमहंस योगानन्द जी से जुडी स्मृवतयों को अपनी आंखों में कैद करने के वलए दौड पडे।